नयी दिल्ली : देश भर में स्वदेशी खिलौनों का उत्पादन एवं बिक्री बढ़ाने को लेकर केंद्र सरकार ने पारंपरिक खिलौनों को गुणवत्ता नियंत्रण आदेश से छूट दे दी है. खिलौनों के क्षेत्र में भारत को आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से सरकार ने यह फैसला किया है. मालूम हो कि भारतीय बाजार चीनी खिलौनों से पटे रहते थे. स्वदेशी खिलौनों को बढ़ावा देने के लिए सरकार पहले ही आयात शुल्क में 200 फीसदी की बढ़ोतरी कर चुकी है.
जानकारी के मुताबिक, केंद्र सरकार ने हाथ से बनाये पारंपरिक खिलौनों को गुणवत्ता नियंत्रण आदेश से छूट दे दी है. यह छूट अगले साल पहली जनवरी से लागू होगी. खिलौनों की बिक्री और निर्यात के लिए भारत को वैश्विक विनिर्माण केंद्र बनाने के उद्देश्य से केंद्र सरकार के उद्योग और आंतरिक व्यापार प्रोत्साहन विभाग ने व्यापक कार्य योजना तैयार की है.
केंद्र सरकार के आदेश के मुताबिक, यह छूट उन हस्तशिल्पियों को मिलेगी, जो हस्तशिल्प आयुक्त के कार्यालय से पंजीकृत होंगे. उन्हें भारतीय मानक ब्यूरो के मानक चिह्न के उपयोग से छूट प्राप्त होगी.
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के मुताबिक, देश में मझोले, छोटे और सूक्ष्म खिलौना उत्पादन इकाईयों को प्रोत्साहन उपलब्ध कराने के उद्देश्य से सरकार की ओर से उठाये जा रहे प्रयासों के रूप में डीपीआईआईटी ने खिलौना (गुणवत्ता नियंत्रण) द्वितीय संशोधन आदेश, 2020 जारी किया है.
विभाग द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि ”इस आदेश में कुछ भी पेटेंट, डिजाइन एवं ट्रेडमार्क कार्यालय के भौगोलिक संकेतक पंजीयक द्वारा भौगोलिक संकेतक के रूप में पंजीकृत उत्पादों के पंजीकृत स्वामी तथा अधिकृत उपयोगकर्ता द्वारा विनिर्मित तथा बेची गयी वस्तुओं और सामान पर लागू नहीं होगा.”
मालूम हो कि भारतीय बाजार पर चीनी खिलौनों का कब्जा हो गया था. इसके बाद सरकार ने स्वदेशी खिलौना उद्योग में जान फूंकने के लिए आयात शुल्क में 200 फीसदी की भारी वृद्धि की है.