17.1 C
Ranchi
Thursday, February 13, 2025 | 09:00 pm
17.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

Explainer: शिवराज सिंह चौहान के चेहरे पर बीजेपी को भरोसा नहीं? अमित शाह के मध्य प्रदेश दौरे के क्या हैं मायने

Advertisement

Mp Election 2023 : पिछले विधानसभा चुनावों के दौरान मालवा-निमाड़ अंचल में बीजेपी को तगड़े नुकसान के बारे में पार्टी की ओर से कहा जाता है कि इन चुनावों में कांग्रेस ने मतदाताओं से 'झूठे वादे' किये थे. जानें बीजेपी नेता अमित शाह के मध्य प्रदेश के दौरे के क्या हैं मायने

Audio Book

ऑडियो सुनें

MP Election 2023 : मध्य प्रदेश में इस साल विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. इससे पहले भाजपा और कांग्रेस ने तैयारी शुरू कर दी है. बड़े नेताओं की रैली भी प्रदेश में देखने को मिल रही है. इस बीच भाजपा में इन दिनों हलचल तेज हो गयी है. जहां अमित शाह (Amit Shah) 18 दिन में तीसरी बार मध्य प्रदेश के दौरा पर आने वाले हैं. वहीं, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने राजधानी दिल्ली पहुंचकर संघ के वरिष्ठ नेता और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले से मुलाकात की है जिसके बाद प्रदेश में अटकलों का दौर जारी है.

बताया जा रहा है कि मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (cm shivraj singh chouhan) अचानक दिल्ली पहुंचे. यहां उन्होंने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले से मुलाकात की. मुलाकात लगभग एक घंटे चली. आपको बता दें कि होसबोले 26 जुलाई से ही दिल्ली प्रवास पर हैं. उनके शनिवार दोपहर तक दिल्ली में रहने की बात कही जा रही है.

अमित शाह की खास नजर मध्य प्रदेश पर

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह 30 जुलाई को के इंदौर दौरे पर रहेंगे. सत्तारूढ़ बीजेपी की निगाह पश्चिमी मध्यप्रदेश के मालवा-निमाड़ अंचल के कार्यकर्ताओं में आगामी विधानसभा चुनावों से पहले नयी ऊर्जा का संचार करने पर होगी. किसानों और आदिवासियों की बड़ी आबादी वाले इस अंचल में विधानसभा की 66 सीटें हैं और 2018 के पिछले चुनावों के दौरान भाजपा को इस क्षेत्र में कांग्रेस के हाथों बड़ा नुकसान झेलना पड़ा था. अमित शाह ने आगामी विधानसभा चुनावों के मद्देनजर राजधानी भोपाल में भाजपा की कोर कमेटी की बैठक की बुधवार को अध्यक्षता की थी और इस बैठक में उनके 30 जुलाई के इंदौर दौरे की भूमिका बनी.

Also Read: Old Pension Scheme: मध्य प्रदेश में लागू होगी पुरानी पेंशन स्कीम ? कांग्रेस ने बनाया चुनावी मुद्दा

इंदौर, मालवा-निमाड़ अंचल की राजनीति का सबसे बड़ा केंद्र है और हाल के दिनों में यह पहली बार होगा, जब बड़े नेताओं की बैठक लेकर बीजेपी की चुनावी तैयारियों को कस रहे शाह बूथ स्तर तक के पार्टी कार्यकर्ताओं के बीच पहुंचने वाले हैं. शाह अपने इंदौर दौरे में बीजेपी के कम से कम 25,000 ऐसे कार्यकर्ताओं के सम्मेलन को संबोधित करेंगे और उनमें उर्जा भरेंगे ताकि पार्टी इस क्षेत्र में अच्छा प्रदर्शन करे.

पिछले चुनाव में कांग्रेस को क्यों आयी कम सीट

पिछले विधानसभा चुनावों के दौरान मालवा-निमाड़ अंचल में बीजेपी को तगड़े नुकसान के बारे में पार्टी की ओर से कहा जाता है कि इन चुनावों में कांग्रेस ने मतदाताओं से ‘झूठे वादे’ किये थे, यही वजह रही कि बीजेपी को इन इलाकों में नुकसान झेलना पड़ा. इस बार बीजेपी की ओर से कहा जा रहा है कि कांग्रेस की असलियत जनता समझ चुकी है और इस बार कांग्रेस को जनता करारा जवाब देगी.

