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Char Dham Yatra 2023: 45 दिनों के अंदर 119 तीर्थयात्रियों की हुई मौत, जानें क्या है कारण

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मीडिया रिपोर्ट्स की माने तो तीर्थयात्रा के दौरान मारे जाने वालों में ज्यादातर यात्री बंगाल, महाराष्ट्र, यूपी, एमपी और गुजरात से थे. वहीं, सामने आयी एक रिपोर्ट के अनुसार 2500 से अधिक यात्रियों को सांस लेने में परेशान होने के कारण ऑक्सीजन सेवा प्रदान की गयी.

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Dehradun: उत्तराखंड में 22 अप्रैल से शुरू हुई चार धाम यात्रा के शुरूआती 45 दिनों के अंदर ही देशभर के 119 तीर्थयात्रियों की मौत हो गयी है. इनमें से 58 तीर्थयात्रियों की मौत केदारनाथ यात्रा के दौरान हुई है. इन सभी के मारे जाने के पीछे खराब मौसम, जबरदस्त ठंड, हार्ट अटैक और अन्य कई तरह की बीमारियों को कारण बताया जा रहा है. चार धाम यात्रा में इस बार कड़ाके की ठंड पड़ रही है. इतना ही नहीं इस साल यात्रा खुलते ही जमकर बर्फबारी भी दर्ज की गयी है. बर्फबारी की वजह से यात्रियों को यात्रा करने में काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा है. सामने आयी जानकारी के मुताबिक लगभग 20 लाख तीर्थयात्रियों ने अबतक धार्मिक स्थलों का दर्शन कर लिया है. वहीं, दूसरी तरफ लगभग 2.1 लाख तीर्थयात्रियों ने स्वास्थ्य विभाग द्वारा प्रदान किया जा रहे इलाज प्राप्त किया है.

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हार्ट अटैक के साथ सांस संबंधी बीमारी बनी मौत का कारण

कड़ाके की ठंड के साथ हार्ट अटैक और सांस संबंधी बीमारियों को इन मौतों के लिए मुख्य कारण बताया जा रहा है. बता दें केदारनाथ पैदल पथ पर अबतक 634 तीर्थ यात्री घायल हो चुके हैं. केवल यहीं नहीं अभी तक 19 घोड़ों और खच्चरों की भी फिसलकर गिरने से मौत हो गयी है. यमुनोत्री पैदल पथ पर भी 470 तीर्थयात्री घायल हुए जबकि, 21 घोड़ों और खच्चरों की मौत दर्ज की गयी. इनमें से अधिकतर बीमारी के कारण मारे गए. बात करें अगर हेमकुंड साहिब पैदल पथ की तो 20 से अधिक तीर्थयात्री फिसलने और हिमखंड की चपेट में आने की वजह से घायल हो गए हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार एक महिला तीर्थयात्री की हिमखंड की चपेट में आने से मौत हो गयी है.

मारे जाने वालों में सबसे ज्यादा यात्री इन राज्यों से

मीडिया रिपोर्ट्स की माने तो तीर्थयात्रा के दौरान मारे जाने वालों में ज्यादातर यात्री बंगाल, महाराष्ट्र, यूपी, एमपी और गुजरात से थे. वहीं, सामने आयी एक रिपोर्ट के अनुसार 2500 से अधिक यात्रियों को सांस लेने में परेशान होने के कारण ऑक्सीजन सेवा प्रदान की गयी . बता दें ये सभी 11,775 फीट की ऊंचाई पर स्थित मंदिर तक पहुंचने के लिए ट्रैक कर रहे थे.

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