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बीजेडी का दामन छोड़ बीजेपी में शामिल हुए थे भर्तृहरि महताब, 24 जून से करेंगे लोकसभा सत्र का संचालन

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नवगठित लोकसभा के लिए बीजेपी सांसद भर्तृहरि महताब को प्रोटेम स्पीकर बनाया गया है. अब भर्तृहरि ही नवनिर्वाचित सांसदों को शपथ दिलाने का काम करेंगे.

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Protem Speaker: इस बार की नवगठित लोकसभा के लिए बीजेपी सांसद भर्तृहरि महताब को प्रोटेम स्पीकर बनाया गया है. अब भर्तृहरि ही नवनिर्वाचित सांसदों को शपथ दिलाने का कार्य करेंगे. बता दें की भर्तृहरि इस लोकसभा चुनाव के ठीक पहले बीजेडी को छोड़ भाजपा में शामिल हुए थे और इन्होंने ओडशा की कटक सीट से बीजेडी के संतरूप मिश्रा को 57077 वोटों से हराया था. भर्तृहरि संसद के एक वरिष्ठ सदस्य है यही कारण है राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने इन्हें संविधान के अनुच्छेद 95(1) के तहत अस्थायी अध्यक्ष ( प्रोटेम स्पीकर) नियुक्त किया है. अब भर्तृहरि लोकसभा अध्यक्ष के चुनाव तक लोकसभा के पीठासीन अधिकारी के कर्तव्यों का निर्वहन करेंगे.

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जानें भर्तृहरि महताब के बारे में

भारतीय राजनीति में अपनी अलग पहचान बनाने वाले भर्तृहरि महताब का जन्म 8 सितंबर 1957 को ओडिशा के अगपदा जिले में हुआ था. भर्तृहरि बचपन से ही राजनीतिक माहौल में रहे. इनके पिता डॉ हरेकृष्ण महताब ओडिशा के पहले मुख्यमंत्री थे. भर्तृहरि राजनीति के क्षेत्र में एक बड़ा नाम तो हैं ही इसके साथ ही ये प्रख्यात लेखक भी है. उत्कल यूनिवर्सिटी के रावेनशॉस कॉलेज से साल 1978 में पोस्ट ग्रेजुएशन करने के बाद भर्तृहरि सक्रिय राजनीति में उतर गए. 1998 के लोकसभा चुनाव में इन्होंने ओडिशा की कटक सीट से चुनाव लड़ा और जीतकर संसद तक का सफर तय किया. कटक लोकसभा चुनाव क्षेत्र से रिकॉर्ड सात बार चुनाव जीतकर भर्तृहरि संसद पहुंचे. संसद में अपने शानदार वाक्तव्यों की वजह से भर्तृहरि महताब को 2017, 2018, 2019 और 2020 में संसद रत्न पुरस्कार से सम्मानित किया गया है. इस बार के लोकसभा चुनाव से ठीक पहले इन्होंने बीजू जनता दल को छोड़कर भारतीय जनता पार्टी का दामन थामा था. इस लोकसभा चुनाव में भर्तृहरि कटक सीट से बीजेडी के संतरूप मिश्रा को हराया.

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क्या होता है प्रोटेम स्पीकर

हाल ही में नवनिर्वाचित लोकसभा की कार्यवाही शुरु होने जा रही है. इसके लिए भर्तृहरि महताब को प्रोटेम स्पीकर बनाया गया है. बता दें कि लोकसभा चुनाव जीतकर सत्ता में आने वाली पार्टी या गठबंधन की प्राथमिकता प्रोटेम स्पीकर को चुनकर नियुक्त करने की होती है. इसके लिए लोकसभा में सबसे अधिक समय गुजारने वाले सदस्य या निर्वाचित सबसे वरिष्ठ सदस्य को प्रोटेम स्पीकर नियुक्त किया जाता है. संसदीय मामलों के मंत्रालय के माध्यम से जीतकर आने वाली सत्तारूढ़ पार्टी या गठबंधन प्रोटेम स्पीकर का नाम राष्ट्रपति के पास भेजता है. फिर राष्ट्रपति प्रोटेम स्पीकर को नियुक्त करते हैं इसके बाद प्रोटेम स्पीकर नवनिर्वाचित संसद के सदस्यों को शपथ दिलाते हैं. नए सांसदों को शपथ दिलाने में प्रोटेम स्पीकर की सहायता के लिए सरकार दो-तीन नामों की सिफारिश करती है. सपथ दिलाने का यह सिलसिला करीब दो दिनों चलता है. इसके बाद सभी नवनिर्वाचित सदस्य लोकसभा अध्यक्ष का चुनाव करते हैं. आखिर में जब अध्यक्ष का चुनाव चुनाव हो जाता है तब राष्ट्रपति संसद के दोनों सदनों को संयुक्त रूप से संबोधित करते हैं

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