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Farmers Protest: सरकार और किसान नेताओं के बीच रविवार को चौथे दौर की होगी वार्ता, MSP पर अध्यादेश की मांग पर अड़े

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Farmers Protest केंद्रीय मंत्रियों के साथ अहम बैठक से एक दिन पहले किसान नेताओं ने केन्द्र सरकार से शनिवार को मांग की कि वह न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी देने के लिए अध्यादेश लेकर आए. इसके अलावा भारतीय किसान यूनियन (चढ़ूनी) ने किसानों की मांग के समर्थन में शनिवार को हरियाणा में ट्रैक्टर […]

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Farmers Protest केंद्रीय मंत्रियों के साथ अहम बैठक से एक दिन पहले किसान नेताओं ने केन्द्र सरकार से शनिवार को मांग की कि वह न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी देने के लिए अध्यादेश लेकर आए. इसके अलावा भारतीय किसान यूनियन (चढ़ूनी) ने किसानों की मांग के समर्थन में शनिवार को हरियाणा में ट्रैक्टर मार्च निकाला जबकि भारतीय किसान यूनियन (एकता उगराहां) ने पंजाब में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के तीन वरिष्ठ नेताओं के आवासों के बाहर धरना दिया.

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सरकार और किसानों नेताओं के बीच रविवार को चौथे दौर की वार्ता

किसान नेताओं और केन्द्रीय मंत्रियों के बीच रविवार को चौथे दौर की वार्ता होनी है. केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा, वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल और गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी सहित किसान संघों की विभिन्न मांगों पर जारी बातचीत में केंद्र सरकार का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं. दोनों पक्षों के बीच इससे पहले आठ, 12 और 15 फरवरी को हुई बातचीत बेनतीजा रही थी.

किसान इन मांगों पर भी अड़े

किसान MSP के लिए कानूनी गारंटी के अलावा कृषकों के कल्याण के लिए स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू करने, किसानों और खेतिहर मजदूरों के लिए पेंशन तथा कर्ज माफी, लखीमपुर खीरी हिंसा के पीड़ितों के लिए न्याय, भूमि अधिग्रहण अधिनियम 2013 को बहाल करने और पिछले आंदोलन के दौरान मारे गए किसानों के परिवारों को मुआवजा देने की भी मांग कर रहे हैं.

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किसान आंदोलन का पांचवां दिन

संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा द्वारा आहूत ‘दिल्ली चलो’ मार्च के पांचवें दिन किसान पंजाब-हरियाणा सीमा के शंभू बॉर्डर और खनौरी बॉर्डर पर डटे रहे. किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने केन्द्र सरकार से शनिवार को मांग की कि वह एमएसपी को कानूनी गारंटी देने के लिए अध्यादेश लाए. पंधेर ने कहा कि केन्द्र के पास ‘राजनीतिक’ निर्णय लेने का अधिकार है. उन्होंने कहा, अगर केन्द्र सरकार चाहे तो वह रातोंरात अध्यादेश ला सकती है. अगर सरकार किसानों के आंदोलन का कोई समाधान चाहती है तो उसे यह अध्यादेश लाना चाहिए कि वह एमएसपी पर कानून लागू करेगी, तब बातचीत आगे बढ़ सकती है. पंधेर ने शंभू बॉर्डर पर संवाददाताओं से कहा कि जहां तक तौर तरीकों की बात है तो कोई भी अध्यादेश छह माह तक वैध होता है. उन्होंने कहा कि जहां तक स्वामीनाथन आयोग की अनुशंसा के अनुरूप ‘सी2 प्लस 50 प्रतिशत’ की मांग है, तो सरकार ‘ए2 प्लस एफएल’ फॉर्मूले के अनुसार कीमत दे रही है और ‘उसी फॉर्मूले के तहत अध्यादेश लाया जा सकता है.’

पंजाब के किसानों ने 13 फरवरी को दिल्ली के लिए शुरू किया था मार्च

पंजाब के किसानों ने मंगलवार को दिल्ली के लिए मार्च शुरू किया था, लेकिन सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें हरियाणा के साथ पंजाब की सीमा के शंभू और खनौरी बॉर्डर पर रोक दिया. तब से प्रदर्शनकारी इन दो सीमा बिंदुओं पर डटे हुए हैं. हरियाणा में गुरनाम सिंह चढ़ूनी के नेतृत्व वाले गुट ने प्रदर्शनकारी किसानों के साथ एकजुटता दिखाने के लिए कुरुक्षेत्र, यमुनानगर और सिरसा सहित कई स्थानों पर ट्रैक्टर मार्च निकाला. कुरुक्षेत्र में, गुरनाम सिंह चढ़ूनी ने पिहोवा में ट्रैक्टर मार्च का नेतृत्व किया. इसकी शुरुआत अनाज मंडी से हुई और कस्बे में मार्च निकाला गया. इस ट्रैक्टर मार्च में 150 से अधिक ट्रैक्टर शामिल हुए और प्रदर्शनकारी किसानों ने सरकार के खिलाफ तथा किसानों की एकता के पक्ष में नारे लगाए.

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