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भाजपा के दांव से भाजपा को हराएगी कांग्रेस? सोशल मीडिया के सहारे 5 राज्यों में विधानसभा चुनाव जीतने की तैयारी

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Congress in Assembly Election : गुरुवार को हुई अहम बैठक के बाद पवन खेड़ा ने मीडिया से बात की. उन्होंने कहा कि पांच राज्यों के प्रभारियों, प्रदेश अध्यक्षों और सोशल मीडिया एवं मीडिया विभागों के प्रमुख इस बैठक में हमारे साथ उपस्थित थे.

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पांच राज्यों में विधानसभा के साथ-साथ अगले साल लोकसभा चुनाव की तैयारी में कांग्रेस जुट चुकी है. इस बीच कांग्रेस ने पांच चुनावी राज्यों के अपने सोशल मीडिया एवं मीडिया विभागों के प्रमुखों के साथ बैठक की. इस बैठक में पार्टी से संबंधित संदेशों एवं विमर्श को जमीनी स्तर पर पहुंचाने पर जोर देने का काम किया गया. पार्टी के संगठन महासचिव के.सी. वेणुगोपाल ने मध्य प्रदेश, तेलंगाना, राजस्थान, छत्तीसगढ़ और मिजोरम के कांग्रेस के सोशल मीडिया एवं मीडिया विभागों के प्रमुखों के साथ बैठक की और कुछ जरूरी चीजों पर मंथन किया. इस बैठक में कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश, पार्टी के मीडिया विभाग के प्रमुख पवन खेड़ा और सोशल मीडिया विभाग और कुछ अन्य नेता भी नजर आये.

आपको बता दें कि उपरोक्त पांचों राज्यों में इस साल के आखिर में विधानसभा चुनाव होना है. बैठक के बाद पवन खेड़ा ने मीडिया से बात की और कहा कि पांच राज्यों के प्रभारियों, प्रदेश अध्यक्षों और सोशल मीडिया एवं मीडिया विभागों के प्रमुख इस बैठक में हमारे साथ उपस्थित थे. हर राज्य इकाई से हमने बात की और उनके साथ सकारात्मक चर्चा हुई. उन्होंने कहा कि हम चुनाव में किस तरह से आगे बढ़ रहे हैं, संदेश कैसे बूथ के स्तर तक जाए, इस बारे में गहन चर्चा बैठक के दौरान की गयी. आगे इन राज्यों में भी ऐसी बैठकें होंगी.

यहां चर्चा कर दें कि ऐसा माना जाता है कि भाजपा ने अपने सोशल मीडिया के विंग को बहुत मजबूत बना रखा है. इसे चुनौती देने के लिए खास तैयारी कांग्रेस कर रही है. इसका मतलब यह हुआ कि कांग्रेस भाजपा के दांव से ही उसे पराजित करने का प्लान तैयार कर रही है.

मिजोरम में कांग्रेस को मिली थी करारी हार

आपको बता दें कि जिन पांचों राज्य में इस साल के अंत में चुनाव होने वाले हैं उनमें से दो राज्य में वर्तमान में कांग्रेस की सरकार है. मिजोरम की बात करें तो यहां मिजो नेशनल फ्रंट की सरकार है जिसे भाजपा का समर्थन प्राप्त है. प्रदेश में पिछली बार के चुनाव में कांग्रेस को करारी हार का सामना करना पड़ा था. पिछले चुनाव में मिजोरम में विपक्षी गठबंधन मिजो नेशनल फ्रंट ने सरकार बनायी थी. पार्टी को 26 सीटों पर जीत मिली थी. 40 सदस्यों वाली मिजोरम विधानसभा में सरकार बनाने के लिए 21 सीटें चाहिए. इस राज्य में भाजपा ने पहली बार खाता खेला था. यहां पार्टी के एक कैंडिडेट को तुइचवांग सीट पर जीत मिली थी. यहां पर भाजपा के बुद्धाधन चकमा ने जीत हासिल की थी.

राजस्थान और छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार

जिन पांच राज्यों में कुछ महीनों के बाद विधानसभा चुनाव होने वाले हैं उनमें से दो राज्यों में वर्तमान में कांग्रेस की सरकार है. जी हां…राजस्थान और छत्तीसगढ़ में कांग्र्रेस सत्ता पर काबिज है. हालांकि दोनों प्रदेशों की अपनी अलग-अलग राजनीति है. जहां राजस्थान को एक ट्रेंड कि हर पांच साल में यहां सत्ता बदल जाती है. वहीं छत्तीसगढ़ में पिछली बार कांग्रेस ने 15 साल के भाजपा सरकार को प्रदेश से उखाड़ फेंका था. छत्तीसगढ़ में भाजपा को कांग्रेस ने करारी शिकस्त दी थी. भाजपा प्रदेश में केवल 15 सीट पर सिमट गयी थी जबकि कांग्रेस को 68 सीटों पर जीत मिली थी. यहां कांग्रेस ने बड़ी जीत के बाद प्रदेश की कमान भूपेश बघेल को सौंपी थी.

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कांग्रेस की टेंशन छत्तीसगढ़ और राजस्थान में हुई कम

पहले बात छत्तीसगढ़ की करें तो यहां कांग्रेस के वरिष्ठ नेता टीएस सिंहदेव नाराज चल रहे थे जिन्हें पार्टी ने मना लिया है. टीएस सिंहदेव को पिछले दिनों प्रदेश का उपमुख्यमंत्री बनाया गया है. इसके बाद प्रदेश में सीएम भूपेश बघेल और सिंहदेव के बीच जारी खींचतान खत्म हुई थी. आपको बता दें कि टीएस सिंह देव छत्तीसगढ़ के पांच संभागों में से एक सुरगुजा संभाग से आते हैं. इस क्षेत्र में उनकी अच्छी पकड़ है. माना जाता है कि यदि किसी किसी पार्टी को छत्तीसगढ़ की सत्ता पर काबिज होना है तो सुरगुजा में उसे अच्छा प्रदर्शन करना पड़ेगा. यानी सत्ता की चाबी सुरगुजा संभाग के पास है. टीएस सिंहदेव को चुनाव से पहले मनाकर कांग्रेस ने अपना संकट खत्म कर लिया है.

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राजस्थान का हाल

इसी प्रकार राजस्थान में कांग्रेस को काफी दिनों से दिक्कत का सामना करना पड़ रहा था. यहां के हालात कुछ अलग थे. ऐसा इसलिए क्यों जहां छत्तीसगढ़ में टीएस सिंहदेव ने खुलकर कभी सीएम बघेल के बारे में नहीं बोला था. लेकिन राजस्थान के उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट खुलकर राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत पर हमला करते नजर आये थे. हालांकि राहुल गांधी और कांग्रेस अध्यक्ष् मल्लिकार्जुन खरगे की मौजूदगी में पिछले दिनों राजस्थान के नेताओं की एक बैठक हुई जिसमें मामले का निपटारा कर लिया गया. अब कांग्रेस राजस्थान में बिना सीएम फेस के चुनावी मैदान में उतरेगी. इसकी जानकारी बैठक के बाद दी गयी.

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