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हड़ताल और बहिष्कार नहीं कर पायेंगे वकील, बार काउंसिल बना रहा है नियम, सुप्रीम कोर्ट को दी जानकारी

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मिश्रा ने कहा कि बार काउंसिल का मानना है कि बार एसोसिएशन से जुड़े सभी वकीलों को बिना किसी बड़ी वजह के हड़ताल या बहिष्कार नहीं करना चाहिए.

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नयी दिल्ली : बार काउंसिल ऑफ इंडिया एक ऐसा नियम बनाने जा रहा है, जिसके तहक वकीलों को हड़ताल करने और अदालत की कार्रवाई का बहिष्कार करने से रोका जायेगा. सुप्रीम कोर्ट की दी गयी एक जानकारी में बार काउंसिल ने कहा कि वह वकीलों को हड़ताल और अदालत के कार्रवाई का विरोध करने से रोकने के लिए एक नियम बना रहा है.

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न्यूज 18 की खबर के मुताबिक बार काउंसिल के नये नियमों के अनुसार वैसे वकीलों पर कार्रवाई भी की जायेगी जो हड़ताल या बहिष्कार जैसी चीजें करते हैं. काउंसिल के अध्यक्ष और वरिष्ठ अधिवक्ता मनन कुमार मिश्रा ने सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस एम आर शाह की पीठ को यह जानकारी दी. उन्होंने बताया कि इसके लिए सभी बार एसोसिएशन की एक बैठक भी बुलायी गयी है.

मिश्रा ने कहा कि बार काउंसिल का मानना है कि बार एसोसिएशन से जुड़े सभी वकीलों को बिना किसी बड़ी वजह के हड़ताल या बहिष्कार नहीं करना चाहिए. बता दें कि पूर्व में भी पीठ ने वकीलों के हड़ताल के मुद्दे से निपटने के लिए बार काउंसिल की मदद मांगी थी. पीठ एक मामले पर सुनवाई कर रही थी, जिस मामले को कोर्ट ने स्वत: संज्ञान में लिया था.

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बाद में पीठ ने बार काउंसिल के कदम की सराहना की थी. बार काउंसिल ने पीठ को बताया था कि वह पहले से ही इस मामले पर कुछ नियम बनाने पर विचार कर रहा है. पीठ ने कहा कि काउंसिल के अध्यक्ष मनन कुमार मिश्रा ने बताया कि कोरोना महामारी के कारण पूर्व के निर्देशों के अनुपालन में थोड़ी देर हुई है, लेकिन बार एसोसिएशन के साथ बैठक बुलायी गयी है.

पीठ ने यह भी कहा कि बैठक के बाद नियमों का मसौदा तैयार करने का आश्वासन मिला है. काउंसिल का यह प्रयास सराहनीय है. इसमें हड़ताल जैसी चीजों को सोशल मीडिया पर बढ़ावा देने वालों के खिलाफ भी कार्रवाई का प्रावधान होना चाहिए. साथ ही जो भी एसोसिएशन नियमों को तोड़ता है, उसे भी दंडित करने का प्रावधान किया जाना चाहिए.

Posted By: Amlesh Nandan.

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