Also Read: मध्य प्रदेश : विस चुनाव से पहले ‘विजय संकल्प यात्रा’ निकालेगी BJP, जानें कितना पड़ेगा असर ?

कांग्रेस ने कसा तंज

उधर, मध्य प्रदेश के मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने भाजपा नेता और गृह मंत्री अमित शाह के इंदौर दौरे को लेकर सत्तारूढ़ बीजेपी के प्रदेश नेतृत्व पर निशाना साधा है. कांग्रेस के मीडिया विभाग के अध्यक्ष केके मिश्रा ने कहा कि विधानसभा चुनावों से पहले बीजेपी द्वारा अपने कार्यकर्ताओं के बीच अमित शाह को लाया जाना बताता है कि प्रदेश में पार्टी के मौजूदा चेहरे बेदम हो चुके हैं. जब इन चेहरों पर भाजपा के शीर्ष नेतृत्व का ही विश्वास नहीं है, तो मतदाता इन चेहरों पर भला विश्वास क्यों करें?

2018 चुनाव में कांग्रेस को मिली थी जीत

2018 की बात करें तो इस साल चुनाव नवंबर में कराये गये थे. इस चुनाव में भाजपा और कांग्रेस के बीच कांटे की टक्कर हुई थी. कांग्रेस 114 सीट जीतकर सबसे बड़ी पार्टी के रूप में सामने आयी थी जबकि 230 सीटों वाली विधानसभा में बीजेपी को 109 सीट मिली थी. इसके बाद कमलनाथ ने सीएम पद की शपथ ली. हालांकि मार्च 2020 में ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कांग्रेस से बगावत कर दी और प्रदेश में कांग्रेस की सरकार गिर गयी. कांग्रेस की सरकार गिरने के बाद शिवराज सिंह चौहान एक बार फिर प्रदेश के सीएम बने. ज्योतिरादित्य सिंधिया ने बीजेपी का दामन था और केंद्र में मंत्री के पद पर काबिज हुए.

Also Read: ‘मामा मैजिक करत हैं’, मध्य प्रदेश में चुनाव के पहले भिड़ीं नेहा सिंह राठौर और अनामिका जैन अंबर

ज्योतिरादित्य सिंधिया भाजपा के लिए इस बार मांगेगे वोट

इस बार बीजेपी चुनाव के पहले फूंक फूंककर कदम रख रही है. पिछली बार पार्टी ने जहां खराब प्रदर्शन किया था वहां इस बार ज्यादा फोकस किया जा रहा है. इस बार कांग्रेस के साथ ज्योतिरादित्य सिंधिया नहीं हैं. पिछले चुनाव में वे कांग्रेस के पक्ष में वोट मांगते नजर आये थे. इस बार ग्वालियर के चहेते नेता भाजपा के पक्ष में वोट करने की अपील जनता से करते दिख रहे हैं. यही नहीं वे कांग्रेस पर कटाक्ष करने का कोई मौ नहीं छोड़ रहे हैं. अब देखने वाली बात होगी कि इस चुनाव में सिधिंया बीजेपी के खाते में कितनी सीट जोड़ पाते हैं.

ज्योतिरादित्य सिंधिया ने प्रियंका गांधी को लेकर क्या कहा

मध्य प्रदेश के ग्वालियर में कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने रैली के दौरान बीजेपी पर जमकर निशाना साधा. इसके बाद केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कांग्रेस पर कटाक्ष किया और कहा कि अगर कांग्रेस की सरकार होती तो क्या एयरपोर्ट, रेलवे स्टेशन, ISBT, 1000 बेड का अस्पताल संभव हो पाता? मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और पीएम मोदी की सरकार विकास और प्रगति पर केंद्रित है. केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि जो भी लोग ग्वालियर में आते हैं. उनका स्वागत है. उन्होंने प्रियंका गांधी को लेकर कहा कि शायद वो पहली बार यहां आईं हैं. उनका स्वागत सत्कार…लेकिन मंच पर जो दूसरे लोग थे वो मेहमान की तरह आये और चले गये. उन्हें ग्वालियर का विकास नहीं दिखा. सीएम शिवराज और पीएम मोदी की सरकार विकास पर केंद्रीत हैं. बदलता हुआ ग्वालियर का गवाह हर कोई है. कोरोना काल में भी हमने यहां काम किये.

