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Nirbhaya Case : देश में पहली बार हुई थी फॉरेंसिक डेंटिस्ट्री जांच, अधिकारी ने पढ़े थे बाहर के 300 केस

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Nirbhaya बलात्कार और हत्या मामले के चारों दोषियों को शुक्रवार तड़के 5.30 बजे फांसी पर लटका दिया गया. मामले में चले सात साल तक सुनवाई के बाद सभी दोषियों को फांसी दे दी गयी. दोषियों को फांसी तक पहुंचाने में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका फॉरेंसिक डेंटिस्ट्री जांच की रही. भारत में किसी अपराधी को पकड़ने के लिए यह पहली बार इस जांच का प्रयोग किया गया था.

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नयी दिल्ली : निर्भया बलात्कार और हत्या मामले के चारों दोषियों को शुक्रवार तड़के 5.30 बजे फांसी पर लटका दिया गया. मामले में चले सात साल तक सुनवाई के बाद सभी दोषियों को फांसी दे दी गयी. दोषियों को फांसी तक पहुंचाने में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका फॉरेंसिक डेंटिस्ट्री जांच की रही. भारत में किसी अपराधी को पकड़ने के लिए यह पहली बार इस जांच का प्रयोग किया गया था.

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बंद कमरे में बैठक– इस केस से जुड़े अफसरों ने बताया कि 17 दिसंबर की रात यानी घटना के अगले दिन दिल्ली पुलिस के तत्कालीन जॉइंट कमिश्नर विवेक गोगिया, इंस्पेक्टर राजेंद्र सिंह, वसंत विहार इंस्पेक्टर अनिल शर्मा, एशवीर, नीरज चौधरी और निर्भया की मौत से पहले आईओ प्रतिभा शर्मा मौजूद थीं. बंद कमरे में 5 घंटे तक इस केस की जांच को लेकर मीटिंग चली. तत्कालीन पुलिस कमिश्नर नीरज कुमार ने बैठक में मौजूद सभी अधिकारियों को निर्देश दिया कि इस केस के अंदर ऐसे एविडेंस बनाओ, जो भविष्य में भी दूसरे केस के लिए मिसाल बनें.

एसएचओ ने पढ़ा 300 केस स्टडी- इस केस जांच अधिकारी वसंत विहार के थाना प्रभारी अनिल शर्मा ने अलग-अलग देशों के तकरीबन 300 से अधिक केस को पढ़ा. साथ ही उसमें जुटाये गये सभी एविडेंस पर काम किया. इसके बाद शर्मा की मुलाकात आसित आचार्य से हुई जिसके बाद इस पूरे मामले की जांच फॉरेंसिक डेंटिस्ट्री के माध्यम से की गयी.

असित ने दिया था आइडिया– पुलिस को इस मामले में फॉरेंसिक डेंटिस्ट्री से जांच कराने का आइडिया मशहूर फॉरेंसिक डेंटिस्ट्र डॉ असित आचार्य ने दिया था. आचार्य के कहने पर निर्भया के शरीर पर मौजूद दांतों के निशान की फोटो और पकड़े गये दोषियों के दांतों का निशान मिलाया गया. इसके अलावा, सभी दोषियों के दांतों की बनावट जांचने के लिए प्लास्टर ऑफ पेरिस दांतों का जबड़ा बनवाया गया. आसित आचार्य ने अपनी पूरी रिपोर्ट पांच दिनों में पुलिस को सौंप दी थी. उनकी इस रिपोर्ट में चार में से दो आरोपियों के दांतों के निशान निर्भया के शरीर पर मिले निशानों से मेल खा रहे थे. ये दोनों विनय और अक्षय थे.

विदेशी गवाहों के बयान वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से किया दर्ज– दिल्ली पुलिस ने निर्भया मामले में विदेश में मौजूद गवाहों के बयान को वीडियो कांफ्रेंसिंग से दर्ज किया था. दरअसल, निर्भया की मौत इलाज के दौरान सिंगापुर में हो गयी थी, जिसके कारण वहां मौजूद डॉक्टरों के बयान को गवाह के रूप में जरूरत थी.

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