17.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

Joshimath Crisis: कई लोग घर छोड़ने को तैयार नहीं, मुख्य सचिव ने कहा: एक-एक मिनट अहम

Advertisement

Joshimath News: जिला प्रशासन ने असुरक्षित 200 से अधिक घरों पर लाल निशान लगा दिया है. उसने इन घरों में रहने वाले लोगों को या तो अस्थायी राहत केंद्रों में जाने या किराये के घर में स्थानांतरित होने को कहा है.

Audio Book

ऑडियो सुनें

Joshimath Crisis: जोशीमठ में बड़ी संख्या में लोग जमीन धंसने के कारण असुरक्षित घोषित किये गये हैं और अपने घरों को छोड़कर जाने के इच्छुक नहीं हैं, वहीं उत्तराखंड के मुख्य सचिव एस एस संधू ने कहा कि एक-एक मिनट अहम है. संधू ने लोगों को प्रभावित क्षेत्र से तत्काल निकाले जाने का निर्देश दिया. जिला प्रशासन ने असुरक्षित 200 से अधिक घरों पर लाल निशान लगा दिया है. उसने इन घरों में रहने वाले लोगों को या तो अस्थायी राहत केंद्रों में जाने या किराये के घर में स्थानांतरित होने को कहा है. इसके लिए प्रत्येक परिवार को अगले छह महीने तक राज्य सरकार से 4,000 रुपये मासिक सहायता मिलेगी.

- Advertisement -

घरों में देखी गयी दरार

आपदा प्रबंधन प्राधिकरण, चमोली के एक बुलेटिन के अनुसार जोशीमठ में आज 68 और घरों में दरार देखी गयी, जिसके बाद जमीन धंसने से प्रभावित मकानों की संख्या 678 हो गयी है. वहीं, 27 और परिवारों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया है. इसमें कहा गया कि अब तक 82 परिवारों को कस्बे में सुरक्षित स्थानों पर भेजा गया है. राष्ट्रीय आपदा मोचन बल और राज्य आपदा मोचन बल के कर्मियों को राहत तथा बचाव प्रयासों के लिए तैनात किया गया है.

जोशीमठ में हालात की समीक्षा

संधू ने जोशीमठ में हालात की समीक्षा के लिए राज्य सचिवालय के अधिकारियों के साथ बैठक की और उनसे लोगों को घरों से निकालने के काम में तेजी लाने को कहा ताकि वे सुरक्षित रहें. उन्होंने कहा कि जिन जर्जर मकानों में दरारें आई हैं, उन्हें फौरन ढहाया जाना चाहिए ताकि, और अधिक नुकसान नहीं हो.

टूट गयीं पाइपलाइन तथा सीवर लाइन की भी हो तत्काल मरम्मत

अधिकारी ने कहा कि टूट गयीं पेयजल पाइपलाइन तथा सीवर लाइन की भी तत्काल मरम्मत की जानी चाहिए. क्योंकि, इनसे प्रभावित क्षेत्र में चीजें और जटिल हो सकती हैं. प्रभावित इलाके में रहने वाले अनेक परिवार अपने घरों से भावनात्मक मोह तोड़ नहीं पा रहे और उन्हें छोड़कर नहीं जाना चाह रहे. जो लोग अस्थायी आश्रयस्थलों में पहुंच गये हैं, वे भी खतरे में पड़े अपने खाली घरों को देखने पहुंच रहे हैं.

मैं कहीं और जाने के बजाय उसी घर में मर जाना पसंद करुंगी

कस्बे में सबसे बुरी तरह प्रभावित क्षेत्रों में शामिल मारवाड़ी वार्ड की बुजुर्ग नागरिक परमेश्वरी देवी ने कहा कि उन्होंने खुद का घर बनाने के लिए अपनी पूरी जमापूंजी लगा दी और अब उनसे इसे छोड़कर एक राहत शिविर में जाने को कहा जा रहा है. उन्होंने एक निजी समाचार चैनल से कहा- मैं कहीं और जाने के बजाय उसी घर में मर जाना पसंद करुंगी जो मेरा है. अपने घर जैसा सुकून मुझे और कहां मिलेगा.

