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भारत में 2016 से 2020 के बीच लगातार बढ़े बाल विवाह के मामले, NCRB के आंकड़ों से बड़ा खुलासा

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महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने बुधवार को संसद में एक सवाल के जवाब में जानकारी दी है कि 2016 से 2020 यानी 5 सालों में साल दर साल बाल विवाह के मामले बढ़े हैं.

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Child Marriage Increased, NCRB data: भारत में 2016 से 2020 के बीच बाल विवाह के मामलों में लगातार बढ़ोतरी हुई है. NCRB के आंकड़ों से इस बात का खुलासा हुआ है. महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने बुधवार को संसद में एक सवाल के जवाब में यह जानकारी दी. इन 5 सालों में साल दर साल बाल विवाह के मामले बढ़े हैं. अभी 2020 तक के आंकड़े उपलब्ध हैं. हालांकि बाल विवाह के बढ़ते मामलों के पीछे का कारण अभी स्पष्ट नहीं है. कई ऐसी वजहें हैं जिससे बाल विवाह को बढ़ावा मिलता है. जिसमें सामाजिक रीति-रिवाज और गरीबी प्रमुख कारणों में शामिल हैं.

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क्या कहते हैं एनसीआरबी के आंकड़ें

महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने एक सवाल के जवाब में राज्यसभा में कहा कि राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2016, 2017, 2018, 2019 और 2020 के दौरान बाल विवाह के पंजीकृत मामलों की संख्या क्रमश: 326, 395, 501, 523 और 785 थी. उन्होंने कहा कि 2020 तक के ये आंकड़े उपलब्ध हैं. उन्होंने कहा कि देश में बाल विवाह के चलन में होने के पीछे कई कारण हो सकते हैं. जिसमें प्रचलित सामाजिक रीति-रिवाज, परंपरा, गरीबी, समाज में महिलाओं का निम्न स्तर और जागरुकता का अभाव जैसे कारण प्रमुख रूप से देखे जाते हैं.

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बाल विवाह रोकने के लिए सरकार के प्रयास

बाल विवाह रोकने के लिए सरकार की तरफ से अब तक कई प्रयास किए गए हैं. स्मृति ईरानी ने रोकथाम के उपायों की जानकारी देते हुए कहा कि सरकार ने बाल विवाह प्रतिषेध कानून, 2006 लागू किया है. इसके अलावा केंद्र सरकार इस प्रथा के बुरे प्रभावों को उजागर करने के लिए समय-समय पर जागरूकता अभियान, मीडिया अभियान और संपर्क (आउटरीच) कार्यक्रमों का आयोजन करती रहती है. उन्होंने कहा कि महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ’ योजना चला रहा है, जिसमें लैंगिक समानता और बाल विवाह के दुष्प्रभावों से जुड़े मामलों पर महिलाओं के जागरूकता पैदा करने पर जोर दिया जा रहा है.

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