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‘जब मैंने बिधूड़ी का ध्यान असंसदीय भाषा की ओर दिलाया, तो वे भड़क गये’, दानिश अली ने पीएम मोदी को लिखा पत्र

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बसपा सांसद दानिश अली ने पत्र में कहा कि जैसा कि आप जानते होंगे कि 21 सितंबर, 2023 के बाद से स्थिति काफी खराब हो गई है और इसने हमारे सम्मानित सदन की संसदीय मर्यादा और लोकतांत्रिक कार्यप्रणाली पर ग्रहण लगा दिया है.

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बहुजन समाज पार्टी के सांसद दानिश अली ने शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर आग्रह किया कि बीजेपी के लोकसभा सदस्य रमेश बिधूड़़ी द्वारा उनके खिलाफ की गई अपमानजनक टिप्पणी के मामले में जवाबदेही और दंड सुनिश्चित किया जाए ताकि आगे सदन में ऐसी घटनाएं नहीं हों. अली ने खुद को मिली ‘धमकियों’ का हवाला देते हुए अपने लिए पुख्ता सुरक्षा व्यवस्था की मांग भी की. उन्होंने प्रधानमंत्री से यह आग्रह भी किया कि वह सदन के भीतर मर्यादा और आचरण के उच्चतम मानकों को बनाए रखने के महत्व की याद दिलाने से जुड़ी अपील करें. आपको बता दें कि ‘चंद्रयान-3 की सफलता और अंतरिक्ष के क्षेत्र में भारत की उपलब्धियां’ विषय पर लोकसभा में चर्चा के दौरान गत 21 सितंबर को बिधूड़ी ने अली के खिलाफ आपत्तिजनक शब्दों का इस्तेमाल किया था.

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प्रधानमंत्री जी आप उस दिन सदन में मौजूद नहीं थे

बसपा सांसद दानिश अली ने पत्र में कहा कि जैसा कि आप जानते होंगे कि 21 सितंबर, 2023 के बाद से स्थिति काफी खराब हो गई है और इसने हमारे सम्मानित सदन की संसदीय मर्यादा और लोकतांत्रिक कार्यप्रणाली पर ग्रहण लगा दिया है. आप सदन के नेता और हमारे देश के प्रधानमंत्री हैं. ऐसे में मुझे विश्वास है कि आपको यह बात गहराई से पता चलेगी कि सांसद रमेश बिधूड़ी ने असंसदीय और अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल किया. उन्होंने कहा कि आप उस दिन सदन में मौजूद नहीं थे, फिर भी बिधूड़ी ने अपने संबोधन के दौरान आपका जिक्र करते हुए अनुचित भाषा का इस्तेमाल किया. मैंने प्रधानमंत्री के संबंध में ऐसी भाषा के उपयोग पर आपत्ति जताई… सदन की कार्यवाही से यह स्पष्ट है कि सत्ता पक्ष के किसी भी सदस्य ने आपके प्रति असंसदीय भाषा के उपयोग के खिलाफ मेरे रुख पर आपत्ति नहीं जताई. जब मैंने बिधूड़ी का ध्यान आपके प्रति असंसदीय भाषा के इस्तेमाल की ओर दिलाया, तो वे भड़क गये और उन्होंने मुझे ‘आतंकवादी’ और ‘उग्रवादी’ कहा…

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निशिकांत दुबे और रवि किशन द्वारा लिखे गए पत्रों का हवाला

दानिश अली ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को भाजपा सांसदों निशिकांत दुबे और रवि किशन द्वारा लिखे गए पत्रों का हवाला देते हुए दावा किया कि सत्तापक्ष के कुछ सदस्यों ने उनके खिलाफ झूठ फैलाया और उन बातों का दावा किया जो उन्होंने किसी भी सत्र में नहीं कही. उन्होंने प्रधानमंत्री से आग्रह किया कि मैं आपसे सभी संसद सदस्यों को सदन के भीतर मर्यादा और आचरण के उच्चतम मानकों को बनाए रखने के महत्व की याद दिलाने का आग्रह करता हूं क्योंकि पूरी दुनिया हमें संसदीय लोकतंत्र के पथप्रदर्शक के रूप में देखती है. ऐसी अशोभनीय घटनाओं का हमारे लोकतंत्र में कोई स्थान नहीं होना चाहिए. उन्होंने प्रधानमंत्री से कहा कि मेरा अनुरोध है कि बिधूड़ी के निंदनीय आचरण पर जल्द से जल्द जवाबदेही तय की जानी चाहिए और उन्हें उचित दंड दिया जाना चाहिए ताकि कोई भी सदन में इस तरह का कृत्य दोबारा न कर सके.

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सुरक्षा व्यवस्था पुख्ता करने का आग्रह

बसपा सांसद अली ने यह आग्रह भी किया कि बिधूड़ी द्वारा सदन में दी गई धमकियों और उसके बाद विभिन्न जगहों से मिल रही धमकियों को देखते हुए, मैं आपसे अपनी सुरक्षा व्यवस्था पुख्ता करने का आग्रह करता हूं. यह आवश्यक है कि मैं, और अन्य सांसद बिना किसी संदेह के अपने कर्तव्यों का पालन करने में सक्षम रहें..बसपा के लोकसभा सदस्य ने कहा कि विशेष सत्र के दौरान हुई हालिया घटना एक व्यक्ति के रूप में ‘‘सिर्फ मुझ पर ही हमला नहीं है, बल्कि हमारे लोकतंत्र के मूल पर हमला है.’’ उन्होंने कहा कि मुझे विश्वास और आशा है कि सदन के नेता के रूप में हमारे देश के लोकतांत्रिक मूल्यों को बनाए रखने के लिए आप उपरोक्त मुद्दों पर विचार करेंगे. इस मामले में आपकी त्वरित कार्रवाई न केवल विश्वास बहाल करेगी, बल्कि हमारी मजबूत संसदीय प्रणाली की अखंडता को भी मजबूत करेगी.

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