सूरज कापरवान की कहानी कुछ ऐसी

मनोहरबाग निवासी सूरज कापरवान की कहानी भी कुछ ऐसी है. उनका परिवार अब भी घर छोड़ने का फैसला नहीं ले पाया है. सिंगधार की रहने वाली रिषी देवी का घर धीरे-धीरे धंसता जा रहा है. उन्हें अपने परिवार के साथ एक सुरक्षित जगह पर जाना पड़ा, लेकिन वह रोजाना अपने घर लौटती हैं जबकि उनके परिवार वाले उन्हें ऐसा करने से रोकते हैं. देवी अब वहां बैठकर अपने घर की दरार पड़ी दीवारों को निहारती रहती हैं.

वरांडा में सोने को मजबूर

रमा देवी के परिवार को कमरों में दरार पड़ने के बाद घर के वरांडा में सोने को मजबूर होना पड़ा और अंतत: उन्होंने दहशत में आकर घर छोड़ दिया. एक प्राथमिक स्कूल के भवन में शरण लेने वाली लक्ष्मी ने कहा कि वह स्थायी पुनर्वास चाहती हैं. उन्होंने कहा, ‘‘हम कब तक इस अस्थायी राहत शिविर में रहेंगे.

डबल इंजन की सरकार बहुत देर से जागी

कांग्रेस ने कहा कि उत्तराखंड के जोशीमठ में जमीन धंसने की त्रासदी को केंद्र सरकार को राष्ट्रीय आपदा घोषित करना चाहिए तथा वहां रेलवे एवं अन्य परियोजनाओं के कार्यों को उचित अध्ययन के बाद ही चरणबद्ध तरीके से आगे बढ़ाने की मंजूरी प्रदान करनी चाहिए. पार्टी के मीडिया एवं प्रचार प्रमुख पवन खेड़ा ने यह आरोप लगाया कि जोशीमठ की त्रासदी की खबरें पहले से आ रही थीं, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्र एवं उत्तराखंड की ‘डबल इंजन’ की सरकार बहुत देर से जागी.

मल्लिकार्जुन खरगे ने किया ट्वीट

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने ट्वीट किया, ‘‘प्रकृति रक्षति रक्षितः उत्तराखंड के देवस्थल, जोशीमठ में जो प्रकृति से खिलवाड़ कर, बेलगाम ‘विकास’ से दरारें आईं हैं, उससे पूरा देश चिंतित है और जोशीमठ के लोगों के साथ है.’’ उन्होंने सरकार से मांग की कि जोशीमठ की आपदा को ‘राष्ट्रीय आपदा’ घोषित किया जाए, वहां रेलवे और जलविद्युत सहित सभी नई परियोजनाओं पर तब तक रोक लगाई जाए, जब तक विशेषज्ञों, वैज्ञानिकों, पर्यावरणविदों और स्थानीय लोगों की कोई नवनियुक्त उच्च स्तरीय कमेटी अपनी रिपोर्ट न दे. खरगे ने कहा- जोशीमठ के विस्थापितों को सिर्फ़ ₹5,000 के बजाय, उचित मुआवज़ा पीएम केयर्स निधि से दिया जाए.

मुआवजा बढ़ाकर 50,000 रुपये प्रति पीड़ित

पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने भी मांग की कि मुआवजा बढ़ाकर 50,000 रुपये प्रति पीड़ित किया जाए और पुराने कस्बे का संरक्षण करते हुए एक ‘नया जोशीमठ’ बसाया जाए. इस बीच जोशीमठ में जमीन धंसने की वजह से उत्पन्न संकट को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने के लिए हस्तक्षेप का अनुरोध कर रहे एक याचिकाकर्ता से उच्चतम न्यायालय ने, उसकी अपील को तत्काल सुनवाई के लिए सूचीबद्ध करने के उद्देश्य से मंगलवार को इसका उल्लेख करने को कहा है.

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें