25.7 C
Ranchi
Sunday, February 9, 2025 | 11:39 am
25.7 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

भाजपा का स्थापना दिवस आजः बढ़ता ही रहा कारवां, जानिए 2 सीट से लेकर 303 तक का सफर

Advertisement

बीजेपी के पहले राष्ट्रीय अधिवेशन में अटल बिहारी वाजपेयी ने कहा था- मैं भारत के पश्चिमी घाट को मंडित करने वाले महासागर के किनारे खड़े होकर यह भविष्यवाणी करने का साहस करता हूं कि अंधेरा छटेगा, सूरज निकलेगा, कमल खिलेगा. आज मोदी-शाह के नेतृत्व में भाजपा ने न केवल उस भविष्यवाणी को सही साबित कर दिया बल्कि पार्टी को उस क्षितिज के पार भी ले गए, जिसका सपना शायद अटल ने भी नहीं देखा था.

Audio Book

ऑडियो सुनें

देश की सत्ता पर काबीज भारतीय जनता पार्टी (BJP Foundation Day 2020) का 40 वां स्थापना दिवस है. बीते 40 वर्षों में भाजपा ने दो सीट से दुनिया की सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी का सफर तय किया है. कांग्रेस से मुकाबला करते हुए भाजपा के लिए ये सफर तय करना आसान नहीं था. इस दौरान पार्टी को कई उठा-पटक और बदलावों के दौर से गुजरना पड़ा. देश के राजनीतिक इतिहास में भारतीय जनता पार्टी ने जब एंट्री की थी तो उस समय शायद ही किसी ने भी सोचा होगा कि एक दिन पार्टी देश में ऐतिहासिक जीत दर्ज कर सत्ता संभाल रही होगी. 80 के दशक में जब बीजेपी का गठन हुआ और पार्टी ने एक राजनीतिक पार्टी के तौर पर पहला लोकसभा चुनाव लड़ा तो पार्टी के खाते में महज दो सीटें ही आई थी. इसके बावजूद पार्टी नेताओं ने हिम्मत नहीं हारी.

- Advertisement -

बीजेपी के पहले राष्ट्रीय अधिवेशन में अटल बिहारी वाजपेयी ने कहा था- मैं भारत के पश्चिमी घाट को मंडित करने वाले महासागर के किनारे खड़े होकर यह भविष्यवाणी करने का साहस करता हूं कि अंधेरा छटेगा, सूरज निकलेगा, कमल खिलेगा. आज मोदी-शाह के नेतृत्व में भाजपा ने न केवल उस भविष्यवाणी को सही साबित कर दिया बल्कि पार्टी को उस क्षितिज के पार भी ले गए, जिसका सपना शायद अटल ने भी नहीं देखा था. अटल बिहारी वाजपेयी और लालकृष्ण अडवाणी से होते हुए आज पार्टी नरेंद्र मोदी की अगुवाई तक पहुंच गई है.6 अप्रैल, 1980 को बीजेपी यानी भारतीय जनता पार्टी की स्थापना हुई. पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को बीजेपी का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया गया. यहां से जो सफर शुरू हुआ वो आज शिखर पर है. 40 साल के इतिहास में भारतीय जनता पार्टी ने सत्ता तो इससे पहले भी हासिल की लेकिन आज की बीजेपी इतिहास रच रही है. संघर्ष के दौर से निकल कर पार्टी आज सत्ता के शिखर पर है.

बढ़ता ही रहा कारवां

6 अप्रैल, 1980 मुंबई की एक शाम. देश में एक नई पार्टी का जन्म हो रहा था और आने वाले भारत का राजनीतिक भविष्य लिखा जा रहा था. पार्टी थी बीजेपी और अध्यक्ष बने थे, पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी. 1951 के जनसंघ का रूपांतरण कही जाने वाली बीजेपी के इस पहले राष्ट्रीय अधिवेशन में अटल ने एक भविष्यवाणी करने का साहस दिखाया था. इस घोषणा के 40 साल बाद ऐसा कमल खिला कि आज केंद्र व देश के कई राज्यों में अपने दम पर या साथियों के साथ सत्ता पर काबिज बीजेपी ने भारतवर्ष के नक्शे का रंग ही भगवा कर दिया. रतीय जनता पार्टी का इतिहास जानने के लिए उस विचारधारा पर बनी पार्टियों का भी इतिहास जानना होगा जिसकी नींव बीजेपी से पहले ही रखी जा चुकी थी. भारतीय जनता पार्टी तो 1980 में बनी लेकिन इससे पहले ही 1951 में श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने कांग्रेस से अलग होकर भारतीय जनसंघ बनाया था. हालांकि 1952 के लोकसभा चुनाव में जनसंघ को सिर्फ 3 सीटें मिलीं.

इसके बाद जनसंघ का संघर्ष चलता रहा और जब देश में पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने आपातकाल लगाया तो जनसंघ ने कांग्रेस के विरोध में आवाज और तेज कर दी. अब आपातकाल खत्म होने के बाद जनसंघ का रूप बदला और इन्होंने अन्य पार्टियों के साथ मिलकर जनता पार्टी बनाया. इस पार्टी ने 1977 के लोकसभा चुनाव में जीत हासिल की और मोरारजी देसाई को प्रधानमंत्री बनाया गया. हालांकि, तीन साल में ही देसाई को हटना पड़ा और फिर जनसंघ के लोगों ने 1980 में ही बीजेपी बनाई. जब भारतीय जनता पार्टी बनी तो उस वक्त अटल बिहारी वाजपेयी अध्यक्ष बने. 1984 में हुए 8वें लोकसभा चुनाव के दौरान बीजेपी को राष्ट्रीय चुनाव में उतरने का अधिकार मिल गया. इस चुनाव में बीजेपी के खाते में महज दो सीटें आई, लेकिन सफर शुरू हो गया था जो आज मंजिल तक पहुंच गया है. या यूं कहें जो सफर अटल और आडवानी ने शुरू किया उसको मंजिल पर पहुंचाने का काम नरेंद्र मोदी और अमित शाह ने पूरा किया.

