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नूपुर शर्मा को फटकारने वाले जस्टिस ने कहा- कोर्ट की आलोचना स्वीकार है, लेकिन जजों पर निजी हमले ठीक नहीं

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जस्टिस पारदीवाला ने कहा कि न्यायाधीशों पर उनके निर्णयों के लिए व्यक्तिगत हमले एक खतरनाक परिदृश्य की ओर ले जाते हैं जहां न्यायाधीशों को यह सोचना पड़ता है कि कानून वास्तव में क्या सोचता है.

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कोर्ट की आलोचना स्वीकार है, लेकिन जजों पर निजी हमले नहीं किए जाना चाहिए. यह अच्छी बात नहीं. ये बातें नूपुर शर्मा पर टिप्पणी करने वाले जज जस्टिस जेबी पारदीवाला ने CAN फाउंडेशन द्वारा पूर्व जस्टिस एचआर खन्ना की याद में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कही. दरअसल नूपुर शर्मा पर टिप्पणी के बाद से जस्टिस पारदीवाला की सोशल मीडिया पर आलोचना की जा रही है. इसपर आलोचकों को जस्टिस पारदीवाला ने जवाब दिया.

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न्यायधीशों पर नीजि हमले ठीक नहीं- जस्टिस पारदीवाला

जस्टिस पारदीवाला ने कहा कि न्यायाधीशों पर उनके निर्णयों के लिए व्यक्तिगत हमले एक खतरनाक परिदृश्य की ओर ले जाते हैं जहां न्यायाधीशों को यह सोचना पड़ता है कि कानून वास्तव में क्या सोचता है, बजाय इसके की मीडिया क्या सोचता है. उन्होंने कहा कि कानून का शासन भारतीय लोकतंत्र की सबसे विशिष्ट विशेषता है, जनता की राय को कानून के शासन के अधीन होना चाहिए. पारदीवाला ने कहा हम अधिकारों के संरक्षक हैं और लोगों को वे बातें बतानी हैं जो उन्हें पसंद नहीं हैं. न्यायिक फैसले जनमत के प्रभाव का प्रतिबिंब नहीं हो सकते.

सोशल मीडिया पर लगे लगाम

जस्टिस पारदीवाला ने आगे कहा कि सोशल मीडिया का उपयोग अक्सर विशुद्ध कानूनी और संवैधानिक मुद्दों का राजनीतिकरण करने के लिए किया जाता है. उन्होंने कहा सोशल मीडिया पर संवेदनशील मुद्दों को लेकर लगाम लगाया जाना चाहिए. संसद को भी इस पर विचार करने की जरूरत है.

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नूपुर शर्मा को कोर्ट ने लगाई फटकार

गौरतलब है कि विवादित टिप्पणी के बाद भाजपा की निलंबित प्रवक्ता नूपुर शर्मा पर देश के कई हिस्सो में मामला दर्ज किए गए हैं. नूपुर शर्मा एफआईआर को दिल्ली ट्रांसफर करने की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट पहुंची थी. जिसकी सुनवाई जस्टिस जेबी पालदीवाला की कोर्ट में हुई थी. सुनवाई के दौरान कोर्ट ने फटकार लगात हुए कहा था कि उदयपुर में हुए हत्याकांड के लिए नूपुर शर्मा जिम्मेदार हैं. उन्हें देशवासियों से टेलीविजन पर आकर माफी मांगनी चाहिए.

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