नयी दिल्ली : डीडीसीए मामले में वित्तमंत्री अरुण जेटली पर आरोप लगाने के बाद मानहानि का सामना कर रहे दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की मुश्किलें बढती जा रही हैं. खबर है कि केजरीवाल इस केस को जनता के पैसे से लड़ना चाहते हैं जिसके कारण वे विरोधियों के निशाने पर आ गये हैं.
केजरीवाल चाहते हैं कि इस केस में अब तक जो राशि करीब 3.8 करोड़ रुपये हो चुकी है उसे करदाताओं के पैसे से चुकाया जाये. आपको बता दें कि मानहानि केस में केजरीवाल की तरफ से मशहूर वकील रामजेठमलानी पैरवीकार हैं. इस केस में रामजेठमलानी ने कथित तौर पर रिटेनरशिप के रूप में एक करोड़ रुपये का बिल और कोर्ट में हर पेशी के लिए 22 लाख रुपये का बिल भेजा है.
यहां उल्लेख कर दें कि रामजेठमलानी अब तक केजरीवाल की तरफ से ग्यारह बार पेश हो चुके हैं. दिल्ली के उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने इस केस जुड़े बिलों पर दस्तखत कर उसे पास करने के लिए दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल के पास भेजा है जिसके कारण मामला प्रकाश में आया और इसकी चर्चा हो रही है.
खबर है कि दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के वकील के बिलों पर सालीसिटर जनरल से सलाह मांगी है. दिल्ली के कानून विभाग के द्वारा इन बिलों का मामला उपराज्यपाल के पास भेजा गया था. विभाग का कहना था कि मामले में उपराज्यपाल की अनुमति जरूरी है. गौर हो कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली से चल रहे मानहानि के केस में राम जेठमलानी को अपना वकील चुना था.