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अशोक गहलोत: क्या राहुल गांधी के जादूगर अंकल का राजनीतिक जीवन हो जाएगा खत्म?

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राजस्थान के मुख्यमंत्री गहलोत ने अब तक पांच बार सांसद, तीन बार केन्द्र में मंत्री, तीन बार कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष, दो बार कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव, पांच बार विधायक और तीन बार मुख्यमंत्री बनकर इतिहास रचा है. पढ़ें उनका राजनीतिक जीवन

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राजस्थान में विधानसभा चुनाव के लिए 25 नवंबर को मतदान हुआ था जिसके बाद अब सबको तीन दिसंबर का इंतजार है, जब मतों की गणना होगी. काउंटिंग के पहले जो एग्जिट पोल सामने आये हैं उसमें थोड़ा कांग्रेस आगे नजर आ रही है. हालांकि इस बार कांग्रेस के जीतने के बाद कौन होगा राजस्थान का सीएम ? इस सवाल का जवाब सभी जानना चाहते हैं. ऐसा इसलिए क्योंकि पिछले कुछ वर्षों से सूबे में कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सचिन पायलट और सीएम अशोक गहलोत के बीच खींचतान देखने को मिल रही थी, हालांकि इसका कांग्रेस ने चुनाव के ऐलान के पहले सामाधान निकाल लिया था. यदि इस बार 72 साल के गहलोत को मुख्यमंत्री पद की कमान नहीं सौंपी गई तो उनके राजनीतिक जीवन का क्या होगा? यह भी सवाल लोगों के मन में उठ रहा है. इस बार वे जोधपुर की सरदारपुरा सीट से चुनावी मैदान पर हैं. इस बीच आइए जानते हैं 3 मई 1951 को जोधपुर में जन्म लेने वाले अशोक गहलोत का कैसा रहा है राजनीतिक जीवन…

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अशोक गहलोत का राजनीतिक जीवन

-सीएम अशोक गहलोत की बात करें तो उन्होंने छात्र जीवन में ही राजनीति की ओर कदम बढ़ा दिया था. गहलोत ने पहली बार साल 1973 में एनएसयूआई से राजनीतिक सफर की शुरुआत की.

-साल 1973 से 1979 तक सीएम गहलोत एनएसयूआई के प्रदेश अध्यक्ष रहे

-इसके बाद 1979 से 1982 तक जोधपुर कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष के रूप में उन्होंने अपनी सेवा दी.

-मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपना पहला चुनाव महज 26 साल की उम्र में सरदारशहर से लड़ा, लेकिन पहले चुनाव में उन्हें विरोधियों ने पछाड़ दिया.

-गहलोत ने साल 1980 में सीधे लोकसभा का चुनाव जीता और विरोधियों की बोलती बंद कर दी.

-गहलोत साल 1980 के बाद 1984, 1991, 1996 और 1998 तक पांच बार लोकसभा चुनाव जीतकर संसद पहुंचे. पांच बार सांसद का चुनाव जीतने वाले अशोक गहलोत को केंद्र में अहम जिम्मेदारियां भी दी गई. गहलोत को तीन बार केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल कर महत्वपूर्ण जिम्मेदारियों से नवाजा गया.

-साल 1998 में कांग्रेस को 153 सीटें मिलने के बाद तत्कालीन दिग्गज कांग्रेसियों से आगे निकल कर अशोक गहलोत ने पहली बार राजस्थान का मुख्यमंत्री पद संभाला.

-साल 2008 में हुए विधानसभा चुनावों में कांग्रेस को बहुमत मिलने के बाद फिर दूसरी बार अशोक गहलोत ने 13 दिसंबर को मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ग्रहण की.

-17 दिसंबर 2018 को अशोक गहलोत ने राजस्थान के मुख्यमंत्री के रूप में तीसरी बार कमान संभाली.

-राजस्थान के मुख्यमंत्री गहलोत ने अब तक पांच बार सांसद, तीन बार केन्द्र में मंत्री, तीन बार कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष, दो बार कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव, पांच बार विधायक और तीन बार मुख्यमंत्री बनकर इतिहास रचा है.

Also Read: ‘जादू का खेल खेलने का काम अशोक गहलोत का है’, एग्जिट पोल के बाद बोले गजेंद्र सिंह शेखावत

राहुल गांधी के बचपन में गहलोत जादूगर अंकल हुआ करते थे

जोधपुर जिले की सरदारपुरा सीट को कांग्रेस का गढ़ माना जाता है. इस सीट से 1999 से अशोक गहलोत लगातार जीतते आए हैं. साल 2018 के विधानसभा चुनाव में उन्हें 63 फीसदी वोट मिले थे. अशोक गहलोत की बात करें तो उन्हें राजनीति का जादूगर कहा जा सकता है. उनके पिता का नाम लक्ष्मण सिंह गहलोत था जो राजस्थान के मशहूर जादूगर थे. अशोक गहलोत भी पिता के साथ कई शो में नजर आते थे. कांग्रेस नेता राहुल गांधी के बचपन में वह उनके जादूगर अंकल हुआ करते थे, आज वे गांधी परिवार के चाणक्य माने जाते हैं. 3 मई 1951 में जोधपुर में जन्मे अशोक गहलोत ने 1977 में जब पहली बार कांग्रेस के टिकट पर जोधपुर से विधानसभा का चुनाव लड़ा तो साढ़े चार हजार वोटों से हार गए. गहलोत ख़ुद भी जादू जानते हैं. एकबार जब उनसे पूछा गया कि क्या वह इस बार भी जादू दिखाएंगे? तो उन्होंने कहा था कि जादू तो चलता रहता है, कुछ को दिखता है कुछ को नहीं भी दिखता है.

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