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आर्टिकल 370, राममंदिर और अब समान नागरिक संहिता, क्या 2024 चुनाव से पहले अपने सभी संकल्प पूरा करेगी मोदी सरकार?

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राम मंदिर, आर्टिकल 370 को समाप्त करना और समान नागरिक संहिता. यह तीन भाजपा के प्रमुख मुद्दे थे जिनका जिक्र पार्टी तब भी करती थी जब वह सरकार से बाहर थी और जब बीजेपी सत्ता में आयी तो उसने इन मुद्दों को अपना संकल्प बनाकर इसे लागू करना शुरू किया.

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संसद का मानसून सत्र आगामी 20 जुलाई से शुरू हो सकता है, हालांकि अभी तक इसकी कंफर्म तारीख सामने नहीं आयी है. संसद का मानसून सत्र इस बार ऐतिहासिक होगा, इसकी कई वजह है-पहला तो यह कि संसद के नये भवन में संसद का सत्र पहली बार आयोजित होगा और दूसरा यह कि सरकार संसद में समान नागरिक संहिता लागू करने के लिए विधेयक ला सकती है. तीसरा यह है कि 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले यह अंतिम मानसून सत्र होगा. सूत्रों के हवाले से अबतक जो जानकारी सामने आयी है उसके अनुसार 20 जुलाई से शुरू होने वाले मानसून सत्र का समापन 15 अगस्त से पहले हो जायेगा.

हंगामेदार होगा सत्र

संसद का मानसून सत्र इस बार काफी हंगामेदार होने की संभावना है. सूत्रों के हवाले से यह जानकारी मिली है कि इस बार के सत्र में कई महत्वपूर्ण विधेयक पारित होंगे, जिनमें काॅमन सिविल कोड भी शामिल हो सकता है. अगर समान नागरिक संहिता विधेयक सदन में आया तो हंगामा होने की पूरी संभावना है. वहीं दिल्ली में सेवा विवाद को लेकर जो अध्यादेश लाया गया है उसे पास कराने के लिए भी इस सत्र में सरकार विधेयक पेश करेगी. साथ ही केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा मंजूरी दिये गये राष्ट्रीय अनुसंधान फाउंडेशन विधेयक को भी संसद के बजट सत्र में पेश किये जाने की संभावना है.

भाजपा के तीन प्रमुख संकल्प

राम मंदिर, आर्टिकल 370 को समाप्त करना और समान नागरिक संहिता. यह तीन भाजपा के प्रमुख मुद्दे थे जिनका जिक्र पार्टी तब भी करती थी जब वह सरकार से बाहर थी और जब बीजेपी सत्ता में आयी तो उसने इन मुद्दों को अपना संकल्प बनाकर इसे लागू करना शुरू किया. मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में 5 अगस्त 2019 को जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाया गया, वहीं पांच अगस्त 2020 में राम मंदिर निर्माण के लिए पीएम मोदी ने भूमि पूजन किया. अब बारी है समान नागरिक संहिता की, चूंकि सरकार का कार्यकाल अगले वर्ष समाप्त हो जायेगा और 2024 में लोकसभा चुनाव होने हैं, इसलिए सरकार संसद में समान नागरिक संहिता का बिल पेश करना चाहती है.

राज्यसभा का ये है गणित

लोकसभा से इस बिल को पास कराना सरकार के लिए बहुत कठिन नहीं है क्योंकि वहां सरकार बहुमत में है. राज्यसभा में सरकार फंस सकती है, क्योंकि वहां सरकार को बहुमत नहीं है. राज्यसभा में अभी बीजेपी के 93 सदस्य हैं, जबकि एनडीए का कुल सीट 110 है. संविधान संशोधन विधेयक को पारित करने के लिए दो तिहाई मतों की जरूरत होती है, एेसे में सरकार को अन्य पार्टियों का समर्थन भी जुटाना होगा. आम आदमी पार्टी और शिवसेना समान नागरिक संहिता के पक्ष में है. एनसीपी तटस्थ है, बीजेडी भी सरकार के साथ आ सकती है. इसके अलावा बीजेपी बीएसपी को साथ लेने की कोशिश में जुटी है.

Also Read: यूनिफॉर्म सिविल कोड पर ‘आप’ के बाद अब उद्धव ठाकरे गुट का भी मोदी सरकार को मिला साथ

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