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Manipur Violence: गृह मंत्री अमित शाह का आज से तीन दिवसीय दौरा, ताजा हिंसा में दो लोगों की मौत, 12 घायल

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मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने रविवार को कहा कि सुरक्षा बलों ने राज्य में शांति कायम करने के लिए अभियान शुरू करने के बाद से घरों में आगजनी और लोगों पर गोलीबारी करने में शामिल लगभग 40 सशस्त्र उग्रवादियों को मार गिराया है.

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मणिपुर में एक बार फिर से हिंसा भड़क उठी है. जिसमें 2 लोगों की मौत हो गयी, तो 12 लोग घायल हुए हैं. रविवार को जब सुरक्षा बलों ने शांमि कायम करने के लिए अभियान की शुरुआत की, तब हिंसा भड़क उठी. राज्य के विभिन्न इलाकों में उग्रवादियों तथा सुरक्षा बलों के बीच झड़पें हुईं. ताजा हिंसा की घटना के बीच केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह(Amit Shah) आज से तीन दिवसीय दौरे पर मणिपुर जायेंगे.

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जातीय संकट को खत्म करने की दिशा में काम करेंगे शाह

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह मणिपुर में चल रहे जातीय संघर्ष का समाधान तलाशने के लिए हिंसाग्रस्त राज्य का दौरा कर रहे हैं. शाह तीन दिन ठहरेंगे और जातीय संकट को खत्म करने की दिशा में काम करेंगे. अपने दौरे से पहले शाह ने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की थी. वादा किया कि समाज के सभी वर्गों के लिए न्याय सुनिश्चित किया जाएगा.

सुरक्षा बलों के साथ गोलीबारी में 40 उग्रवादी मारे गये

मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने रविवार को कहा कि सुरक्षा बलों ने राज्य में शांति कायम करने के लिए अभियान शुरू करने के बाद से घरों में आगजनी और लोगों पर गोलीबारी करने में शामिल लगभग 40 सशस्त्र उग्रवादियों को मार गिराया है. मुख्यमंत्री ने दावा किया कि हालिया दौर की झड़प समुदायों के बीच नहीं बल्कि कुकी उग्रवादियों और सुरक्षा बलों के बीच हुई है. मुख्यमंत्री ने लोगों से सुरक्षाकर्मियों की आवाजाही में बाधा नहीं डालने की अपील की और उनसे सरकार में विश्वास रखने और सुरक्षा बलों का समर्थन करने का आग्रह किया. सिंह ने कहा, हमने इतने लंबे समय तक कठिनाइयों का अनुभव किया है और हम राज्य को कभी भी बिखरने नहीं देंगे. उन्होंने कहा कि इंफाल घाटी के आसपास के इलाकों में आम लोगों के घरों पर हिंसक हमलों की घटनाओं में तेजी सुनियोजित लगती है. सिंह ने कहा कि 38 संवेदनशील क्षेत्रों की पहचान की गई है और राज्य पुलिस वहां अभियान चला रही है.

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मणिपुर के इन इलाकों में हुई ताजा हिंसा

अधिकारी ने बताया कि काकचिंग थाने से मैतेई समूह द्वारा हथियार लूटे जाने की भी अपुष्ट सूचना मिली है। उन्होंने कहा कि काकचिंग जिले के नपाट, सेरौ और पास के सुगनू में उग्रवादियों ने मैतेई समुदाय के लगभग 80 घरों में आगजनी की, जिसके कारण ग्रामीणों को आधी रात को भागना पड़ा. मणिपुर घाटी के पूर्वी हिस्से में, इंफाल पूर्वी जिले के याईंगंगपोकपी में हथियारबंद उग्रवादियों ने हमला किया और दो घरों में आग लगा दी और ग्रामीणों पर गोलीबारी की. इंफाल पश्चिम जिले के सेकमाई में, सशस्त्र उग्रवादियों ने हमला किया, जिसके कारण दोनों ओर से गोलीबारी हुई. बिष्णुपुर जिले में, सशस्त्र कुकी उग्रवादियों ने शनिवार रात फौगकचाओ इखाई, तोरबंग और कांगवई क्षेत्रों पर हमला किया, जिसमें मैतेई समुदाय के तीस से अधिक घर आग के हवाले कर दिए.

इंफाल पूर्वी और पश्चिमी जिले में कर्फ्यू में 11 घंटे की छूट को घटाया गया

ताजा हिंसा को देखते हुए जिला अधिकारियों ने इंफाल पूर्वी और पश्चिमी जिले में कर्फ्यू में 11 घंटे की छूट को घटाकर केवल साढ़े छह घंटे का कर दिया. मैतेई समुदाय द्वारा अनुसूचित जनजाति (एसटी) के दर्जे की मांग के विरोध में तीन मई को पर्वतीय जिलों में ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ के आयोजन के बाद मणिपुर में जातीय झड़पों में 75 से अधिक लोगों की मौत हो गई. आरक्षित वन भूमि से कुकी ग्रामीणों को बेदखल करने पर पहले से तनाव गहराया हुआ था. मैतेई मणिपुर की आबादी का लगभग 53 प्रतिशत हैं और ज्यादातर इंफाल घाटी में रहते हैं. राज्य में हालात सामान्य करने के लिए अर्धसैनिक बलों के अलावा सेना और असम राइफल्स की लगभग 140 टुकड़ियां तैनात करनी पड़ी, जिनमें 10,000 से अधिक कर्मी शामिल हैं.

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