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सुकमा नक्सली हमला: बायें कंधे से गोली आर-पार हुई, फिर भी लड़ते रहे जवान

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रायपुर : छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित सुकमा जिले में नक्सली हमले में अपने 25 साथियों को खोने के बाद घायल जवान का हौसला नहीं टूटा है. जवान अभी भी नक्सलियों का मुकाबला करने के लिए तैयार है. पश्चिम बंगाल के सौरभ कुमार मलिक उन जवानों में से हैं जिन्होंने सोमवार को नक्सलियों का मुकाबला किया […]

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रायपुर : छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित सुकमा जिले में नक्सली हमले में अपने 25 साथियों को खोने के बाद घायल जवान का हौसला नहीं टूटा है. जवान अभी भी नक्सलियों का मुकाबला करने के लिए तैयार है. पश्चिम बंगाल के सौरभ कुमार मलिक उन जवानों में से हैं जिन्होंने सोमवार को नक्सलियों का मुकाबला किया है. अभी अस्पताल में भर्ती है. इस घटना में सीआरपीएफ के 25 जवान शहीद हुए हैं और सात अन्य घायल हैं. इस लड़ाई में सौरभ के बायें कंधे से गोली आरपार हो गयी है और उनके पैर तथा आंख में भी चोटें आयी हैं. लेकिन, सौरभ का हौसला अभी भी बरकरार है.

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सौरभ कहते हैं कि यदि उन्हें फिर मौका मिलेगा तो फिर जायेंगे लड़ने. वह अभी भी तैयार हैं. घायल जवान ने बताया कि सोमवार को उन्हें सड़क की सुरक्षा में तैनात किया गया था. वह लगभग एक सौ जवानों के साथ सुबह निर्माणाधीन सड़क की सुरक्षा में रवाना हुए थे. दोपहर के करीब वहां अचानक कुछ ग्रामीणों की आवाजाही हुई.

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एक ग्रामीण वहां मुंह में काला कपड़ा बांधकर घूम रहा था. इस दौरान उससे पूछा गया कि वह यहां क्या कर रहा है. तब उसने कहा कि वह शौच के लिए आया था. उसके बाद वह वहां से चला गया. वहां अन्य गांव वाले भी आना जाना कर रहे थे. सौरभ कहते हैं कि अक्सर होता है कि जब जवान ड्यूटी पर निकलते हैं तब गांव वाले महुआ एकत्र करने और अन्य कार्यों से वहां आते-जाते रहते हैं. ग्रामीणों की आवाजाही को भी जवानों ने रोज की तरह समझा. लेकिन, कुछ देर बाद ही नक्सलियों ने अचानक गोलीबारी शुरू कर दी, जिसका जवाब जवानों ने भी दिया. इस दौरान वहां बड़ी संख्या में ग्रामीण थे जो लगातार हल्ला कर रहे थे.

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जवान कहते हैं कि हमेशा होता आया है कि ग्रामीण नक्सलियों का साथ देते हैं. ड्यूटी के दौरान जो ग्रामीण वहां दिखाई देते हैं वह नक्सलियों के ही आदमी होते हैं. उनके पास हथियार नहीं होते, इसलिए यह पता नहीं चल पाता कि वह नक्सली है या नहीं. हम उन्हें कुछ भी नहीं कर सकते हैं. हमें कहा गया है कि ग्रामीणों को नुकसान नहीं पहुंचना चाहिए.

विस्फोटकयुक्त तीर से भी हमला : जवान मनोज कुमार ने बताया कि नक्सलियों ने लड़ाई में कुछ नयी तकनीक इस्तेमाल की है. उन्होंने विस्फोटकयुक्त तीर से हमला किया, जिसने जवानों को काफी नुकसान पहुंचाया.

मानवाधिकार आयोग ने निंदा की : राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने छत्तीसगढ़ में नक्सलियों के हमले में सीआरपीएफ के 25 जवानों के मारे जाने की निंदा की और कहा कि सरकार को ऐसी घटनाओं पर संज्ञान लेना चाहिए और पीड़ित परिवारों को उचित मुआवजा देना चाहिए.

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