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क्या होगा सीएम अशोक गहलोत के करीबी का? कांग्रेस की छठी सूची में भी शांति धारीवाल का नाम नहीं

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राजस्थान में विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस और बीजेपी पूरी तरह से एक्टिव हो चुकी है. इस बीच कांग्रेस ने उम्मीदवारों की छठी सूची जारी की है. कांग्रेस उम्मीदवारों की छठी सूची की सबसे खास बात यह है कि कैबिनेट मंत्री शांति धारीवाल का नाम इसमें भी नहीं है.

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राजस्थान विधानसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस पूरी तरह से सक्रिय नजर आ रही है. पार्टी ने चुनाव के लिए 22 उम्मीदवारों की छठी सूची जारी की, जिसमें सबसे प्रमुख नाम आर आर तिवाड़ी का नजर आ रहा है, जिन्हें राज्य के कैबिनेट मंत्री महेश जोशी के स्थान पर हवा महल विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस ने चुनावी मैदान पर उतारा है. पार्टी की ओर से जारी उम्मीदवारों की सूची पर नजर डालें तो, जयपुर की हवा महल विधानसभा सीट से तिवाड़ी को टिकट दिया गया है जो पार्टी की जयपुर शहर इकाई के अध्यक्ष हैं. महेश जोशी इस सीट से मौजूदा विधायक हैं. आपको बता दें कि प्रदेश में 25 नवंबर को मतदान होना है. इससे पहले दोनों प्रमुख पार्टियां जीतने वाले उम्मीदवार पर भरोसा करके उन्हें टिकट दे रही है. कांग्रेस ने उम्मीदवारों की की सूची जारी करने में थोड़ा विलंबर कर दिया जबकि बीजेपी उम्मीदवारों की घोषणा पहले कर चुकी है.

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धारीवाल और जोशी हैं गहलोत के करीबी

राजस्थान विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस उम्मीदवारों की छठी सूची की सबसे खास बात यह है कि कैबिनेट मंत्री शांति धारीवाल का नाम इसमें भी नहीं है. उनके टिकट को लेकर भी संशय की स्थिति बनी हुई है. आपको बता दें कि धारीवाल और जोशी वे दो प्रमुख नेता हैं जिन्हें मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का करीबी बताया जाता है. इन्हें 2022 में कांग्रेस विधायक दल की बैठक से अलग एक समानांतर बैठक बुलाने का जिम्मेदार ठहराया जाता है. इस बैठक के बुलाये जाने के बाद कांग्रेस के केंद्रीय नेतृत्व ने इसे अनुशासनहीनता करार दिया था.

युवा कांग्रेस के नेता अभिमन्यु पूनिया को भी टिकट

कांग्रेस उम्मीदवारों की छठी सूची में युवा कांग्रेस के नेता अभिमन्यु पूनिया का नाम नजर आ रहा है. पूनिया को संगरिया विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस ने अपना उम्मीदवार बनाया है. वहीं, जोधपुर की सूरसागर विधानसभा सीट से शहजाद खान छंगनी को टिकट पार्टी की ओर से दिया गया है. कांग्रेस ने भरतपुर विधानसभा सीट राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) के लिए छोड़ने का काम किया है. उल्लेखनीय है कि पार्टी राजस्थान विधानसभा चुनाव के लिए अब तक कुल 178 उम्मीदवारों का ऐलान कर चुकी है. राजस्थान की 200 सदस्यीय विधानसभा के लिए 25 नवंबर को मतदान होगा, जबकि वोटों की गिनती तीन दिसंबर को की जाएगी. इसके बाद पता चलेगा कि सूबे में किसकी सरकार बनेगी.

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क्या कहा था सचिन पायलट ने

उम्मीदवारों को लेकर करीब एक महीने पहले कांग्रेस की बैठक हुई थी. इसके बाद पार्टी की ओर से सूची जारी करने का सिलसिला जारी है.उम्मीदवारों की सूची को लेकर प्रदेश के पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट का बयान सामने आया था. उन्होंने कहा था कि उनके द्वारा कभी किसी जीतने योग्य उम्मीदवार का विरोध नहीं किया गया है और यहां तक कि उनका भी जो पिछले साल सितंबर में हुए प्रकरण के दौरान अनुशासनहीनता के आरोपी थे. गौर हो कि सीएम गहलोत ने दिल्ली में कहा था कि उन्होंने राजस्थान के विधानसभा चुनाव के लिए सचिन पायलट के समर्थकों को टिकट देने का विरोध नहीं किया है. इस बयान के बाद कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने कहा था कि वह सभी योग्य उम्मीदवारों के प्रस्तावों का खुले दिल से स्वागत करते हैं, यहां तक कि वे भी जो पिछले साल अनुशासनहीनता में शामिल थे.

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राजस्थान का ट्रेंड

आपको बता दें कि इस बार कांग्रेस सत्ता में वापसी का दावा कर रही है. लेकिन यदि हम पिछले 20 साल में राजस्थान में हुए चार विधानसभा चुनाव पर नजर डालें तो कोई भी पार्टी लगातार दूसरी बार सरकार बनाने में सफल होती नजर नहीं आयी. सत्ताधारी पार्टी के विधायक दोबारा चुनाव मैदान में उतरते हैं तो उनमें से ज्यादातर को जनता नकार देती है. जनता का सबसे ज्यादा गुस्सा मंत्रियों पर निकलता है, पिछली चार सरकारों में मंत्री रहे ज्यादातर नेता अगले चुनाव में हारते नजर आ चुके हैं. इसको देखकर राजस्थान का ट्रेंड आप सहज समझ सकते हैं कि प्रदेश की जनता हर पांच साल में सरकार बदल देती है. हालांकि कांग्रेस नेता ये दावा करते दिख रहे हैं कि सूबे में इस बार कांग्रेस फिर सत्ता पर काबिज होगी और राजस्थान का ट्रेंड बदलेगा.

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