इसी से जुड़ा प्रयागराज के धूमनगंज थाना क्षेत्र के कुटवा मुबारकपुर इलाके का एक दिलचस्प मामला सामने आ रहा है. यहां मुंबई एयरपोर्ट में फोर्थ क्लास में काम करने वाले प्रेम प्रकाश पांडेय लॉकडाउन होने के बाद वहां फंस गए. प्रेम प्रकाश पांडेय मुंबई के अंधेरी ईस्ट के आजाद नगर में जहां रहते थे, वहां घनी आबादी है. इसे देखते हुए कोरोना का खतरा भी बढ़ रहा था. तभी लॉकडाउन में इक्कीस दिन गुजारने के बाद प्रेम प्रकाश ने एक दिलचस्प आइडिया खोजा और व्यापारी बनकर घर आने की तरकीब सोची. अंधेरी ईस्ट के आजाद नगर में प्रेम प्रकाश का घर है वहां बहुत घनी बस्ती है और कोरोना फैलने का खतरा भी वहां अधिक था. उन्होंने देखा कि लॉकडाउन के बीच व्यापारी बनकर अपने पैतृक घर पहुंचा जा सकता है.
आखिरकार प्रेम ने व्यापारी बनकर घर पहुंचने का फैसला किया. 17 अप्रैल को मुंबई से प्रयागराज के पिंपलगांव के लिए आने योजना पर उसने काम करना शुरू किया.उसने 10 हजार रुपये में 1,300 किलो तरबूज खरीदा और उसे मिनी ट्रक पर लोड कराया. फिर उसने पिंपलगांव में 40 किलोमीटर पैदल चलकर वहां प्याज के बाजार का अध्ययन किया और 2.32 लाख रुपये में 25,520 किलो (9.10 रुपये प्रति किलो) अच्छी क्वालिटी का प्याज खरीदा. बकौल पांडेय मिनी ट्रक को 77,500 रुपये के भाड़े पर लिया गया था. प्रेम प्रकाश पांडेय का कहना है कि वे सोशल डिस्टेंसिंग का पूरा ख्याल रख रहे हैं लेकिन परिवारवालों का मानना है कि उनके इस कदम से पूरे घर के लोग सकते में हैं.
पांडेय ने बताया कि वह 23 अप्रैल को प्रयागराज पहुंचे तो ट्रक लेकर सीधे मुंडेरा मंडी पहुंचे जहां उन्होंने गाड़ी पर लदे माल को बेचने की कोशिश की. उन्होंने कहा कि अढ़तिया ने माल का नकद भुगतान करने से मना कर दिया तो वह प्याज लदा ट्रक लेकर सीधे अपने गांव कोटवा पहुंच गए और घर पर ही पूरा माल उतरवाया. उन्होंने बताया कि अभी बाजार में सागर का प्याज आ रहा है. चूंकि लॉकडाउन के चलते भाव कम है लेकिन इसके खुलने पर उन्हें प्याज की अच्छी कीमत मिल जाएगी. उन्होंने बताया कि मैंने मुंबई से यहां आने की सूचना धूमनगंज थाना में पुलिस को दे दी है. मेडिकल जांच के बाद पांडेय को क्वारंटाइन में रहने को कहा गया है.