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पंजाब विधानसभा चुनाव 2022 की तारीखों के ऐलान से पहले DGP सिद्धार्थ चटर्जी हटाये गये, जानें इसके मायने

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पंजाब में पीएम की सुरक्षा में हुई चूक के मामले में विधानसभा चुनाव के ऐलान से ठीक पहले कार्रवाई हुई. पंजाब के डीजीपी सिद्धार्थ चट्टोपाध्याय को उनके पद से हटा दिया गया. अब नये डीजीपी नियुक्त हो गये हैं. जानें...

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चंडीगढ़: पंजाब में विधानसभा चुनाव 2022 (Punjab Assembly Election 2022) की तारीखों के ऐलान से ठीक पहले प्रदेश के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) को हटा दिया गया है. फिरोजपुर के एसएसपी को भी हटा दिया गया है. पंजाब के वर्तमान डीजीपी सिद्धार्थ चट्टोपाध्याय (Siddharth Chattopadhyay) को हटाकर उनकी जगह वीरेश कुमार भावरा (Viresh Kumar Bhawara) को नया पुलिस महानिदेशक नियुक्त किया गया है. पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी (Punjab CM Charanjit Singh Channi) की ओर से की गयी इस कार्रवाई को अलग-अलग रूप में देखा जा रहा है.

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कुछ लोग इसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) की पिछले दिनों पंजाब यात्रा के दौरान हुई सुरक्षा में चूक की वजह से की गयी कार्रवाई बता रहे हैं, तो दूसरी ओर यह भी माना जा रहा है कि चन्नी ने एक कार्रवाई करके अपनी दो समस्या का हल निकाल लिया है. दरअसल, सिद्धार्थ चट्टोपाध्याय को पंजाब प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू (Navjot Singh Sidhu) का करीबी माना जाता है. उनके दबाव में ही चन्नी को सिद्धार्थ चट्टोपाध्याय को पुलिस महानिदेशक बनाना पड़ा था.

चरणजीत सिंह चन्नी के सत्ता संभालने के बाद जब डीजीपी को बदला गया, तो तीन नामों की लिस्ट केंद्रीय लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) को भेजी गयी थी. उसमें सिद्धार्थ चट्टोपाध्याय का नाम नहीं था. जिन तीन आईपीएस अधिकारियों के नाम की अनुशंसा यूपीएससी से की गयी थी, उनमें दिनकर गुप्ता, वीरेश कुमार भावरा और प्रबोध कुमार शामिल थे.

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बहरहाल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पंजाब यात्रा के दौरान पिछले दिनों सुरक्षा में चूक का मामला सामने आया था. प्रधानमंत्री के काफिले को किसानों ने 20 मिनट तक एक फ्लाईओवर पर रोक दिया था. आखिरकार प्रधानमंत्री को अपना कार्यक्रम रद्द करना पड़ा और रैली स्थल पर जाने की बजाय वहीं से लौट जाना पड़ा.

उच्चपदस्थ सूत्र बताते हैं कि पंजाब के पुलिस महानिदेशक की ओर से हरी झंडी मिलने के बाद ही एसपीजी ने आगे बढ़ने का फैसला किया था. हालांकि, बाद में पंजाब के मुख्यमंत्री और पुलिस महानिदेशक दोनों ने अपनी-अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ लिया था. पंजाब के सीएम चन्नी ने तो फोन पर बात तक करने से इंकार कर दिया था.

हालांकि, पंजाब के मुख्यमंत्री ने बाद में पीएम की सुरक्षा में चूक के लिए मफी मांग ली थी. बता दें कि नवजोत सिंह सिद्धू ने सिद्धार्थ चट्टोपाध्याय को मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी से लड़कर डीजीपी बनवाया था.

सिद्धू के चहेते डीजीपी की कार्यशैली पर कई सवाल

सरकारी सूत्रों का कहना है कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) छोड़कर कांग्रेस में शामिल होने वाले नवजोत सिंह सिद्धू को गांधी परिवार ने हमेशा शह दी है. गांधी परिवार के दबाव में ही वह पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष बने. कैप्टन अमरिंदर सिंह को सिद्धू की शह पर ही किनारे लगाया गया और मुख्यमंत्री के पद से इस्तीफा देने के लिए मजबूर किया गया. बड़े पदों पर सिद्धू की पसंद के अधिकारियों को बैठाया गया. सिद्धू के खासमखास डीजीपी चट्टोपाध्याय पर आज कई सवाल खड़े हो गये हैं, जो इस प्रकार हैं:

  1. प्रोटोकॉल कहता है कि डीजीपी और मुख्य सचिव का प्रधानमंत्री के काफिले के साथ रहना जरूरी है. पीएम मोदी के काफिले से दोनों अधिकारी गायब थे.

  2. डीजीपी ने ही पीएम की सड़क यात्रा के लिए रूट क्लियर होने का ग्रीन सिग्नल दिया था. जिस रास्ते के क्लियर होने का डीजीपी ने ग्रीन सिग्नल दिया था, उसे प्रदर्शनकारियों ने जाम कर रखा था.

  3. प्रदर्शनकारियों ने अगर रास्ता को ब्लॉक कर दिया, तो समय रहते उसे खाली करा लेना चाहिए था, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. नतीजा यह हुआ कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का काफिला फ्लाईओवर पर 20 मिनट तक फंसा रहा. इतनी देर में कोई एक्स्ट्रा फोर्स नहीं भेजी या बुलायी गयी.

  4. पीएम की यात्रा का पूरा प्लान पहले ही तैयार कर लिया जाता है. किसी आपात स्थिति में पीएम को सुरक्षित निकालने के लिए कंटिंजेंसी प्लान होता है. वैकल्पिक रास्ते की भी व्यवस्था कर लेनी होती है. पंजाब में ऐसा कुछ भी नहीं किया गया था.

सुप्रीम कोर्ट में कल होगी सुनवाई

प्रधानमंत्री की सुरक्षा में चूक को गृह मंत्रालय ने गंभीरता से लिया और कहा कि इसे कतई बर्दाश्त नहीं किया जा सकता. मामला सुप्रीम कोर्ट भी पहुंच गया. सुप्रीम कोर्ट ने भी संकेत दिये हैं कि वह जांच की निगरानी कर सकता है. अब देखना है कि मामले को राजनीतिक रंग देने की कोशिश कर रहे कितने नेताओं के चेहरे बेनकाब होते हैं.

Posted By: Mithilesh Jha

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