Also Read: ‘समर शेष है, जनगंगा को खुल कर लहराने दो’, राहुल गांधी की याचिका खारिज होने के बाद प्रियंका गांधी ने किया ट्वीट

प्रियंका गांधी ने 12 जून को जबलपुर में एक रैली के साथ मध्य प्रदेश में अपनी पार्टी के विधानसभा चुनाव अभियान की शुरुआत की थी, जहां उन्होंने भ्रष्टाचार, बेरोजगारी और महंगाई सहित कई मुद्दों पर भाजपा की आलोचना की थी और पांच ‘‘गारंटी’’ का वादा किया था.

Also Read: MP Election 2023 : प्रियंका गांधी के वार से बौखलाए ज्योतिरादित्य सिंधिया? कांग्रेस पर किया करारा प्रहार

इस बार किन मुद्दों के साथ उतरेगी कांग्रेस

खबरों की मानें तो कांग्रेस मध्य प्रदेश में इस साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव में भ्रष्टाचार, महंगाई और राज्य पर बढ़ते कर्ज समेत अन्य मुद्दे जोर-शोर से उठाएगी. सीधी पेशाब कांड को भी कांग्रेस मुद‍्दा बना सकती है. इस बीच आपको बता दें कि मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ऐसी 66 विधानसभा सीटों पर पैनी नजर रखे हुए हैं जो लंबे समय से बीजेपी के कब्जे में है. पिछले कुछ महीनों में उन्होंने 35 जिले की 67 विधानसभा सीटों का दौरा किया और यहां कांग्रेस कार्यकर्ताओं का हौसला बढ़ाया. इधर प्रियंका गांधी खुद मध्य प्रदेश की कमान संभालती दिख रहीं हैं. उन्होंने दो रैलियां प्रदेश में की. पिछले दिनों वो ग्वालियर में थीं जहां से उन्होंने ज्योतिरादित्य सिंधिया पर इशारों-इशारों में कटाक्ष किया था.

कांग्रेस की ये है रणनीति

इस बार कांग्रेस ने जो रणनीति तैयार की है उसके अनुसार,जहां पर कांग्रेस लगातार जीत दर्ज करती आ रही है, वहां पर वह पूरी ताकत के साथ लड़ेती नजर आएगी. जबकि दूसरी ओर जिन सीटों पर कांग्रेस कमजोर है, वहां पर किस रणनीति के तहत पार्टी को मजबूत किया जाए, इसपर पार्टी मंथन कर रही है. बताया जा रहा है कि दिग्विजय सिंह को इस काम पर कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने लगाया है. कांग्रेस ने इस बार प्रदेश में जीत दर्ज करने के लिए पूरी ताकत झोंक दी है.

मध्य प्रदेश पर एक नजर

मध्य प्रदेश में 10 संभाग और 52 जिले हैं. प्रदेश के 10 संभागों के अंतर्गत आने वाले जिलों की सूची इस प्रकार है….

1. भोपाल संभाग- भोपाल, रायसेन, राजगढ़, सीहोर, विदिशा

2. ग्वालियर संभाग- अशोकनगर, शिवपुरी, दतिया, गुना, ग्वालियर

3. नर्मदापुरम संभाग- हरदा, होशंगाबाद, बैतूल

4. चंबल संभाग- मुरैना, श्योपुर, भिंड

5. इंदौर संभाग- बड़वानी, बुरहानपुर, धार, इंदौर, झाबुआ, खंडवा, खरगोन, अलीराजपुर

Also Read: मध्य प्रदेश में महिला सुरक्षा पर कांग्रेस ने बीजेपी को घेरा, सीएम शिवराज ने दी ये प्रतिक्रिया

6. जबलपुर संभाग- बालाघाट, छिंदवाड़ा, जबलपुर, कटनी, मंडला, नरसिंहपुर, सिवनी

7. रीवा संभाग- रीवा, सतना, सीधी, सिंगरौली

8. सागर संभाग- छतरपुर, दमोह, पन्ना, सागर, टीकमगढ़

9. शहडोल संभाग- शहडोल, उमरिया, डिंडोरी, अनूपपुर

10. उज्जैन संभाग- देवास, मंदसौर, नीमच, रतलाम, शाजापुर, उज्जैन

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

संबंधित ख़बरें

Trending News

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें