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Electoral Bond: ‘एसबीआई को ढाल बना रही मोदी सरकार’ चुनावी बॉन्ड को लेकर कांग्रेस का केंद्र पर हमला

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Electoral Bond: कांग्रेस ने आरोप लगाया कि सरकार अपने संदिग्ध लेनदेन को छिपाने और चुनावी बॉन्ड से संबंधित सुप्रीम कोर्ट के फैसले को नाकाम बनाने के लिए भारतीय स्टेट बैंक का ढाल के रूप में उपयोग कर रही है.

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Electoral Bond: चुनावी बॉन्ड को लेकर कांग्रेस ने केंद्र सरकार पर हमला किया है. आज यानी मंगलवार को कांग्रेस ने आरोप लगाया कि सरकार अपने संदिग्ध लेनदेन को छिपाने और चुनावी बॉन्ड से संबंधित सुप्रीम कोर्ट के फैसले को नाकाम बनाने के लिए भारतीय स्टेट बैंक का ढाल के रूप में उपयोग कर रही है. मुख्य विपक्षी दल ने यह सवाल भी किया कि देश के सबसे बड़े पूर्णतः कम्प्यूटरीकृत बैंक को चुनावी बॉन्ड की जानकारी देने के लिए इतना समय क्यों चाहिए? भारतीय स्टेट बैंक ने राजनीतिक दलों की ओर से भुनाए गए प्रत्येक चुनावी बॉन्ड के विवरण का खुलासा करने के लिए 30 जून तक समय देने का सोमवार को सुप्रीम कोर्ट से अनुरोध किया है.

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सुप्रीम कोर्ट ने सुनाया था यह फैसला

गौरतलब है की पिछले महीने अपने फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने एसबीआई को छह मार्च तक निर्वाचन आयोग को विवरण प्रस्तुत करने का निर्देश दिया था. खरगे ने सोशल मीडिया एक्स पर पोस्ट किया कि मोदी सरकार चुनावी बॉन्ड के माध्यम से अपने संदिग्ध लेनदेन को छिपाने के लिए हमारे देश के सबसे बड़े बैंक का ढाल के रूप में उपयोग कर रही है. उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने चुनावी बॉन्ड की मोदी सरकार की काला धन रूपांतरण योजना को असंवैधानिक, आरटीआई का उल्लंघन और अवैध करार देते हुए रद्द कर दिया था और एसबीआई को 6 मार्च तक दाता विवरण प्रस्तुत करने के लिए कहा था, लेकिन भाजपा चाहती है कि इसे लोकसभा चुनाव के बाद किया जाए.

बीजेपी है योजना की मुख्य लाभार्थी- कांग्रेस

उनके मुताबिक इस लोकसभा का कार्यकाल 16 जून को खत्म होगा और एसबीआई 30 जून तक डेटा साझा करना चाहती है. खरगे ने आरोप लगाया कि भाजपा इस फर्जी योजना की मुख्य लाभार्थी है. उनके अनुसार कांग्रेस पार्टी का स्पष्ट रुख रहा है कि चुनावी बॉन्ड योजना अपारदर्शी, अलोकतांत्रिक और समान अवसर को नष्ट कर देने वाली थी. खरगे ने आरोप लगाया कि मोदी सरकार प्रधानमंत्री कार्यालय और वित्त मंत्री ने भाजपा का खजाना भरने के लिए हर संस्थान आरबीआई, चुनाव आयोग, संसद और विपक्ष पर बुलडोजर चला दिया.
उन्होंने आरोप लगाया कि अब हताश मोदी सरकार उच्चतम न्यायालय के फैसले को विफल करने के लिए एसबीआई का उपयोग करने की कोशिश कर रही है.

सुप्रीम कोर्ट के फैसले से बढ़ी बीजेपी की बेचैना- सुप्रिया श्रीनेत

कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि सत्ताधारी भाजपा चुनावी बॉन्ड योजना की इकलौती सबसे बड़ी लाभार्थी है. वह सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद से बेचैन थी. चुनावी बॉन्ड योजना के 2017 में शुरू होने के बाद से पिछले वित्त वर्ष तक सभी राजनीतिक दलों को कुल मिलाकर 12,000 करोड़ रुपये मिले, जिसमें से भाजपा को अकेले 6,566.11 करोड़ रुपये मिले, जबकि कांग्रेस को 1,123.29 करोड़ रुपये मिले. उन्होंने दावा किया कि भाजपा को डर था कि उसके चंदा देने वाले मित्रों की जानकारी सार्वजनिक होते ही भाजपा की बेईमानी का सारा भंडाफोड़ हो जाएगा.

एसबीआई पर उठाया यह सवाल

सुप्रिया ने सवाल किया कि देश के सबसे बड़े पूर्णतः कम्प्यूटरीकृत बैंक को चुनावी बॉण्ड की जानकारी देने के लिए इतना समय क्यों चाहिए ? स्टेट बैंक ने जानकारी देने के लिये और समय की मांग जानकारी देने की अंतिम तिथि से एक दिन पहले ही क्यों की ? क्या कितना समय लगेगा इसकी गणना करने के लिए भी एक माह का समय लग गया ? उन्होंने इस बात पर हैरानी जताई कि 48 करोड़ अकाउंट, 66 हज़ार एटीएम और 23 हजार ब्रांच संचालित करने वाली एसबीआई को केवल 22217 चुनावी बॉन्ड की जानकारी देने के लिये 5 महीने का समय चाहिए. सुप्रिया ने आरोप लगाया कि उच्चतम न्यायालय के समक्ष स्टेट बैंक ने जानकारी देने के लिये नहीं, बल्कि भाजपा के गलत कार्यों को छिपाने के लिये समय मांगा है.

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