18.3 C
Ranchi

BREAKING NEWS

दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

आसाराम बापू आएंगे जेल से बाहर, नहीं मिल पाएंगे भक्तों से, जानें सुप्रीम कोर्ट ने किस ग्राउंड पर दी जमानत

Asaram Bapu Gets Bail : स्वयंभू संत आसाराम बापू जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है.

Oscars 2025: बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप, लेकिन ऑस्कर में हिट हुई कंगुवा, इन 2 फिल्मों को भी नॉमिनेशन में मिली जगह

Oscar 2025: ऑस्कर में जाना हर फिल्म का सपना होता है. ऐसे में कंगुवा, आदुजीविथम और गर्ल्स विल बी गर्ल्स ने बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ऑस्कर 2025 के नॉमिनेशन में अपनी जगह बना ली है.
Advertisement

अवसाद से मुक्ति का मंत्र.. दबने की बजाए खुलकर व्यक्त करें : नरेंद्र मोदी

Advertisement

नयी दिल्ली : दुनिया में 35 करोड़ लोगों के अवसाद से पीडि़त होने का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को कहा कि अवसाद से मुक्ति मिल सकती है और इसका पहला मंत्र है कि इससे दबने की बजाए उसे व्यक्त करें. आकशवाणी पर प्रसारित ‘मन की बात’ कार्यक्रम में अपने संबोधन में […]

Audio Book

ऑडियो सुनें

नयी दिल्ली : दुनिया में 35 करोड़ लोगों के अवसाद से पीडि़त होने का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को कहा कि अवसाद से मुक्ति मिल सकती है और इसका पहला मंत्र है कि इससे दबने की बजाए उसे व्यक्त करें. आकशवाणी पर प्रसारित ‘मन की बात’ कार्यक्रम में अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने कहा कि जो लोग शरीर स्वास्थ्य के संबंध में जागरुक होते हैं, वे तो हमेशा कहते हैं – पेट भी थोड़ा खाली रखो, प्लेट भी थोड़ी खाली रखो. और जब स्वास्थ्य की बात आयी है, तो 7 अप्रैल को विश्व स्वास्थ्य दिवस है.

- Advertisement -

संयुक्त राष्ट्र ने 2030 तक सबको स्वास्थ्य का लक्ष्य तय किया है. इस बार संयुक्त राष्ट्र ने 7 अप्रैल को विश्व स्वास्थ्य दिवस पर ‘अवसाद’ विषय पर फोकस किया है. प्रधानमंत्री ने कहा कि अवसाद इस बार उनका मुख्य विषय है. हम लोग भी अवसाद शब्द से परिचित हैं. एक अनुमान है कि दुनिया में 35 करोड़ से ज्यादा लोग मानसिक अवसाद से पीडि़त हैं.

उन्‍होंने कहा कि मुसीबत ये है कि हमारे अगल-बगल में भी इस बात को हम समझ नहीं पाते हैं और शायद इस विषय में खुल कर के बात करने में हम संकोच भी करते हैं. जो स्वयं अवसाद ग्रस्त महसूस करता है, वो भी कुछ बोलता नहीं, क्योंकि वो थोडी शर्मिंदगी महसूस करता है.

मोदी ने कहा, ‘मैं देशवासियों से कहना चाहूंगा कि अवसाद ऐसा नहीं है कि उससे मुक्ति नहीं मिल सकती है. एक मनोवैज्ञानिक माहौल पैदा करना होता है और उसकी शुरुआत होती है. पहला मंत्र है, अवसाद से दबने की बजाय उसे व्यक्त करने की जरुरत है.’

उन्होंने कहा कि अपने साथियों के बीच, मित्रों के बीच, मां-बाप के बीच, भाइयों के बीच, शिक्षक के साथ खुल कर के कहिए आपको क्या हो रहा है. कभी-कभी अकेलापन खास कर के हॉस्टल में रहने वाले बच्चों को तकलीफ ज्यादा हो जाती है. हमारे देश का सौभाग्य रहा कि हम लोग संयुक्त परिवार में पले-बढे हैं, विशाल परिवार होता है, मेल-जोल रहता है और उसके कारण अवसाद की संभावनायें खत्म हो जाती हैं.

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

Advertisement
Advertisement
Advertisement

Word Of The Day

Sample word
Sample pronunciation
Sample definition
ऐप पर पढें