Coromandel Train Accident: ओडिशा (Odisha) के बालासोर रेल हादसे (Balasore Train Accident) की सबसे बड़ी वजह अब तक ‘सिग्नल में गड़बड़ी’ को माना जा रहा है. रेलवे बोर्ड (Railway Board) की सदस्य जया वर्मा सिन्हा ने मीडिया से बातचीत में साजिश की आशंका से इनकार नहीं किया है. हादसे के बाद रेलवे बोर्ड की सिफारिश पर सीबीआई ने कोरोमंडल रेल दुर्घटना मामले में प्राथमिकी दर्ज करने के बाद जांच शुरू कर दी है.
IPC की धारा 337, 338, 304A, 34 तहत केस दर्ज
सीबीआई ने रेल मंत्रालय की सिफारिश और ओडिशा सरकार (Odisha Government) की सहमति व डीओपीटी (Department of Personnel and Training (DoPT) Government of India) के प्राप्त आदेशों पर मामला दर्ज किया है. सीबीआई ने आईपीसी (IPC) और रेलवे अधिनियम (Railway Act) की विभिन्न धाराओं के तहत एक एफआईआर दर्ज की है. आईपीसी की धारा 337, 338, 304A, 34 और रेलवे अधिनियम की धारा 153, 154, 175 तहत केस दर्ज किया है. हादसे की जांच के सिलसिले में सीबीआई और फॉरेंसिंक टीम ने मौके पर पहुंचकर अधिकारियों से पूछताछ की.
Also Read: Electronic Interlocking: रेलवे में इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग क्या होता है, जो बना बालासोर रेल हादसे की वजहआईपीसी की धारा 337 क्या है?
भारतीय दंड संहिता की धारा 337 के अनुसार, जो भी कोई किसी व्यक्ति को उतावलेपन या उपेक्षा पूर्वक ऐसे किसी कार्य द्वारा, जिससे मानव जीवन या किसी की व्यक्तिगत सुरक्षा को खतरा हो, चोट पहुंचती हो, तो उसे छह महीने तक कारावास या पांच सौ रुपये तक आर्थिक दंड, या दोनों से दंडित किया जाएगा.
आईपीसी की धारा 338 क्या है?
भारतीय दंड संहिता की धारा 338 के अनुसार, जो भी कोई किसी व्यक्ति को उतावलेपन या उपेक्षापूर्वक ऐसे किसी कार्य द्वारा, जिससे मानव जीवन या किसी की व्यक्तिगत सुरक्षा को खतरा हो, गंभीर चोट पहुंचती हो, तो उसे दो वर्ष तक कारावास या एक हजार रुपये तक का आर्थिक दंड, या दोनों से दंडित किया जाएगा.
आईपीसी की धारा 304A क्या है?
भारतीय दंड संहिता की धारा 304A के अनुसार, अगर कोई व्यक्ति किसी उतावलेपन से या उपेक्षापूर्वक करके कोई ऐसा काम करता है जिससे दूसरे व्यक्ति की मृत्यु हो जाए और वह आपराधिक मानव वध की कोटि में न आता हो, तो उसे 2 वर्ष का कारावास या जुर्माना या दोनों का दंड दिया जाएगा.
आईपीसी की धारा 34 क्या है?
भारतीय दंड संहिता की धारा 34 सामूहिक रूप से किये गए अपराध और अपराध को अंजाम देने वालों से संबंधित है. जब कई लोग समान इरादे से कोई आपराधिक कृत्य करते हैं, तो सेक्शन 34 के अनुसार उनमें से प्रत्येक इस कृत्य के लिए उसी तरह जवाबदेह होगा. धारा 34 में किसी भी तरह के अपराध की सजा का प्रावधान नहीं दिया गया है, इस धारा में केवल समान इरादे के अपराध के बारे में बताया गया है.
रेलवे अधिनियम की धारा 153 क्या है?
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रेलवे अधिनियम की धारा 154 क्या है?
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रेलवे अधिनियम की धारा 175 क्या है?
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सीबीआई, रेलवे सुरक्षा आयुक्त और जीआरपी भी कर रही जांच
सीबीआई अधिकारियों की एक टीम फॉरेंसिक विशेषज्ञों के साथ ओडिशा के बालासोर जिले में पहुंच कर जांच में जुट गई है. सीबीआई की 10 सदस्यीय टीम ने पटरियों और सिग्नल रूम का निरीक्षण किया और बाहानगा बाजार रेलवे स्टेशन पर तैनात रेल अधिकारियों से पूछताछ की. सीबीआई अधिकारियों के साथ आयी फॉरेंसिक टीम ने भी सिग्नल रूप के कर्मचारियों से बात की और विभिन्न उपकरणों के उपयोग एवं उनके काम करने के तरीकों की जानकारी प्राप्त की. सीबीआई हादसे की आपराधिक कोण से जांच करेगी, क्योंकि रेलवे ने हादसे के पीछे तोड़फोड या बाहरी हस्तक्षेप की आशंका जतायी है. रेलवे सुरक्षा आयुक्त और जीआरपी भी जांच कर रही है.