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International Trade Fair: बिहार की कला को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मिल रही है पहचान

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बिहार के ये कलाकार न केवल राज्य की सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित कर रहे हैं, बल्कि इसे आधुनिक स्वरूप देकर राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिला रहे हैं. ये कलाकार बिहार की गौरवशाली धरोहर के सच्चे प्रतिनिधि हैं और आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणास्रोत हैं

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International Trade Fair:दिल्ली में चल रहे अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेले में  साझीदार राज्य बिहार पवेलियन में तीन पद्मश्री कलाकार एवं अन्य कलाकारों द्वारा अपनी कला की जीवंत प्रदर्शन लोगों को काफी लुभा रहा है. मिथिला पेंटिंग का लाईव डेमो पद्मश्री शांति देवी व बउआ देवी तथा टिकुली आर्ट का अशोक विश्वास लाईव डेमो कर रहे हैं. वहीं टेराकोटा आर्ट का नीतू सिन्हा एवं सिक्की आर्ट का सुधीरा देवी जीवंत प्रदर्शन कर रही हैं.बिहार अपनी समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर और परंपराओं के लिए विश्व भर में जाना जाता है.

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राज्य के कलाकारों ने अपनी अद्वितीय कलाओं के माध्यम से न केवल बिहार बल्कि पूरे देश को गौरवान्वित किया है. इन कलाकारों ने प्राचीन कलाओं को संरक्षित करते हुए उन्हें आधुनिक पहचान दी है. इनमें से कुछ प्रमुख कलाकार, जैसे मधुबनी की शांति देवी, टेराकोटा विशेषज्ञ नीतू सिन्हा, सुजिनी क्राफ्ट के कलाकार चंद्रकुमार ठाकुर और टिकुली पेंटिंग के दिग्गज अशोक कुमार बिसवासुआ, बिहार की समृद्ध सांस्कृतिक परंपरा के प्रतीक हैं. बिहार के ये कलाकार न केवल राज्य की सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित कर रहे हैं, बल्कि इसे आधुनिक स्वरूप देकर राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिला रहे हैं. मिथिला पेंटिंग, टेराकोटा, सुजिनी क्राफ्ट और टिकुली पेंटिंग जैसी कलाएं बिहार की सांस्कृतिक जड़ों से जुड़ी हैं और इन्हें वैश्विक मंच पर स्थापित कर रही हैं.

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बिहार के गौरवशाली धरोहर के प्रतिनिधित्व करते कलाकार

ये कलाकार बिहार की गौरवशाली धरोहर के सच्चे प्रतिनिधि हैं और आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणास्रोत हैं. कलाकारों के मुताबिक बिहार सरकार द्वारा उन्हें इस मेले में भाग लेने का अवसर दिया गया है. उनका उद्देश्य बिहार की कला को दुनिया के सामने पेश करना और उसे उचित दामों पर अपने उत्पाद को बेचना है. पहले दिन से ही स्टॉल पर ग्राहकों की अच्छी प्रतिक्रिया मिल रही है. अधिकांश ग्राहक चांदी के बर्तन जैसे थाली, गिलास और कटोरी खरीद रहे हैं. इसके अलावा, पायल, कंगन, और छोटे गहने भी खूब पसंद किए जा रहे हैं.

प्रगति मैदान में कलाकारों के लिये भी यह पहला अनुभव है. इससे पहले उन्होंने आईएनए में दो बार प्रदर्शनी लगाई थी. कलाकारों का कहना है कि प्रगति मैदान का अनुभव बेहद शानदार है और उन्हें ग्राहकों का भरपूर समर्थन मिल रहा है. इसके साथ ही बिहार पवेलियन में भागलपुर के बिहार की पारंपरिक सिल्वर क्राफ्ट कला को इस बार भारत अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेले में खास पहचान मिल रही है. सिल्वर क्राफ्ट कलाकृतियां न केवल भारत में बल्कि अमेरिका और कनाडा जैसे देशों में भी निर्यात की जा रही हैं .2023 में पद्मश्री से सम्मानित अशोक कुमार इस समय छठ पर्व की थीम पर तीन पेंटिंग्स की एक श्रृंखला का लाइव डेमो दे रहे हैं. यह डेमो 14 नवंबर से शुरू हुआ जो 27 नवंबर तक चलेगा.

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