19.1 C
Ranchi
Wednesday, February 12, 2025 | 02:03 am
19.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

पश्चिम बंगाल में चुनावी हिंसा पर केंद्र ने कहा, भारत संघ को पक्षकार बनाया गया है ये विचारणीय नहीं है

Advertisement

बंगाल में चुनाव बाद हिंसा को लेकर दर्ज मामलों से केंद्र का कोई संबंध नहीं है. केंद्र की तरफ से पक्ष रखते हुे अटॉर्नी जनरल के के वेणुगोपाल ने कहा, सीबीआई द्वारा दर्ज मामलों और राज्य सरकार द्वारा दायर उस वाद से कोई लेना-देना नहीं है.

Audio Book

ऑडियो सुनें

बंगाल में चुनाव बाद हिंसा को लेकर दर्ज मामलों से केंद्र का कोई संबंध नहीं: केंद्र ने न्यायालय से कहा, पश्चिम बंगाल में चुनावी हिंसा को लेकर कोर्ट में सुनवाई के दौरान केंद्र का पक्ष रखते हुए अटॉर्नी जनरल के के वेणुगोपाल ने कहा, सीबीआई द्वारा दर्ज मामलों और राज्य सरकार द्वारा दायर उस वाद से कोई लेना-देना नहीं है. इन मामलों में भारत संघ को पक्षकार बनाया गया है, ऐसे में ये वाद विचारणीय नहीं है.

अटॉर्नी जनरल के के वेणुगोपाल ने न्यायमूर्ति एल नागेश्वर राव, न्यायमूर्ति बी आर गवई और न्यायमूर्ति बी वी नागरत्ना की पीठ को बताया कि सीबीआई संसद के विशेष अधिनियम के तहत स्थापित एक स्वायत्त निकाय होने के नाते स्वयं मामलों को दर्ज कर रही है और जांच कर रही है और इसमें केंद्र की कोई भूमिका नहीं है.

Also Read: पेट्रोल-डीजल पर पश्चिम बंगाल की सियासत में आया उबाल, ममता सरकार के खिलाफ सोमवार को प्रदर्शन करेगी भाजपा

उन्होंने कोर्ट में कहा, केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) एक “स्वायत्त” निकाय है, जो केंद्र सरकार द्वारा नियंत्रित नहीं है, अटॉर्नी जनरल (एजी) केके वेणुगोपाल ने मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट के समक्ष प्रस्तुत किया, जबकि सीबीआई को प्रतिबंधित करने के लिए पश्चिम बंगाल सरकार की याचिका को खारिज करने की मांग की.

राज्य में उनकी सहमति या पूर्वानुमति के बगैर मामला दर्ज करने पर भी उन्होंने सवाल खड़े किये. केंद्र का प्रतिनिधित्व करते हुए वेणुगोपाल ने न्यायमूर्ति एल नागेश्वर राव की अध्यक्षता वाली पीठ को बताया कि सीबीआई दिल्ली विशेष पुलिस स्थापना अधिनियम (डीएसपीई) के तहत काम करती है, और यह उसी कानून के तहत मामले दर्ज करने का अधिकार भी प्राप्त करती है.

“सीबीआई का गठन डीएसपीई अधिनियम के तहत किया गया है और उसके अधिकारी इस अधिनियम के तहत कार्रवाई कर रहे हैं. सीबीआई संसदीय कानून के तहत काम करने वाली एक स्वायत्त संस्था है.

Also Read: WB School Reopen: देश भर में घट रहे कोरोना के मामलों के बीच पश्चिम बंगाल में खुले स्कूल

उन्होंने बताया कि पश्चिम बंगाल सरकार का मुकदमा केवल सीबीआई के खिलाफ सभी राहत की मांग कर रहा था अपनी याचिका में राज्य की मंजूरी के बिना कोई भी नया मामला दर्ज करने के साथ-साथ सीबीआई द्वारा दर्ज 12 मामलों को रद्द करने के खिलाफ एजेंसी पर संयम बरतने का अनुरोध किया गया. इस साल अगस्त में, ममता बनर्जी सरकार ने सरकार की पूर्व स्वीकृति के बिना सीबीआई को राज्य में जांच करने से रोकने के लिए सुप्रीम कोर्ट में मुकदमा दायर किया.

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

संबंधित ख़बरें

Trending News

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें