19.1 C
Ranchi
Wednesday, February 12, 2025 | 09:53 am
19.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

Coronavirus Pandemic: यह एंटीबॉडी आपको कोरोना से बचायेगा, वैज्ञानिकों ने की पहचान

Advertisement

बोस्टन : वैज्ञानिकों ने मानव शरीर में पाये जाने वाले एक एंटीबॉडी (Coronavirus antibody) की पहचान की है जो कोविड-19 के लिए जिम्मेदार सार्स सीओवी-2 (SARS COV-2) संक्रमण से बचाव कर सकता है या उसे सीमित कर सकता है. अमेरिका के मैसाचुसेट्स मेडिकल स्कूल यूनिवर्सिटी (UMMS) के अनुसंधानकर्ताओं ने सार्स-सीओवी-2 स्पाइक प्रोटीन के खिलाफ प्रतिक्रिया करने वाले मानवीय मोनोक्लोनल एंटीबॉडी (एमएबी) का पता लगाया है.

Audio Book

ऑडियो सुनें

बोस्टन : वैज्ञानिकों ने मानव शरीर में पाये जाने वाले एक एंटीबॉडी (Coronavirus antibody) की पहचान की है जो कोविड-19 के लिए जिम्मेदार सार्स सीओवी-2 (SARS COV-2) संक्रमण से बचाव कर सकता है या उसे सीमित कर सकता है. अमेरिका के मैसाचुसेट्स मेडिकल स्कूल यूनिवर्सिटी (UMMS) के अनुसंधानकर्ताओं ने सार्स-सीओवी-2 स्पाइक प्रोटीन के खिलाफ प्रतिक्रिया करने वाले मानवीय मोनोक्लोनल एंटीबॉडी (एमएबी) का पता लगाया है.

वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि यह एंटीबॉडी श्वसन प्रणाली के म्यूकोसल (शरीर के आंतरिक अंगों को घेरे रहने वाली झिल्ली) उत्तकों पर एसीई2 रिसेप्टर पर वायरस को बंधने से रोकता है. मोनोक्लोनल एंटीबॉडी वे एंटीबॉडी हैं जो समान प्रतिरक्षा कोशिकाओं द्वारा बनाए जाते हैं और ये सभी कोशिकाएं विशिष्ट मूल कोशिका की क्लोन होती हैं.

अध्ययन के मुताबिक इस त्वरित एवं महत्त्वपूर्ण खोज की उत्पत्ति 16 वर्ष पूर्व हुई थी जब यूएमएमएस के अनुसंधानकर्ताओं ने आईजीजी मोनोक्लोनल एंटीबॉडी विकसित की थी जो इसी तरह के वायरस, सार्स के खिलाफ प्रभावी था. जब सार्स-सीओवी-2 वायरस की पहचान की गयी और यह फैलना शुरू हुआ तो अनुसंधानकर्ताओं ने महसूस किया कि पहला एमएबी इस नये संक्रमण में भी मदद कर सकता है.

Also Read: Coronavirus Live Updates : स्पूतनिक वी कोरोना वैक्सीन के लिए रूस ने भारत से संपर्क किया, जानिए अबतक का अपडेट

अनुसंधानकर्ताओं ने पुराने सार्स कार्यक्रम को फिर से जीवित करने की प्रक्रिया शुरू कर दी, 16 साल पहले विकसित की गई जमी हुई कोशिकाओं को फिर से प्राप्त करना और उन्हें पिघलाना शुरू किया तथा यह निर्धारित करना शुरू किया कि एक नोवल कोरोनावायरस में जो काम आया वह दूसरे के लिए भी काम करता है या नहीं.

उन्होंने कहा कि भले ही दोनों कोरोना वायरस में 90 प्रतिशत तक समानता है लेकिन मोनोक्लोनल एंटीबॉडी ने मौजूद कोरोना वायरस से बंधने की कोई क्षमता प्रदर्शित नहीं की है. यह अध्ययन ‘नेचर कम्युनिकेशंस’ पत्रिका में प्रकाशित हुआ है.

Posted by: Amlesh Nandan Sinha.

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

संबंधित ख़बरें

Trending News

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें