21.1 C
Ranchi
Monday, February 10, 2025 | 09:42 pm
21.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

कोरोना वैक्सीन के असर से कब तक आप संक्रमण मुक्त रह सकते हैं? भारत में हुए इस शोध से मिला जवाब

Advertisement

देश में कोरोना वैक्सीनेशन अभियान काफी तेजी से चलाया जा रहा है. करोड़ों लोग वैक्सीन की खुराक ले चुकें हैं. ऐसे में वैक्सीन का असर कब तक बना रहेगा इसका जवाब हर कोई जानना चाहता है.. हैदराबाद में वैक्सीन के असर को लेकर एक रिसर्च किया गया है.

Audio Book

ऑडियो सुनें

Corona Vaccine Research: कोरोना की वैक्सीन का असर कब तक रहता है? इससे कब तक आपको वायरस के खिलाफ प्रतिरक्षा मिलेगी? अगर आपने भी कोरोना वैक्सीन लगवाई है तो ऐसे कई सवाल आपके दिमाग में जरूर आते होंगे. वैक्सीन के असर से जुड़े इस सवाल का जवाब विशेषज्ञों ने खोज निकाला है. एक रिसर्च में यह बात सामने आई है कि हर 10 में से 3 लोगों में 6 महीने के बाद ही वैक्सीन से बनी प्रतिरोधक क्षमता का असर खत्म हो जाता है. हैदराबाद के AIG हॉस्पिटल और एशियन हेल्थकेयर ने साथ मिलकर वैक्सीन की प्रतिरोधक क्षमता के असर पर एक शोध किया है. इस रिसर्च में 1,636 ऐसे लोगों को शामिल किया गया था जिन्हें वैक्सीन की दोनों डोज दी गई थी.

- Advertisement -

भारत में हुए इस रिसर्च के बारे में AIG हॉस्पिटल के चेयरमैन डॉ. नागेश्वर रेड्डी ने जानकारी दी. उन्होंने बताया कि इस शोध को वैक्सीन से बनी प्रतिरोधक क्षमता के असर को जानने के लिए किया गया था. इसके अलावा बूस्टर डोज की आवश्यकता प्राथमिक वैक्सीनेशन के बाद कितनी है इसकी भी पता लगाना था. इस शोध में शामिल लोगों के शरीर में बने कोरोना के खिलाफ एंटीबॉडी के स्तर की जांच की गई. जिसमें पहले पैमाना निर्धारित किया गया कि जिन लोगों में एंटीबॉडी का स्तर 15 AU/ml पाया गया तो इसका मतलब प्रतिरोधक क्षमता खत्म हो गई है जबकि 100 AU/ml तक एंटीबॉडी का स्तर मिलने से प्रतिरोधक क्षमता बरकरार माना जाएगा. उन्होंने बताया कि अगर कोरोना के खिलाफ एंटीबॉडी का स्तर 100 AU/ml से कम है तो व्यक्ति के संक्रमित होने की संभावना बढ़ जाती है.

वहीं, हैदराबाद में हुए इस रिसर्च में शामिल 1636 लोगों में से 93 फीसदी को कोविशील्ड जबकि 6.2 फीसदी को को वैक्सीन और केवल 1 फीसदी ने स्पूतनिक वी की वैक्सीन ली थी. रिसर्च में पाया गया कि 30 फीसदी लोग ऐसे थे जिनमें 6 महीने बाद वैक्सीन से बनी प्रतिरोधक क्षमता का स्तर यानी एंटीबॉडी का स्तर 100 AU/ml कम पाया गया.

वहीं. शोध से जुड़े विशेषज्ञ डॉ नागेश्वर रेड्डी ने बताया कि कम उम्र के लोगों में प्रतिरोधक क्षमता बनी रहती है जबकि बुजुर्गों में यह जल्दी कम हो जाता है. वहीं, उन्होंने बूस्टर डोज को लेकर कहा कि कोमोर्बिडिटी वाले 40 साल से ज्यादा उम्र के लोगों को 6 महीने के बाद बूस्टर की डोज लगाई जा सकती है. वहीं, दूसरी और बूस्टर डोज के बीच 9 महीने का अंतर रखने से भी लोगों को फायदा होगा.

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें