14.1 C
Ranchi
Thursday, February 13, 2025 | 03:46 am
14.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

Monsoon Session: मोदी सरकार के खिलाफ कांग्रेस ने दिया अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस, मणिपुर मुद्दे पर हंगामा जारी

Advertisement

Monsoon Session: विपक्षी गठबंधन सदन में आज अविश्वास प्रस्ताव लाने की तैयारी में है. विपक्षी गठबंधन का कहना है कि इससे वे चर्चा के दौरान मणिपुर मुद्दे पर सरकार को घेर कर अवधारणा बनाने की लड़ाई जीत जाएंगे. बता दें, विपक्ष पीएम मोदी के बयान के लिए अड़ा हुआ है.

Audio Book

ऑडियो सुनें

Monsoon Session: मणिपुर हिंसा मामले को लेकर विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया'(I-N-D-I-A) लोकसभा में मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाएगी. लोकसभा में पार्टी के सचेतक मणिकम टैगोर ने कहा है कि यह अविश्वास प्रस्ताव सदन में पार्टी के उपनेता गौरव गोगोई पेश करेंगे. उन्होंने कहा कि मणिपुर मुद्दे पर सरकार का अहमं तोड़ने और मणिपुर के मुद्दे पर बोलने के लिए पीएम मोदी को विवश करने के लिए यह विपक्ष का अहम हथियार है. टैगोर ने कहा कि लोकसभा अध्यक्ष कार्यालय को इसको लेकर नोटिस दिया गया है. विपक्षी नेताओं का कहना है कि अविश्वास प्रस्ताव सरकार को मणिपुर पर लंबी चर्चा के लिए मजबूर करेगा. हालांकि, संख्या बल कम होने के कारण विपक्ष का अविश्वास प्रस्ताव का सदन में विफल होना तय है, लेकिन विपक्षी गठबंधन का कहना है कि इससे वे चर्चा के दौरान मणिपुर मुद्दे पर सरकार को घेर कर अवधारणा बनाने की लड़ाई जीत जाएंगे. इसके अलावा विपक्ष अविश्वास प्रस्ताव के जरिये मणिपुर मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को संसद में बोलने के लिए विवश करने की रणनीति भी बना रहे है. हालांकि इस मामले पर सरकार इस बात पर जोर दे रही है कि मणिपुर के हालात पर चर्चा का जवाब केवल केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह देंगे.लेकिन विपक्ष पीएम मोदी के बयान के लिए अड़ा हुआ है.

आज अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस दे सकते हैं विपक्षी दल
सूत्रों के मुताबिक मणिपुर हिंसा मामले में बीते चार दिनों से मानसून सत्र में जारी गतिरोध के बीच विपक्षी गठबंधन ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस’ (I-N-D-I-A) के घटक दल आज यानी बुधवार को लोकसभा में सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस दे सकते हैं. हालांकि नोटिस के बाद यह अध्यक्ष पर निर्भर करता है कि वह सदन में नोटिस पर कब चर्चा कराते हैं. सूत्रों ने बताया कि मणिपुर के मुद्दे को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर संसद के भीतर बयान देने का दबाव बनाने के कई विकल्पों पर विचार करने के बाद यह फैसला किया गया कि अविश्वास प्रस्ताव ही सबसे कारगर रास्ता होगा, जिसके जरिये सरकार को इस मुद्दे पर चर्चा के लिए विवश किया जा सकेगा. कांग्रेस ने अपने लोकसभा सदस्यों को व्हिप जारी करके कहा है कि वे बुधवार को संसद भवन स्थित संसदीय दल के कार्यालय में मौजूद रहें.

विपक्षी दलों ने तैयार किया नोटिस का मसौदा
मणिपुर हिंसा मामले में संसद में जारी गतिरोध के बीच विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ के घटक दल आज यानी बुधवार को लोकसभा में सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस दे सकते हैं. गठबंधन ने इस नोटिस का मसौदा लगभग तैयार कर लिया है. इसके लिए जरूरी 50 सांसदों का हस्ताक्षर लेने की प्रक्रिया पूरी की जा रही है. विपक्षी गठबंधन में शामिल दलों के दोनों सदनों के नेता इस संबंध में बुधवार को बैठक कर आगे की रणनीति तय करेंगे.

सदन में अविश्वास प्रस्ताव लाने के क्या हैं नियम
विपक्षी गठबंधन सदन में आज अविश्वास प्रस्ताव लाने की तैयारी में है. लेकिन सदन में अविश्वास प्रस्ताव लाने के लिए एक प्रक्रिया के तहत जाना होता है. मसलन जो भी सांसद सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाना चाहता है पहले उसे इस तरह के प्रस्ताव देने के लिए सदन से अनुमति मांगनी होती है. इसके अलावा वह जिस दिन प्रस्ताव लाएगा उस दिन सुबह 10 बजे तक लोकसभा के महासचिव को प्रस्ताव की लिखित सूचना देनी होगी. ऐसा नहीं करने पर प्रस्ताव मंजूर नहीं किया जाएगा.

केंद्रीय गृह मंत्री ने की सदन में चर्चा की अपील
गौरतलब है कि इससे पहले मंगलवार को एक बार फिर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मणिपुर हिंसा मामले पर संसद के दोनों सदनों में विपक्षी दलों से चर्चा करने के लिए अपील की. लोकसभा में विपक्षी सदस्यों की नारेबाजी के बीच उन्होंने कहा कि जनता आपको देख रही है, चुनाव में जाना है. जनता के खौफ को ध्यान में रखें. आपसे विनती है कि मणिपुर जैसे संवेदनशील मुद्दे पर चर्चा के लिए सदन में उचित माहौल बनाएं. कितनी भी लंबी चर्चा के लिए मैं तैयार हूं. सरकार को कोई डर नहीं है, जिसको चर्चा करनी है, वह आएं.

अमित शाह ने सदन को बताया कि हिंसा मामले को लेकर उन्होंने राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी को पत्र भी लिखा है. उन्होंने कहा कि पत्र में मैंने दोनों नेताओं से आग्रह किया है कि वे मणिपुर के मसले पर चर्चा में सहयोग दें. गृह मंत्री ने सभी सदस्यों से पार्टी की विचारधारा से ऊपर उठ कर सहयोग करने का अनुरोध करते हुए कहा कि मुझे उम्मीद है कि सभी दल इस महत्वपूर्ण मुद्दे को हल करने में सहयोग करेंगे. गौरतलब है कि कांग्रेस व विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ के अन्य घटक दल मॉनसून सत्र के पहले दिन से ही मणिपुर के मुद्दे पर प्रधानमंत्री से संसद में वक्तव्य देने और चर्चा की मांग कर रहे हैं. इस कारण संसद के दोनों सदनों में चार दिनों से गतिरोध बना हुआ है.

राज्यसभा में खरगे और गोयल के बीच नोकझोंक
इधर, मणिपुर मुद्दे पर राज्यसभा में चर्चा को लेकर सदन के नेता पीयूष गोयल व विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे के बीच मंगलवार को तीखी नोकझोंक हुई. खरगे ने कहा कि विपक्षी सदस्य चार दिन से चर्चा की मांग कर रहे हैं, पर सरकार तैयार नहीं है. इस पर गोयल ने कहा कि सरकार इस विषय के साथ राजस्थान, छत्तीसगढ़, बंगाल जैसे राज्यों में महिलाओं के खिलाफ अपराध की घटनाओं पर चर्चा चाहती है. इस बीच, राज्यसभा ने छत्तीसगढ़ अनुसूचित जनजातियों से संबंधित विधेयक को पारित कर दिया. इसमें छत्तीसगढ़ में धनुहार, धनुवार, किसान, सौंरा, साओंरा और बिंझिया समुदायों को एसटी में शामिल करने का प्रस्ताव है.

विपक्ष पर भड़के बीजेपी सांसद मनोज तिवारी
वहीं, मणिपुर हिंसा मामले में मंगलवार को सदन की कार्यवाही शुरू होने के साथ ही विपक्ष का हंगामा भी शुरू हो गया. विपक्षी दल लगातार इस मुद्दे पर चर्चा की मांग करते रहे, जिसके बाद सदन स्थगित हो गया. वहीं, इस मामले पर बीजेपी सांसद मनोज तिवारी ने कहा है कि विपक्ष संसद में मणिपुर मामले पर चर्चा करना ही नहीं चाहते हैं. अपने नाम में I.N.D.I.A का इस्तेमाल करके उन्होंने दिखाया है कि यूपीए और कांग्रेस जैसे नामों के प्रति उनकी नापसंदगी है. वहीं, AAP सांसद संजय सिंह के निलंबन पर मनोज तिवारी ने कहा कि संजय सिंह उच्च सदन में पहुंच गए हैं लेकिन उनका व्यवहार सड़क के लफंगे जैसा है. उन्हें संसद के अंदर नियमों का पालन करना चाहिए.

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

संबंधित ख़बरें

Trending News

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें