15.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

Explainer : आखिर, G-20 की बैठक में 6 मार्च को जर्मन विदेश मंत्री का एयरपोर्ट पर क्यों नहीं हुआ स्वागत?

Advertisement

आम तौर पर जब भारत में कोई खास विदेशी मेहमान किसी दौरे पर आता है, तो उसे स्वागत में एयरपोर्ट पर ही हवाईपट्टी के साथ रेड कार्पेट बिछा होता है. उस स्थान पर संबंधित मंत्रालय या विभाग के अधिकारी हाथों में फूलों का गुलदस्ता लिये हुए उनके स्वागत में खड़े होते हैं.

Audio Book

ऑडियो सुनें

नई दिल्ली : भारत दुनिया के 20 देशों के समूह (जी-20) की अध्यक्षता कर रहा है. यह भारत के लिए गर्व की बात है. जी-20 की अध्यक्षता से हर भारतीय गौरवान्वित है. लेकिन, जब देश में कोई बड़ा आयोजन होता है, तो कहीं न कहीं थोड़ी-बहुत त्रुटियां रह ही जाती हैं. कभी कोई गलती स्वागत करने वाला कर जाता है या फिर जल्दबाजी में सबसे बड़ी गलती आगंतुक ही कर जाता है. शायद, इन्हीं त्रुटियों पर किसी की नजर पड़ जाती है, तो आलेख बन जाता है.

- Advertisement -

अभी मार्च महीने के छठे दिन यानी 6 मार्च 2023 को भारत की अध्यक्षता में जी-20 देशों के विदेश मंत्रियों की एक बैठक आयोजित की गई. इसमें अमेरिका, जापान, रूस, चाइना समेत तमाम देशों के विदेश मंत्रियों के स्वागत की व्यवस्था की गई थी. मगर, जब जर्मनी की विदेश मंत्री एनालेना बेयरबॉक सोमवार को ‘भारत-भू’ (भारत-भू का अर्थ यह कि जिस भारत की धरती पर पैदा होने के लिए देवता भी तरसते हैं.) पर कदम रखीं, तो उनका स्वागत नहीं हुआ. आइए, जानते हैं कि इसमें किसकी गलती और किसी जल्दबाजी थी.

जर्मन विदेश मंत्री का एयरपोर्ट पर नहीं हुआ स्वागत

अंग्रेजी के अखबार इंडियन एक्सप्रेस की वेबसाइट पर प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार, 6 मार्च 2023 को जर्मनी की विदेश मंत्री ऐनालेना बेयरबॉक के भारत आगमन पर जी-20 के अन्य विदेश मंत्रियों की तरह स्वागत नहीं किए जाने पर क्षोभ जाहिर करते हुए भारत में जर्मन के राजदूत फिलिप एकरमैन ने कहा कि भारत ने इस हफ्ते सबसे बेहतरीन काम किया. इसमें कहीं कोई त्रुटि नहीं थी. उन्होंने कहा कि ऐनालेना बेयरबॉक बीते 1 मार्च 2023 से भारत में शुरू हुई जी-20 के विदेश मंत्रियों की बैठक में शामिल होने के लिए यहां आईं, लेकिन जब वह विमान से उतनर रही थीं, तो एयरपोर्ट पर उनके लिए उस प्रकार के रेड कार्पेट नहीं बिछाए गए, जो जी-20 अन्य देशों के विदेश मंत्रियों के लिए बिछाए गए.

सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल

उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया पर वायरल वीडियों में साफ दिख रहा है कि बेयरबॉक नई दिल्ली के एयरपोर्ट पर अपने विमान से अकेले ही उतरी हैं. उनके स्वागत में भारतीय विदेश मंत्रालय का कोई अधिकारी तक मौजूद नहीं था. इसके बाद, आरोप यह लगने लगे कि भारत के लोग जर्मन विदेश मंत्री के साथ अन्य गणमान्य व्यक्तियों से अलग व्यवहार करने लगे.

विदेशी हस्तियों के स्वागत का क्या प्रोटोकॉल?

आम तौर पर जब भारत में कोई खास विदेशी मेहमान किसी दौरे पर आता है, तो उसे स्वागत में एयरपोर्ट पर ही हवाईपट्टी के साथ रेड कार्पेट बिछा होता है. उस स्थान पर संबंधित मंत्रालय या विभाग के अधिकारी हाथों में फूलों का गुलदस्ता लिये हुए उनके स्वागत में खड़े होते हैं. ऐसा तब होता है, जब कोई विदेशी मेहमान या मंत्री निजी विमान से भारत आ रहे होते हैं. ऐसी खास हस्तियों की यात्रा को लेकर दोनों देशों के संबंधित मंत्रालयों और विभागों के बीच पहले से ही तालमेल स्थापित रहता है. हालांकि, खराब मौसम या किसी अन्य वजह से विमान की लैंडिंग में आधे-पौन घंटे की देर हो जाती है, जिसे प्रोटोकॉल अधिकारी भली-भांति जानते हैं. मगर, सबसे बड़ा सवाल यह है कि जब जर्मन विदेश मंत्री का निजी विमान दिल्ली एयरपोर्ट पर उतरा, तो ये प्रोटोकॉल अधिकारी कहां मौजूद थे?

जर्मनी पीएम मोदी की प्राथमिकता

यह स्थिति तब है, जब कोरोना महामारी की तीसरी लहर के दौरान भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद जर्मन की यात्रा करके आए हैं. वहां पर उन्होंने प्रवासी भारतीय समुदाय के लोगों से बात करने से पहले जर्मनियों और जर्मन सरकार से भारत में निवेश करने का न्योता दिया है. उनकी इस यात्रा के दौरान फ्रांस जाने का भी प्लान बना था. पहले जर्मनी, फिर फ्रांस और तब सऊदी अरब होते हुए भारत वापसी का दौरा था. अब सवाल यह पैदा होता है कि कोरोना काल में जब भारत के प्रधानमंत्री ने जर्मनी को प्रथम वरीयता वाली सूची में रखते हुए उस देश का दौरा किया, तब अब जबकि कोरोना महामारी का असर दुनिया में न के बराबर है, तो फिर जब जर्मन की विदेश मंत्री भारत आईं, तो उनका स्वागत क्यों नहीं किया गया?

Also Read: रांची में आयोजित जी-20 सम्मेलन में किन मुद्दों पर हुई चर्चा, DSIR के सचिव ने स्थायी ऊर्जा पर कही ये बात
जर्मन राजदूत ने क्या कहा

जर्मन राजदूत फिलिप एकरमैन ने स्पष्ट किया कि यह घटना इसलिए हुई, क्योंकि बेयरबॉक का विमान जल्दी उतरा था. हालांकि, मंत्री को कुछ समय के लिए हवाई जहाज में प्रतीक्षा करने के लिए कहा गया, लेकिन उन्होंने इंतजार करने के बजाय आखिर में विमान से उतरने का फैसला खुद ही किया. समाचार एजेंसी एएनआई से बात करते हुए जर्मन राजदूत ने कहा कि हमें उन्हें बैठक स्थल तक पहुंचाना था. वह थोड़ी जल्दी आ गई थी. इसलिए जर्मन अधिकारियों ने उन्हें थोड़ी देर के लिए विमान में इंतजार करने की सूचना दी. उन्होंने कुछ नाश्ता किया और फिर अचानक ही बिना बताए विमान से नीचे उतर गईं. उन्होंने कहा कि इस इसका भारतीय प्रोटोकॉल से कोई लेना-देना नहीं है. मैं केवल बार-बार यही कह सकता हूं कि भारतीय प्रोटोकॉल ने इस सप्ताह उत्कृष्ट कार्य किया है.

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें