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NCPCR ने अक्षय तृतीया पर बाल विवाह रोकने के लिए राज्यों को लिखा लेटर, जागरूकता कार्यक्रम का दिया निर्देश

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राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के प्रमुख सचिवों को लिखे गए पत्र में एनसीपीआर ने कहा है कि उसके बाद देश के विभिन्न हिस्सों से आगामी 3 मई को बाल विवाह किए जाने की रिपोर्ट मिली है. उसने प्रमुख सचिवों को कहा है कि 3 मई को पूरे देश में अक्षय तृतीया मनाया जा रहा है.

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नई दिल्ली : अक्षय तृतीया के मौके पर भारत के कई राज्यों में होने वाले बाल विवाह को लेकर राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) ने चिंता जाहिर करते हुए सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को आगाह किया है. उसने देश के राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के प्रमुख सचिवों को पत्र लिखकर 28 अप्रैल से पहले सभी जिलों में जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करने की सलाह दी है. शुक्रवार को राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के प्रमुख सचिवों को लिखे पत्र में एनसीपीसीआर ने कहा है कि वे सभी जिलों के जिलाधिकारियों को बाल विवाह को रोकने के लिए 28 अप्रैल से पहले जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करने का निर्देश जारी करें.

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अक्षय तृतीया पर किए जाते हैं बाल विवाह

राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के प्रमुख सचिवों को लिखे गए पत्र में एनसीपीआर ने कहा है कि उसके बाद देश के विभिन्न हिस्सों से आगामी 3 मई को बाल विवाह किए जाने की रिपोर्ट मिली है. उसने प्रमुख सचिवों को कहा है कि 3 मई को पूरे देश में अक्षय तृतीया मनाया जा रहा है, जिसे अकती या अखा तीज भी कहा जाता है और इस मौके पर देश के कई राज्यों में बहुतायत में बाल विवाह किए जाते हैं.

पंचायत स्तर पर आयोजित होगा जागरूकता कार्यक्रम

बाल अधिकारों को संरक्षित करने वाली संस्था एनसीपीसीआर ने राज्यों को दिए गए निर्देश में कहा है कि जागरूकता कार्यक्रम के तहत ग्राम पंचायत, प्रखंड, नगर निगम वार्ड और जिला तहसील स्तर पर बैठकें आयोजित करके बाल विवाह की रोकथाम के लिए जागरूकता अभियान चलाया जाए. उसने कहा है कि इस प्रकार के जागरूकता कार्यक्रम में मैरिज सर्विस मुहैया कराने के लिए जिम्मेदार बाल विकास के परियोजना अधिकारी और धार्मिक गुरुओं को भी शामिल किया जाए.

स्कूल छोड़ने वाले बच्चों की तैयार होगी सूची

इसके साथ ही, एनसीपीसीआर ने स्कूल छोड़ने वाले बच्चों को ध्यान में रखते हुए उन बच्चों की विद्यालयवार सूची तैयार करने का भी निर्देश दिया है, जहां के बच्चे प्रिंसिपल या फिर हेडमास्टर को बताए बिना नियमित तौर पर कक्षाओं में शामिल नहीं हो रहे हैं. श्रम (निषेध और विनियमन) संशोधन नियम 2017 के तहत नियम 2 बी (2) के अनुसार ऐसा करना आवश्यक है.

21 अप्रैल तक रिपोर्ट सौंपने का निर्देश

अपने निर्देश में एनसीपीसीआर ने राज्यों से यह भी कहा कि बाल विवाह के खिलाफ चलाए जाने वाले जागरूकता कार्यक्रम में परिवार को सलाह देना और उनसे उचित पूछताछ करना भी शामिल है. बाल अधिकार संरक्षण संस्था ने सभी संबंधित अधिकारियों को अपने-अपने जिलों में आयोजित किए जाने वाले जागरूकता कार्यक्रम से संबंधित रिपोर्ट 21 अप्रैल तक सौंपने का निर्देश दिया है.

Also Read: भारत में 2016 से 2020 के बीच लगातार बढ़े बाल विवाह के मामले, NCRB के आंकड़ों से बड़ा खुलासा
ऑनलाइन समीक्षा बैठक करेगा एनसीपीसीआर

इसके साथ ही, एनसीपीसीआर संबंधित अधिकारियों की रिपोर्ट आने के बाद 21 अप्रैल से राज्यों के प्रत्येक जिले के अधिकारियों की ओर से संचालित जागरूकता कार्यक्रम की स्थिति की समीक्षा करने के लिए संबंधित अधिकारियों के साथ बैठक करेगा. एनसीपीसीआर की ओर से यह समीक्षा बैठक ऑनलाइन आयोजित की जाएगी.

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