19.1 C
Ranchi
Tuesday, February 11, 2025 | 11:36 pm
19.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

बच्चे को अपना सरनेम चुनने का पूरा अधिकार, पिता नहीं बना सकता कोई दबाव, हाई कोर्ट की टिप्पणी

Advertisement

हाई कोर्ट ने एक बड़ी टिप्पणी करते हुए कहा कि कोई भी पिता सरनेम के लिए अपने बच्चे पर दबाव नहीं बना सकता. सरनेम चुनने का बच्चों को अधिकार है.

Audio Book

ऑडियो सुनें

नयी दिल्ली : दिल्ली हाई कोर्ट ने शुक्रवार को एक नाबालिग लड़की के पिता की याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि हर बच्चे को अपनी मां के उपनाम का इस्तेमाल करने का अधिकार है और पिता इसके लिए शर्तें तय नहीं कर सकता. टाइम्स नाउ की खबर के मुताबिक कोर्ट का यह फैसला एक व्यक्ति की याचिका के बाद आया, जिसमें उसने दस्तावेजों में अपनी बेटी के उपनाम के रूप में अपना नाम दर्शाने के लिए अधिकारियों से निर्देश लेने की कोशिश की.

न्यायमूर्ति रेखा पल्ली ने कहा कि पिता अपनी बेटी पर इस बात का दबाव नहीं बना सकता कि वह केवल अपने पिता के उपनाम का उपयोग करे. अगर नाबालिग बेटी अपने उपनाम से खुश है, तो आपको क्या समस्या है? इसके अलावा, उन्होंने कहा कि यह वास्तव में दुर्भाग्यपूर्ण है कि दोनों पक्ष इस पहलू पर मुकदमा कर रहे हैं.

कोर्ट ने कोई आदेश पारित करने से इंकार करते हुए कहा कि मुझे वर्तमान रिट याचिका में कोई योग्यता नहीं दिखती है. सुनवाई के दौरान शख्स के वकील ने तर्क दिया कि लड़की नाबालिग है और इस तरह के मुद्दों पर खुद फैसला नहीं कर सकती है. उन्होंने दावा किया कि उनकी अलग हुई पत्नी ने लड़की का उपनाम बदल दिया है.

Also Read: सुप्रीम कोर्ट ने सालों से लंबित मामलों पर की सख्त टिप्पणी, कहा- मजाक बना रहे हैं

वकील ने दावा किया कि उनकी पत्नी ने उपनाम श्रीवास्तव से बदलकर सक्सेना कर दिया, जिससे एलआईसी पॉलिसी के साथ समस्याएं सामने आईं हैं. पॉलिसी में लड़की के नाम के साथ पिता के उपनाम के साथ पंजीकृत किया गया था. शख्स के वकील का दावा है कि उपनाम में बदलाव से लड़की के लिए बीमा का दावा करना मुश्किल हो जायेगा.

अदालत ने याचिका को खारिज कर दिया और नोट किया कि पूर्वी दिल्ली नगर निगम (ईडीएमसी) द्वारा जारी 10 अगस्त, 2018 को जन्म प्रमाण पत्र में भी दोनों नाम होंगे. न्यायाधीश ने उस व्यक्ति को पिता के रूप में अपना नाम दिखाने के लिए अपनी बेटी के स्कूल जाने का अधिकार देने वाली याचिका का निपटारा कर दिया.

Posted By: Amlesh Nandan.

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

संबंधित ख़बरें

Trending News

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें