16.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

गुजरात चुनाव 2022: पहली बार वोट करेंगे गुजरात की ‘मिनी अफ्रीका’ गांव के लोग, जानिए क्या कहते हैं स्थानीय?

Advertisement

समाचार एजेंसी एएनआई द्वारा साझा किए गए एक वीडियो क्लिप में जंबूर के लोगों को पारंपरिक पोशाक पहने दिखाया गया है क्योंकि वे मतदान के मौलिक अधिकार का प्रयोग करने में सक्षम होने के लिए खुशी से नृत्य कर रहे हैं. एक अन्य क्लिप में कुछ लोग दावत का लुत्फ उठाते भी नजर आ रहे हैं.

Audio Book

ऑडियो सुनें

गुजरात चुनाव 2022: गुजरात विधानसभा चुनाव के पहले चरण के लिए गुरुवार को गुजरात के 18 जिलों में फैली 182 सीटों में से 89 सीटों पर मतदान शुरू हो गया है. भारत के जूनागढ़ जिले के जम्बूर के मिनी-अफ्रीकी गांव में जश्न का माहौल है. क्योंकि गांव में पहली बार आदिवासी विशेष बूथ पर मतदान होगा.

- Advertisement -
जम्बूर में जश्न का माहौल

समाचार एजेंसी एएनआई द्वारा साझा किए गए एक वीडियो क्लिप में जंबूर के लोगों को पारंपरिक पोशाक पहने दिखाया गया है क्योंकि वे मतदान के मौलिक अधिकार का प्रयोग करने में सक्षम होने के लिए खुशी से नृत्य कर रहे हैं. एक अन्य क्लिप में कुछ लोग दावत का लुत्फ उठाते भी नजर आ रहे हैं.

क्या कहते हैं स्थानीय लोग?

वरिष्ठ नागरिक और जम्बूर गांव के निवासी रहमान ने कहा कि यह बहुत खुशी की बात है कि उनके लिए एक विशेष बूथ बनाया गया है. उन्होंने एएनआई को बताया कि यह हमारे लिए बहुत खुशी की बात है कि चुनाव आयोग ने हमारे लिए मतदान करने के लिए एक विशेष बूथ बनाने का फैसला किया है. हम वर्षों से इस गांव में रह रहे हैं. लेकिन ऐसा पहली बार हो रहा है जिससे हमें बहुत खुशी हो रही है. आगे रहमान ने कहा कि हमारे पूर्वज अफ्रीका से हैं और हम कई साल पहले भारत आए थे. जब जूनागढ़ में किला बन रहा था, तो हमारे पूर्वज काम के लिए यहां आए थे, पहले हम रतनपुर गांव में बस गए और फिर धीरे-धीरे जांवर गांव में बस गए.

Also Read: संसद शीतकालीन सत्र: सरकारी समारोहों में मांसाहारी भोजन पर प्रतिबंध लगाने का पेश किया जाएगा विधेयक

उन्होंने कहा कि अपनी अफ्रीकी जड़ों के बावजूद वे भारतीय और गुजराती परंपराओं का पालन करते हैं. तलाला से निर्दलीय चुनाव लड़ने वाले अब्दुल मगुज भाई ने कहा कि क्षेत्र में स्थानीय समुदाय पीड़ित है, उन्होंने कहा, “गांव दो नदियों के बीच में स्थित है. यहां सभी एक साथ रहते हैं. मैं तीसरी बार यहां से चुनाव लड़ रहा हूं. हम चाहते हैं कि हमें भी विधानसभा में जाना चाहिए. हमें अधिकार मिलते हैं ताकि हम और अच्छा काम कर सकें. हमें भारत का अफ्रीका कहा जाता है. हम सिद्धि आदिवासी समुदाय के रूप में जाने जाते हैं. सरकार आदिवासियों को मदद देती रहती है, वहां इसमें कोई समस्या नहीं है, लेकिन हमारा स्थानीय समुदाय यहां पीड़ित है, हमें उतनी सुविधाएं नहीं मिलती हैं.”

सिद्दी समुदाय

सिद्दी, या हब्शी, एक अनोखी जनजाति है जिसका अफ्रीकी वंश है और दक्षिण एशिया में रहता है. वे मुख्य रूप से तीन भारतीय राज्यों-गुजरात, कर्नाटक और आंध्र प्रदेश में पाए जाते हैं. नवीनतम जनगणना से पता चलता है कि उनकी जनसंख्या लगभग 0.25 मिलियन है. बताया जाता है कि वे पूर्वी अफ्रीकी दासों, नाविकों और भाड़े के सैनिकों के वंशज हैं, जिन्हें सदियों से अरब मुस्लिम व्यापारियों द्वारा भारतीय रॉयल्टी और पुर्तगालियों को आपूर्ति की जाती रही है.

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें