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आतंकी गतिविधियों के लिए बच्चों की भर्ती पर भारत ने जताई चिंता, संयुक्त राष्ट्र को दी यह सलाह

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नयी दिल्ली : भारत ने सोमवार को वैश्विक आतंकवाद (Global Terrorism) में "खतरनाक और चिंताजनक" प्रवृत्ति पर चिंता व्यक्त की. विशेष रूप से आतंक (Terror) से संबंधित गतिविधियों के लिए भर्ती किए जा रहे बच्चों की संख्या में वृद्धि पर भारत ने संयुक्त राष्ट्र (United Nations) में चिंता जतायी है. इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक महामारी की वजह से स्कूल बंद होने के बीच बच्चों का आतंक के लिए भर्ती के मामलों में काफी वृद्धि देखी गयी है. भारत ने इसके लिए जिम्मेवार सभी तत्वों को मिलने वाला संरक्षण खत्म करने का आह्वान किया है.

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नयी दिल्ली : भारत ने सोमवार को वैश्विक आतंकवाद (Global Terrorism) में “खतरनाक और चिंताजनक” प्रवृत्ति पर चिंता व्यक्त की. विशेष रूप से आतंक (Terror) से संबंधित गतिविधियों के लिए भर्ती किए जा रहे बच्चों की संख्या में वृद्धि पर भारत ने संयुक्त राष्ट्र (United Nations) में चिंता जतायी है. इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक महामारी की वजह से स्कूल बंद होने के बीच बच्चों का आतंक के लिए भर्ती के मामलों में काफी वृद्धि देखी गयी है. भारत ने इसके लिए जिम्मेवार सभी तत्वों को मिलने वाला संरक्षण खत्म करने का आह्वान किया है.

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विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने सुरक्षा परिषद में ‘बच्चे और सशस्त्र संघर्ष’ विषय पर खुली बहस में कहा कि हम वैश्विक आतंकवाद में एक खतरनाक और चिंताजनक प्रवृत्ति देख रहे हैं और यह उन बच्चों की संख्या में वृद्धि है जिन्हें भर्ती किया जा रहा है और आतंकवाद से संबंधित गतिविधियों में शामिल हैं. श्रृंगला ने कहा कि आतंकी समूह इस तथ्य का फायदा उठाते हैं कि बच्चों में हेरफेर की सबसे ज्यादा आशंका होती है। उन्होंने कहा कि महामारी के कारण स्कूल बंद होने से इन आतंकवादी समूहों को बच्चों को लक्षित करने का एक बड़ा अवसर मिला है, जिसमें ऑनलाइन रास्ते भी शामिल हैं.

उन्होंने कहा कि “हम मानते हैं कि बाल संरक्षण और आतंकवाद विरोधी एजेंडा को लागू करने में अधिक समन्वित दृष्टिकोण की आवश्यकता है. राज्यों को आतंकवाद के अपराधियों और उनके प्रायोजकों को जवाबदेह ठहराने और परिषद के बाल संरक्षण दायित्वों को पूरा करने के लिए अधिक राजनीतिक इच्छाशक्ति प्रदर्शित करने की आवश्यकता है. बच्चों के प्रति इस घोर शोषण के लिए जिम्मेदार सभी तत्वों को मिल रहे संरक्षण को खत्म किया जाना चाहिए.

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पीटीआई भाषा की खबर के मुताबिक श्रृंगला ने परिषद को बताया कि कोविड-19 महामारी के कारण सशस्त्र संघर्ष की स्थिति में प्रभावित बच्चों पर और भी नकारात्मक असर पड़ा है. इन बच्चों तक शिक्षा, स्वास्थ्य और सामाजिक सेवाओं की पहुंच बाधित हुई है. महामारी के कारण स्कूलों के बंद होने से आतंकवादी समूहों को बच्चों को निशाना बनाने का भरपूर अवसर मिला. ऑनलाइन माध्यमों से बच्चों के दिमाग में हिंसक अतिवादी विचारधाराओं को पहुंचाया गया.

उन्होंने कहा कि हमारा मानना है कि बाल संरक्षण और आतंकवाद विरोधी एजेंडे को प्रभावी रूप से लागू करने के लिए अधिव समन्वित नजरिए की जरूरत है. श्रृंगला ने परिषद को यह भी बताया कि आतंकवादी समूह इसबात को अच्छे से जानते हैं बच्चों को बरगलाना काफी आसान काम है और वे इसमें कामयाब भी हो रहे हैं. भारत ने उन लोगों को दंड से मिली छूट खत्म करने का आह्वान किया, जो बच्चों के खिलाफ घोर उल्लंघन के लिए उकसाने या उसके लिए साजिश रचने के जिम्मेदार हैं.

Posted By: Amlesh Nandan.

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