2 सीट से 303 सीटों तक का सफर

1984 के चुनाव में दो सीट, 1989 में 85 सीट तो वहीं 1991 में राम मंदिर की लहर ने पार्टी को 120 सीटें दिलाई. इसके बाद भी पार्टी की सीटें लगातार बढ़ती रही. 1996 में 161 सीट, 1998 में 182 सीटें मिली. इसके बाद साल 2014 में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में बीजेपी ने इतिहास रचा. पार्टी को 282 लोकसभा सीटें मिली. वहीं 2019 में 303 सीटें जीतकर बीजेपी ने हर तरफ कमल खिला दिया.

जब पहली बार बनी थी बीजेपी की सरकार, फिर मिली करारी हार

1996 में 11वें लोकसभा चुनाव के दौरान बीजेपी ने शानदार प्रदर्शन करते हुए 161 सीटें जीती. बीजेपी इस चुनाव में सबसे बड़ी पार्टी बन कर उभरी. इस शानदार प्रदर्शन का फायदा पार्टी को हुआ और अटल बिहारी वाजपेयी को देश का प्रधानमंत्री बनाया गया. हालांकि महज 13 दिन ही अटल बिहारी वाजपेयी इस पद पर रहे. बहुमत साबित नहीं कर पानी की वजह से उन्हें पद से हटना पड़ा. फिर 1998 के 12वें लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने अपने प्रदर्शन में और सुधार किया. इस बार बीजेपी के खाते में 182 सीटें आई. एक बार फिर से अटल बिहारी वाजपेयी को प्रधानमंत्री चुना गया. इस बार भी दूसरे दलों के गठबंधन से बनी बीजेपी की सरकार महज 13 महीने ही चल सकी. इसके बाद 1999 में बीजेपी की फिर बनी अटल सरकार ने पांच साल कार्यकाल पूरा किया. इन पांच सालों को परमाणु परीक्षण और कारगिल युद्ध के लिए याद किया जाता है. 2004 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी को करारी शिकस्त मिली. तब नेतृत्व लाल कृष्ण आडवाणी कर रहे थे. पार्टी के खाते में महज 138 सीटें ही आई. वहीं अगले यानी 2009 के लोकसभा चुनाव में पार्टी को और नुकसान हुआ. 2009 के 15वें लोकसभा चुनाव में बीजेपी की 116 सीटें ही आई. तब प्रधानमंत्र पद का चेहरा आडवाणी बने थे.

2014 टूटा रिकार्ड

2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी की ऐतिहासिक जीत हासिल की. 2014 के 16वें लोकसभा चुनाव में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में बीजेपी ने 282 लोकसभा सीटों पर जीत दर्ज की. मोदी देश के प्रधानमंत्री बने. अमित शाह पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चुने गए. पार्टी ने पहली बार जम्मू-कश्मीर में पीडीपी के साथ मिलकर गठबंधन की सरकार बनाई. इसके बाद साल 2019 में और भी बड़ी जीत के साथ बीजेपी ने 303 सीटों पर कब्जा कर इतिहास रच दिया. आज पीएम मोदी की लोकप्रियता पूरी दुनिया में हैं. पार्टी अब जन संघ के नेता श्यामा प्रसाद मुखर्जी का ‘एक देश-एक निशान-एक विधान-एक प्रधान’ का सपना जम्मू कश्मीर से 370 हटाकर पूरा किया जा चुका है.

भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष

जब भाजपा बनी तो अटल बिहारी वाजपेयी पहले राष्ट्रीय अध्य़क्ष बने. इसके बाद 1986 में पूर्व उपप्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी को पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया गया. 1991 में वरिष्ठ नेता मुरली मनोहर जोशी को बीजेपी का राष्ट्रीय अध्यक्ष चुना गया. 1993 में एक बार फिर से लालकृष्ण आडवाणी को पार्टी का अध्यक्ष चुनाव गया. दूसरी बार आडवाणी को ये पद सौंपा गया. इस बीच वरिष्ठ नेता कुशाभाई ठाकरे को पार्टी का अध्यक्ष चुना गया. साल 2000 में बंगारु लक्ष्मण को बीजेपी का अध्यक्ष चुना गया. 2001 में के. जना कृष्णमूर्ति पार्टी के अध्यक्ष चुने गए. 2002 केंद्रीय मंत्री एम. वेंकैया नायडू पार्टी के अध्यक्ष चुने गए. 2005 में केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चुने गए. 2010 केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी को बीजेपी का राष्ट्रीय अध्यक्ष चुना गया. 2013 में राजनाथ सिंह दूसरी बार पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चुने गए. इसके बाद साल 2014 में अमित शाह को यह जिम्मेदारी दी गई और फिर साल 2019 में ऐतिहासिक जीत के बाद अब वो गृहमंत्री है तो जेपी नड्डा को प्राटी अध्यक्ष बनाया गया है.

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें