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‘काफी सोच-विचार के बाद 500 और 1000 रुपये के नोट को किया गया बंद’, केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट में कहा

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हलफनामे में केंद्र सरकार की ओर से कहा गया है कि नोटबंदी करना जाली करेंसी, आतंक के वित्तपोषण, काले धन और कर चोरी की समस्याओं से निपटने की एक बड़ी रणनीति का हिस्सा और एक प्रभावी उपाय था. लेकिन यह केवल इतने तक सीमित नहीं था. परिवर्तनकारी आर्थिक नीतिगत कदमों की श्रृंखला में यह अहम कदमों में से एक था.

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नोटबंदी को लेकर केंद्र सरकार की ओर से सुप्रीम कोर्ट में जानकारी दी गयी है जिसके अनुसार 2016 में की गयी नोटबंदी एक बहुत ही सोच-विचार करके लिए गया फैसला था. यह फैसला जाली नोट, आतंकवाद के वित्तपोषण, काले धन और कर चोरी जैसी समस्याओं से निपटने की बड़ी रणनीति के तहत लिया गया था.

केंद्र सरकार ने बुधवार को शीर्ष अदालत के समक्ष कहा कि 2016 में की गई नोटबंदी एक बहुत ही सोच-विचार करके लिए गया फैसला था और यह जाली नोट, आतंकवाद के वित्तपोषण, काले धन और कर चोरी जैसी समस्याओं से निपटने की बड़ी रणनीति का हिस्सा था. सुप्रीम कोर्ट में अपने इस फैसले का बचाव करते हुए केंद्र की ओर से कहा गया कि 500 और 1000 के नोटों को चलन से बाहर करने और नोटबंदी का यह निर्णय भारतीय रिजर्व बैंक के साथ गहन विचार- विमर्श के बाद लिया गया था और नोटबंदी से पहले इसकी सारी तैयारियां कर ली गई थीं.

जवाब में हलफनामा दायर

केंद्र ने नोटबंदी के फैसले को चुनौती देने वाली याचिकाओं के जवाब में दायर हलफनामे में उक्त बात की जानकारी दी. हलफनामे में केंद्र सरकार की ओर से कहा गया है कि नोटबंदी करना जाली करेंसी, आतंक के वित्तपोषण, काले धन और कर चोरी की समस्याओं से निपटने की एक बड़ी रणनीति का हिस्सा और एक प्रभावी उपाय था. लेकिन यह केवल इतने तक सीमित नहीं था. परिवर्तनकारी आर्थिक नीतिगत कदमों की श्रृंखला में यह अहम कदमों में से एक था.

Also Read: 2016 की नोटबंदी पर सुप्रीम कोर्ट सख्त, कहा – लक्ष्मण रेखा से वाकिफ हैं, लेकिन जांच जरूर होगी
सुनवाई पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ कर रही है

आपको बता दें कि इस मामले पर सुनवाई पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ कर रही है और अब अगली सुनवाई 24 नवंबर को होगी. हलफनामे में केंद्र सरकार ने कहा कि नोटबंदी का निर्णय रिजर्व बैंक के केंद्रीय निदेशक मंडल की विशेष अनुशंसा पर लिया गया था और आरबीआई ने इसके क्रियान्वयन के लिए योजना के मसौदे का प्रस्ताव भी दिया था. पीठ ऐसी 58 याचिकाओं पर सुनवाई कर रही है जिनमें केंद्र के आठ नवंबर, 2016 को लिए गए नोटबंदी के फैसले को चुनौती दी गयी है.

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