13.6 C
Ranchi
Sunday, February 9, 2025 | 02:56 am
13.6 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

India-China Tension: LAC पर चीन का सामना करने में भारतीय सेना की मदद करेगा डबल हंप कैमेल, जानिये इनकी खासियत

Advertisement

India-China Tension: भारतीय सेना ने लद्दाख में चीन से लगती वास्तविक सीमा रेखा पर निगरानी बढ़ाने के लिए ऊंटों को पट्रोलिंग और सैनिकों को राशन के काम में लगाने की योजना बनाई है.

Audio Book

ऑडियो सुनें

India-China Tension: चीनी सैनिकों की वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर मौजूदगी से चिंतित भारतीय सेना सीमाओं की चौकसी के लिए अब नई रणनीति पर काम करने जा रही है. भारतीय सेना ने लद्दाख में चीन से लगती वास्तविक सीमा रेखा पर निगरानी बढ़ाने के लिए ऊंटों को पट्रोलिंग और सैनिकों को राशन के काम में लगाने की योजना बनाई है. पूर्वी लद्दाख सीमा में चीनी सैनिकों के अतिक्रमण के चलते सेना ने यह फैसला लिया है. इसी कड़ी में रक्षा अनुसंधान एवं विकास (DRDO) संगठन ने डबल हंप कैमेल यानी दो कूबड़ों वाले ऊंट पर अपना रिसर्च पूरा कर लिया है और आने वाले दिनों में सीमा की अग्रिम चौकियों पर सैनिकों को राशन और हथियार पहुंचाने में मदद करेगा.

- Advertisement -

DRDO ने पूरा किया रिसर्च

बता दें कि बैक्ट्रियन कैमल लद्दाख जैसे इलाकों के मुफीद माने जाते हैं. लद्दाख, जम्मू कश्मीर के पहाड़ी इलाकों के मौसम के हिसाब से बैक्ट्रियन कैमल पूरी तरह फिट हैं. बताया जाता है कि दो कूबड़ वाले ऊंट नुब्रा घाटी और लद्दाख के चप्पे-चप्पे से वाकिफ हैं. इन इलाकों में सेना की गश्ती में बैक्ट्रियन ऊंट काफी मदद कर सकते हैं. बैक्ट्रियन कैमल की कई ऐसी बातें हैं जो इन्हें भारतीय सेना के लिए बेहद खास बनाती हैं. बैक्ट्रियन ऊंच 170 किलोमीटर का वजह लेकर 17 हजार फीट की ऊंचाई तक आसानी से चढ़ सकते हैं.बिना पानी के भी ये ऊंट 72 घंटे तक जिंदा रह सकते हैं.

डबल हंप कैमेल की ये हैं खासियत 

बैक्ट्रियन कैमल एक ऐसा जानवर है, जो खारा पानी को भी पी सकता है.ये रस्सी, कपड़ा, कांटेदार भोजन तक आसानी से पचा सकते हैं. ये ऊंट 65 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार तक दौड़ सकते हैं. ये कड़ाके की ठंड में भी आसानी से रह लेते हैं.साथ ही बर्फ पर तेजी से चलने में भी सक्षम हैं.इन लद्दाखी ऊंटों के बालों से शॉल और स्वेटर समेत दूसरे कपड़े बनाए जा सकते हैं.बैक्ट्रियन कैमल का इस्तेमाल सिल्क रूट पर तिब्बत और लद्दाख के बीच सामान ढोने के लिए किया जाता था. चिंता की बात यह है कि लद्दाख मं बैक्ट्रियन कैमल की आबादी करीब 400 से आसपास है.

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें