13.1 C
Ranchi
Sunday, February 16, 2025 | 04:26 am
13.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

पूर्व आईपीएस अफसर संजीव भट्ट की पत्नी की याचिका गुजरात हाई कोर्ट में खारिज, जानें क्या है मामला

Advertisement

पूर्व IPS अफसर संजीव भट्ट की पत्नी ने गुजरात हाई कोर्ट में परिवार को मिली सुरक्षा वापस लेने के कारणों को जानने के लिए याचिका दायर की थी, इस याचिका को आज गुजरात हाई कोर्ट ने खारिज कर दिया है. याचिका को खारिज करते हुए जस्टिस निरजर देसाई ने अपनी तर्क पेश की.

Audio Book

ऑडियो सुनें

Gujarat High Court: पूर्व आईपीएस अफसर संजीव भट्ट की पत्नी ने गुजरात हाई कोर्ट में परिवार को मिली सुरक्षा वापस लिए जाने के पीछे के कारणों का पता लगाने के लिए एक याचिका दायर की थी. इस याचिका को आज गुजरात हाई कोर्ट ने खारिज कर दिया है. संजीव भट्ट की पत्नी श्वेता भट्ट द्वारा याचिका को खारिज करते हुए जस्टिस निर्जर देसाई ने तर्क भी दिए हैं.

श्वेता भट्ट की याचिका खारिज

गुजरात उच्च न्यायालय ने भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के पूर्व अधिकारी संजीव भट्ट की पत्नी श्वेता भट्ट की वह याचिका आज खारिज कर दी जिसमें उन्होंने परिवार को मिली पुलिस सुरक्षा को वापस लेने के कारणों की जानकारी देने का अनुरोध किया था. जस्टिस निरजर देसाई ने ‘व्यापक जनहित’ में याचिका को खारिज करते हुए कहा कि- अगर सरकार को संबंधित दस्तावेजों को प्रस्तुत करने को कहते हैं तो पुलिस सुरक्षा मुहैया कराने या वापस लिये जाने की प्रक्रिया की गोपनीयता भंग होगी. अदालत ने कहा कि- भट्ट और उनके परिवार को सुरक्षा मुहैया कराई गई थी, क्योंकि वह उस मामले में गवाह थे जिसमें तत्कालीन मुख्यमंत्री (नरेंद्र मोदी) संलिप्त थे, लेकिन ‘अब वही स्थिति नहीं है क्योंकि आप (संजीव भट्ट) जेल में हैं.

साल 2015 में सेवा से किया गया बर्खास्त

संजीव भट्ट को वर्ष 2015 में सेवा से बर्खास्त कर दिया गया था और एक आदमी को फंसाने के लिए कथित तौर पर मादक पदार्थ छिपाने के आरोप में गिरफ्तार किए जाने के बाद सितंबर 2018 से ही वह जेल में बंद हैं. वर्ष 1990 में हिरासत में हुई मौत के मामले में वह उम्रकैद की सजा काट रहे हैं. भट्ट और उनके परिवार की सुरक्षा जुलाई 2018 में गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव वाली समिति की समीक्षा के बाद वापस ले ली गई थी. वर्ष 2019 में श्वेता ने सुरक्षा वापस पाने के लिए उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया और उनके वाहन की हुई दुर्घटना सहित कुछ घटनाओं का हवाला दिया. (भाषा इनपुट के साथ)

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

संबंधित ख़बरें

Trending News

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें