26.1 C
Ranchi
Sunday, February 23, 2025 | 02:30 pm
26.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

कोरोना मरीजों को अब टीबी और अन्य जांच भी कराने होंगे, Covid19 पर केंद्र का नया दिशा-निर्देश

Advertisement

Coronavirus Pandemic Update: कोरोना मरीजों को अब टीबी और अन्य जांच भी कराने होंगे, Covid19 पर केंद्र सरकार की ओर से जारी किये गये ये दिशा-निर्देश...

Audio Book

ऑडियो सुनें

नयी दिल्ली: कोरोना मरीजों के लिए नया दिशा-निर्देश आ गया है. इसमें कहा गया है कि अगर कोरोना (Coronavirus) मरीजों को दो-तीन सप्ताह से अधिक खांसी रहती है, तो उन्हें टीबी समेत अन्य जांच भी कराने होंगे. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोविड मरीजों को यह सलाह दी है. वयस्क कोविड मरीजों के प्रबंधन को लेकर जारी संशोधित चिकित्सकीय दिशा-निर्देश (Covid Guidelines) में यह सुझाव दिया गया.

ताजा दिशा-निर्देश स्वास्थ्य मंत्रालय के तहत एम्स (AIIMS), आईसीएमआर (ICMR)-कोविड-19 राष्ट्रीय कार्यबल और संयुक्त निगरानी समूह (DGHS) ने जारी किया है. इस दिशा-निर्देश में कहा गया है कि इंजेक्शन के जरिये दिये जाने योग्य स्टेरॉइड (Steroid) से उन कोविड मरीजों को लाभ मिलने का कोई साक्ष्य नहीं मिला है, जिन्हें ऑक्सजन की जरूरत नहीं है.

दवाओं का पड़ता है दुष्प्रभाव

दिशा-निर्देश में कहा गया है कि एंटी-इंफ्लामेटरी (Anti Inflammatory) या इम्यूनोमॉडलेटरी थेरेपी (Immunomodalatory Therapy), जैसे कि स्टेरायड का इस्तेमाल, से म्युकरमाइकोसिस जैसे दुष्प्रभाव दिखने का खतरा रहता है. खासकर तब, जब हम इस थेरेपी का इस्तेमाल समय से पहले शुरू कर देते हैं या फिर तय समय से अधिक अवधि तक दवा की अधिक खुराक देते रहते हैं, तो भी दुष्प्रभाव पड़ता है.

Also Read: अब एक राज्य से दूसरे राज्य जाने के लिए कोरोना टेस्ट जरूरी नहीं, स्वास्थ्य मंत्रालय की नयी गाइडलाइन, पाॅजिटिविटी रेट का ये है हाल…

संशोधित दिशा-निर्देश में रेमडेसिविर के उपयोग की सिफारिश केवल ‘मध्यम से गंभीर’ बीमारी वाले रोगियों पर करने की गयी है. लेकिन, इस दवा का इस्तेमाल उन्हीं मरीजों पर किया जाये, जिन्हें लक्षण की शुरुआत से 10 दिनों के भीतर गुर्दे या हेपेटिक अक्षमता की समस्या ना रही हो. उन रोगियों को रेमडेसिविर देने को लेकर चेतावनी दी गयी है, जो ऑक्सीजन सपोर्ट पर नहीं हैं या घर में रह रहे हैं.

दिशा-निर्देशों के अनुसार टोसीलिजुमाब दवा का उपयोग कोविड रोगियों की हालत गंभीर होने पर या आईसीयू में भर्ती होने पर 24 से 48 घंटे के भीतर किया जा सकता है. टोसीलिजुमाब का उपयोग कोविड के उन गंभीर मरीजों पर किया जा सकता है, जिनमें सूजन अधिक है, लेकिन केवल तभी जब स्टेरॉयड के इस्तेमाल के बावजूद मरीज की हालत में सुधार नहीं हो रहा हो और उन्हें फंगल या बैक्टीरियल इंफेक्शन नहीं है.

किस स्तर के रोगी को कितनी दवा दें

स्वास्थ्य मंत्रालय के दिशा-निर्देश के मुताबिक, कोविड मरीजों को मामूली, मध्यम और गंभीर रूप से संक्रमित होने की श्रेणियों में विभाजित किया जाये. मध्य स्तर के कोविड मरीजों को इंजेक्शन मेथिलप्रेडनिसोलोन प्रति किलोग्राम 0.5 से लेकर एक मिलीग्राम की दो विभाजित खुराक में दिया जा सकता है या फिर डेक्सामेथासोन की एक खुराक पांच से 10 दिनों की अवधि तक दी जा सकती है.

Also Read: महाराष्ट्र सरकार ने जारी की नयी कोरोना गाइडलाइन, सख्ती बढ़ी, जानिए कहां-कहां क्या हैं प्रतिबंध

एक ही दवा को एक से दो मिलीग्राम प्रति किलोग्राम की दो विभाजित खुराकों में गंभीर मामलों में समान अवधि के लिए दिया जा सकता है. बिडेसोनाइड (मीटर्ड डोज इनहेलर/ड्राई पाउडर इनहेलर के माध्यम से दिया जाता है) हल्के मामलों में पांच दिनों के लिए 800 एमसीजी बीडी की खुराक पर दिया जा सकता है, लेकिन केवल तभी जब बीमारी के लक्षण (बुखार/ खांसी) बीमारी की शुरुआत के पांच दिनों से अधिक समय तक रहते हैं.

कोविड मरीजों की ये हैं तीन श्रेणियां

  • सांस लेने में तकलीफ के बिना ऊपरी श्वसन मार्ग से संबंधित लक्षणों को हल्के रोग के रूप में वर्गीकृत करना चाहिए. ऐसे मरीजों को घर में पृथकवास में रहने की सलाह दी गयी है. हल्के कोविड से पीड़ित लोगों को सांस लेने में कठिनाई, तेज बुखार, या पांच दिनों से अधिक समय तक चलने वाली गंभीर खांसी होने पर चिकित्सकीय सहायता लेनी चाहिए.

  • जिन लोगों को सांस लेने में तकलीफ होती है और उनके एसपीओटू में 90-93 प्रतिशत के बीच उतार-चढ़ाव होता है, उन्हें एक वार्ड में भर्ती कराया जा सकता है. ऐसे मरीजों को मध्यम श्रेणी का माना जायेगा, लेकिन ऐसे रोगियों को ऑक्सीजन सपोर्ट दिया जाना चाहिए.

  • जिन लोगों की श्वसन दर 30 प्रति मिनट से अधिक है और सांस फूलने की दर या एसपीओटू की स्थिति कमरे की हवा में 90 प्रतिशत से कम है, तो ऐसे रोगियों को गंभीर स्तर का मानते हुए आईसीयू में भर्ती कराना चाहिए, क्योंकि उन्हें श्वसन सहायता की आवश्यकता होगी.

भाषा इनपुट के साथ

Posted By: Mithilesh Jha

Disclaimer: हमारी खबरें जनसामान्य के लिए हितकारी हैं. लेकिन दवा या किसी मेडिकल सलाह को डॉक्टर से परामर्श के बाद ही लें.

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

संबंधित ख़बरें

Trending News

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें