23.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

President Election 2022: राष्ट्रपति चुनाव में क्यों इस्तेमाल नहीं होता ईवीएम? ये है वजह

Advertisement

President Election 2022: राष्ट्रपति चुनाव में ईवीएम का इस्तेमाल नहीं होता. क्या आपको पता है इसकी वजह? ईवीएम सिर्फ वोटों की काउंटिंग करता है, जबकि राष्ट्रपति चुनाव की प्रक्रिया थोड़ी जटिल है. ईवीएम को सिर्फ लोकसभा और विधानसभा चुनाव के लिए डिजाइन किया गया है.

Audio Book

ऑडियो सुनें

President Election 2022: कभी आपने सोचा है कि वर्ष 2004 के बाद से चार लोकसभा चुनावों और 127 विधानसभा चुनावों में इस्तेमाल की गयीं इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (Electronic Voting Machine – EVM) का भारत के राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति, राज्यसभा के सदस्यों तथा विधान परिषदों के सदस्यों के चुनाव में क्यों इस्तेमाल नहीं होता है?

- Advertisement -

राष्ट्रपति के चुनाव की प्रक्रिया है जटिल

ईवीएम (EVM) एक ऐसी तकनीक पर आधारित है, जहां वे लोकसभा और राज्य विधानसभाओं जैसे प्रत्यक्ष चुनावों में मतों के वाहक के रूप में काम करती हैं. मतदाता अपनी पसंद के उम्मीदवार के नाम के सामने वाले बटन को दबाते हैं और जो सबसे अधिक वोट प्राप्त करता है, उसे निर्वाचित घोषित किया जाता है. लेकिन राष्ट्रपति का चुनाव आनुपातिक प्रतिनिधित्व प्रणाली के अनुसार एकल संक्रमणीय मत के माध्यम से होता है.

Also Read: President Elections 2022: ममता बनर्जी की गोलबंदी, 15 जून को संयुक्त बैठक के लिए 22 नेताओं को भेजा न्योता
वरीयता के क्रम में मतदाता को करनी होती है वोटिंग

आनुपातिक प्रतिनिधित्व प्रणाली के अनुसार, एकल संक्रमणीय मत के माध्यम से, प्रत्येक निर्वाचक उतनी ही वरीयताएं अंकित कर सकता है, जितने उम्मीदवार चुनाव लड़ रहे हैं. उम्मीदवारों के लिए ये वरीयताएं निर्वाचक द्वारा मत पत्र के कॉलम 2 में दिये गये स्थान पर उम्मीदवारों के नाम के सामने वरीयता क्रम में, अंक 1, 2, 3, 4, 5 और इसी तरह रखकर चिह्नित की जाती है.

मतों की गिनती करता है ईवीएम

अधिकारियों ने बताया कि ईवीएम को मतदान की इस प्रणाली को दर्ज करने के लिए नहीं बनाया गया. ईवीएम मतों की वाहक हैं तथा आनुपातिक प्रतिनिधित्व प्रणाली के तहत मशीन को वरीयता के आधार पर वोटों की गणना करनी होगी और इसके लिए पूरी तरह से अलग तकनीक की आवश्यकता होगी. दूसरे शब्दों में, एक अलग प्रकार की ईवीएम की आवश्यकता होगी.

Also Read: President Election:राष्ट्रपति चुनाव को लेकर विपक्ष और सत्तापक्ष की रणनीति शुरू, सबकी निगाहें उम्मीदवार पर
1977 में ECIL को सौंपा गया EVM विकसित करने का काम

निर्वाचन आयोग की वेबसाइट के अनुसार, पहली बार 1977 में निर्वाचन आयोग में विचार के बाद इलेक्ट्रॉनिक्स कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (ईसीआईएल), हैदराबाद को इसे डिजाइन और विकसित करने का काम सौंपा गया था. ईवीएम का प्रोटोटाइप 1979 में विकसित किया गया था, जिसे 6 अगस्त 1980 को राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के समक्ष निर्वाचन आयोग द्वारा प्रदर्शित किया गया.

1982 में केरल में सबसे पहले ईवीएम के जरिये हुई वोटिंग

ईवीएम के निर्माण पर व्यापक सहमति बनने के बाद सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम भारत इलेक्ट्रॉनिक लिमिटेड (बीईएल), बैंगलोर के साथ ईसीआईएल ने इसका निर्माण किया. ईवीएम का पहली बार मई, 1982 में केरल में विधानसभा चुनाव में इस्तेमाल किया गया था. हालांकि, इसके इस्तेमाल को निर्धारित करने वाले एक विशिष्ट कानून की अनुपस्थिति के कारण सुप्रीम कोर्ट ने उस चुनाव को रद्द कर दिया.

1989 में जनप्रतिनिधित्व अधिनियम में हुआ संशोधन

इसके बाद, 1989 में संसद ने चुनावों में ईवीएम के इस्तेमाल को लेकर एक प्रावधान बनाने के लिए जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 में संशोधन किया. इसकी शुरुआत पर आम सहमति 1998 में बनी और इनका उपयोग मध्यप्रदेश, राजस्थान और दिल्ली के 25 विधानसभा क्षेत्रों में किया गया था. मई 2001 में तमिलनाडु, केरल, पुडुचेरी और पश्चिम बंगाल राज्यों में हुए विधानसभा चुनावों में, सभी विधानसभा क्षेत्रों में ईवीएम का इस्तेमाल किया गया.

2004 में पहली बार 10 लाख से अधिक ईवीएम का हुआ इस्तेमाल

तब से, प्रत्येक राज्य विधानसभा चुनाव के लिए निर्वाचन आयोग ने ईवीएम का इस्तेमाल किया है. वर्ष 2004 के लोकसभा चुनावों में देश के सभी 543 संसदीय क्षेत्रों में 10 लाख से अधिक ईवीएम का इस्तेमाल किया गया था.

Prabhat Khabar App: देश-दुनिया, बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस अपडेट, क्रिकेट की ताजा खबरे पढे यहां. रोजाना की ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए प्रभात खबर ऐप.

FOLLOW US ON SOCIAL MEDIA
Facebook
Twitter
Instagram
YOUTUBE

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें