28.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

Petrochemicals: आने वाले समय में भारत बनेगा पेट्रोकेमिकल हब

Advertisement

एशिया में भारत तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है और विकसित देशों के मुकाबले पेट्रोकेमिकल की प्रति व्यक्ति खपत काफी कम है. ऐसे में आने वाले समय में भारत में इस क्षेत्र में निवेश और मांग बढ़ने की काफी संभावना है.

Audio Book

ऑडियो सुनें

Petrochemicals: देश का केमिकल और पेट्रोकेमिकल क्षेत्र तेजी से आगे बढ़ रहा है. वर्ष 2025 तक देश का  केमिकल और पेट्रोकेमिकल क्षेत्र के लगभग 300 बिलियन डॉलर के होने की संभावना है. मौजूदा समय में इस क्षेत्र का बाजार 220 बिलियन डॉलर है. वर्ष 2040 तक देश में केमिकल और पेट्रोकेमिकल की मांग में तीन गुना इजाफा होने की संभावना है और यह एक ट्रिलियन डॉलर का हो जायेगा. शुक्रवार को इंडिया केम 2024 को संबोधित करते हुए केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री हरदीप पुरी ने यह बात कही. उन्होंने कहा कि भारत के पेट्रोकेमिकल क्षेत्र के बढ़ने की अपार संभावना है. देश में सालाना 25-30 मिलियन टन पेट्रोकेमिकल का खपत हो रहा है.

- Advertisement -

एशिया में भारत तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है और विकसित देशों के मुकाबले पेट्रोकेमिकल की प्रति व्यक्ति खपत काफी कम है. ऐसे में आने वाले समय में भारत में इस क्षेत्र में निवेश और मांग बढ़ने की काफी संभावना है. वैश्विक स्तर पर भारत पेट्रोकेमिकल का छठा सबसे बड़ा और एशिया में तीसरा सबसे बड़ा उत्पादक देश है. भारत लगभग 175 देशों को केमिकल का निर्यात करता है और वैश्विक स्तर पर कुल निर्यात का 15 फीसदी है. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि केमिकल और पेट्रोकेमिकल के कारण वैश्विक स्तर पर तेल की मांग बढ़ेगी. इसे देखते हुए भारत पेट्रोकेमिकल क्षमता का विस्तार कर रहा है. मौजूदा समय में देश की रिफाइनिंग क्षमता 257 मिलियन मीट्रिक टन सालाना है और वर्ष 2028 तक इसे 310 मिलियन मीट्रिक टन सालाना करने का लक्ष्य है. 

पेट्रोकेमिकल क्षेत्र में बढ़ रहा है निवेश


केंद्र सरकार, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम जैसे ओएनजीसी, बीपीसीएल और निजी क्षेत्र की कंपनियां इस क्षेत्र में निवेश को बढ़ा रही है. मौजूदा समय में लगभग 45 बिलियन डॉलर के निवेश पर काम चल रहा है और बढ़ती मांग को देखते हुए अतिरिक्त 100 बिलियन डॉलर के निवेश की जरूरत होगी. हरदीप पुरी ने कहा कि देश की पेट्रोकेमिकल क्षमता लगातार बढ़ रही है. मौजूदा समय में 29.62 मिलियन टन पेट्रोकेमिकल का उत्पादन हो रहा है, जो वर्ष 2030 तक 46 मिलियन टन हो सकता है. सरकार की ओर से इस क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए कई कदम उठाए गए है.

अगले एक दशक में पेट्रोकेमिल क्षेत्र में 87 बिलियन डॉलर का निवेश होने की संभावना है. देश की अर्थव्यवस्था में इस क्षेत्र का अहम योगदान है और जीडीपी में इस क्षेत्र की हिस्सेदारी 6 फीसदी है. लगभग 50 लाख लोगों को इस क्षेत्र में रोजगार मिला हुआ है. केमिकल डाई और एग्रोकेमिकल का भारत दुनिया में दूसरा सबसे बड़ा निर्यातक देश है. एग्रीकल्चर, इलेक्ट्रॉनिक्स, इंफ्रास्ट्रक्चर, ऑटोमोबाइल और टेक्सटाइल क्षेत्र में पेट्रोकेमिकल का व्यापक पैमाने पर प्रयोग होता है. देश का केमिकल क्षेत्र 12 फीसदी की दर सालाना बढ़ रहा है. लेकिन कई पेट्रो उत्पादों के लिए भारत दूसरे देशों पर निर्भर है. 

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें