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चंद्रयान-3 : सफल सॉफ्ट लैंडिंग पर यूरोपीय स्पेस एजेंसी ने दी शाबाशी, नासा ने बधाई

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अमेरिका की अंतरिक्ष एजेंसी नासा (नेशनल एयरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन) ने ट्वीटकर भारत को इस सफलता पर बधाई दी. नासा ने अपने ट्वीट में लिखा कि चांद के दक्षिण ध्रुव पर चंद्रयान-3 की लैंडिंग के लिए इसरो को बधाई. भारत को चांद की सतह पार सॉफ्ट लैंडिंग कराने वाला चौथा देश बनने के लिए भी बधाई.

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नई दिल्ली : भारत के चंद्रयान-3 मिशन के तहत बुधवार 23 अगस्त 2023 को चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव की सतह पर लैंडर विक्रम के सफल सॉफ्ट लैंडिंग कर भारत ने पूरी मिशन मून के क्षेत्र नई इबारत लिख दी. इसके साथ ही, चांद के दक्षिणी ध्रुव पर कदम रखने के मामले में भारत दुनिया का पहला देश और चंद्रमा पर पहुंचने वाला चौथा देश बन गया है. इससे पहले अमेरिका, चीन और रूस शामिल हैं. इस सफलता पर इसरो समेत पूरे देश में जश्न का माहौल है. सोशल मीडिया पर आम-ओ-खास पोस्ट कर रहे हैं. दुनिया की अंतरिक्ष एजेंसियों भारत और इसरो के वैज्ञानिकों को बधाई दे रही हैं. सबसे बड़ी बात यह है कि भारत की इस सफलता पर यूरोपीय स्पेस एजेंसी ने इसरो के वैज्ञानिकों को शाबाशी दी, तो दुनिया की सबसे बड़ी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने बधाई दी है.

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अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा ने दी बधाई

अमेरिका की अंतरिक्ष एजेंसी नासा (नेशनल एयरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन) ने ट्वीटकर भारत को इस सफलता पर बधाई दी. नासा ने अपने ट्वीट में लिखा कि चांद के दक्षिण ध्रुव पर चंद्रयान-3 की लैंडिंग के लिए इसरो को बधाई. भारत को चांद की सतह पार सॉफ्ट लैंडिंग कराने वाला चौथा देश बनने के लिए भी बधाई. इस मिशन पर आपका पार्टनर होने पर हमें खुशी है. नासा डीप स्पेश मिशन ने भी अपने एक ट्वीट में भारत को बधाई दी है. उसने अपने ट्वीट में लिखा, ‘बधाई. चंद्रयान-3 ने चांद पपर सफलतापूर्वक लैंड कर लिया है. अद्भुत काम इसरो… गर्व करो भारत.’

यूरोपीय स्पेस एजेंसी के डायरेक्टर जनरल ने दी शाबाशी

इसके साथ ही, यूरोपीय स्पेस एजेंसी के डायरेक्टर जनरल जोसेफ एशबैकर ने अपने ट्वीट के जरिए इसरो के वैज्ञानिकों को शाबाशी दी है. एजेंसी ने अपने ट्वीट में लिखा, ‘अद्वितीय इसरो. चंद्रयान-3 और भारत के सभी लोगों को बधाई. नई तकनीक के प्रदर्शन और किसी दूसरे खगोलीय पिंड पर भारत की पहली सॉफ्ट लैंडिंग का यह कितना शानदार तरीका है.’ उन्होंने अपने ट्वीट में आगे लिखा, ‘शाबाश, मैं पूरी तरह प्रभावित हूं. हम भी इससे बड़ी सबक सीख रहे हैं और महत्वपूर्ण विशेषज्ञता दे रहे हैं. एक मजबूत अंतरराष्ट्रीय साझेदार एक शक्तिशाली साझेदार होता है.’

चंद्रयान-3 की सफलता वैज्ञानिकों की मेहनत का नतीजा : एस सोमनाथ

उधर, भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के अध्यक्ष एस सोमनाथ ने बुधवार को कहा कि चंद्रयान-3 की सफलता इसरो नेतृत्व और वैज्ञानिकों की पीढ़ियों की मेहनत का नतीजा है. उन्होंने कहा कि यह सफलता ‘बहुत बड़ी’ और ‘प्रोत्साहित करने वाली’ है. मिशन परिचालन परिसर में इसरो टीम को संबोधित करते हुए सोमनाथ ने कहा कि माननीय प्रधानमंत्री ने मुझे फोन कॉल किया और अपनी शुभकामनाएं आप सभी को और आपके परिवारों को इसरो में किए गए आपके शानदार कार्य के लिए दी हैं. चंद्रयान-3 और ऐसे अन्य मिशन में सहयोग देने के लिए मैं उनको धन्यवाद ज्ञापित करता हूं. राष्ट्र के लिए हम जो प्रेरणादायक कार्य कर रहे हैं, उसे आगे बढ़ाने के लिए हमें प्रशंसा मिल रही है.

सोमनाथ ने वैज्ञानिकों का जताया आभार

इसरो चीफ सोमनाथ ने मिशन की सफलता के लिए प्रार्थना करने वाले सभी लोगों का और इसरो के पूर्व प्रमुख एएस किरन कुमार समेत अन्य वैज्ञानिकों का भी आभार जताया. उन्होंने कहा कि वे बहुत मददगार रहे, वे उस टीम का हिस्सा थे, जो वैज्ञानिकों का आत्मविश्वास बढ़ाते थे. इससे वैज्ञानिक अपने काम की समीक्षा करते थे और सुनिश्चित करते थे कि कोई गलती न हो.

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अब भी काम कर रहा है चंद्रयान-2

इसरो ने बुधवार को अंतरिक्ष क्षेत्र में एक नया इतिहास रचते हुए चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर लैंडर ‘विक्रम’ और 26 किलोग्राम वजनी रोवर ‘प्रज्ञान’ से लैस लैंडर मॉड्यूल की ‘सॉफ्ट लैंडिग’ कराने में सफलता हासिल की. भारतीय समयानुसार शाम करीब छह बजकर चार मिनट पर इसने चांद की सतह को छुआ. सोमनाथ ने रेखांकित किया कि यह इसरो नेतृत्व और वैज्ञानिकों की पीढ़ियों की मेहनत का नतीजा है. उन्होंने कहा कि यह वह यात्रा है जो चंद्रयान-1 से शुरू हुई थी, जो चंद्रयान-2 में भी जारी रही और चंद्रयान-2 अब भी काम कर रहा है और बहुत से संदेश भेज रहा है. सोमनाथ ने कहा कि चंद्रयान-3 की सफलता का जश्न बनाने के साथ चंद्रयान-1 और चंद्रयान-2 बनाने वाली पूरी टीम के योगदान को याद किया जाना चाहिए और धन्यवाद ज्ञापित करना चाहिए. उन्होंने कहा कि यह प्रोत्साहित करने वाली प्रगति है और निश्चित तौर पर बहुत बड़ी है.

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