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दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान, 8 फरवरी को आएगा रिजल्ट, चुनाव आयोग ने कहा- प्रचार में भाषा का ख्याल रखें

Delhi Assembly Election 2025 Date : दिल्ली में मतदान की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. यहां एक ही चरण में मतदान होंगे.

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यूपी सहित पांच राज्यों में बज गया चुनावी बिगुल, होली के पहले 11 मार्च को आयेंगे नतीजे

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नयी दिल्ली : चुनाव आयोग ने आज प्रेस कॉन्फ्रेंस कर पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान कर दिया है. उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, मणिपुर और गोवा में इस साल चुनाव होने हैं. इन पांच राज्यों में 690 विधानसभा सीटों पर चुनाव होंगे. 5 राज्यों में 16 करोड़ मतदाता वोट डालेंगे. […]

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नयी दिल्ली : चुनाव आयोग ने आज प्रेस कॉन्फ्रेंस कर पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान कर दिया है. उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, मणिपुर और गोवा में इस साल चुनाव होने हैं. इन पांच राज्यों में 690 विधानसभा सीटों पर चुनाव होंगे. 5 राज्यों में 16 करोड़ मतदाता वोट डालेंगे. आयोग ने ऐलान किया कि उत्तराखंड, गोवा और पंजाब में एक फेज में चुनाव होंगे. 4 फरवरी को पंजाब और गोवा में एक साथ चुनाव होंगे जबकि उत्तराखंड में 15 फरवरी को मतदान होंगे. मणिपुर में पहला फेज 4 मार्च और दूसरा 8 मार्च को होगा वहीं यूपी में 7 चरणों में मतदान संपन्न होगा. 11 मार्च को सभी 5 राज्यों के वोटों की गिनती होगी.

जानें पांच राज्यों की मौजूदा स्थिति

उत्तरप्रदेश

सरकार और उसकी साख :

उत्तरप्रदेश में समाजवादी पार्टी की सरकार है और अखिलेश यादव मुख्यमंत्री हैं

अखिलेश यादव हाल के महीनों में उत्तरप्रदेश के सबसे लोकप्रिय नेता बन कर उभरे हैं

अखिलेश के खाते में सड़क, हाइवे, मेट्रो, समाजवादी पेंशन, लेपटॉप, मोबाइल सहित कई विकास कार्य हैं और लोग इस कारण उन्हें पसंद करते हैं.

सरकार की कमजोरी व सीमा :

अखिलेश यादव व उनके पिता मुलायम सिंह व चाचा शिवपाल यादव से उनका राजनीतिक झगड़ा अब समाजवादी पार्टी का सबसे कमजोर पक्ष बन गया है. इससे सांगठनिक स्थिति कमजोर होने की बात कही जा रही है. भाजपा का राजनीतिक वर्चस्व यूपी में बढ़ा है. महिला सुरक्षा के मुद्दे पर यूपी सरकार विफल साबित हुई है.

उत्तरप्रदेश विधानसभा की स्थिति

कुल सीटें : 403

समाजवादी पार्टी : 229 सीटें

बहुजन समाजवादी पार्टी : 80 सीटें

भारतीय जनता पार्टी : 41 सीटें

भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस : 28 सीटें

राष्ट्रीय लोकदल : आठ सीटें

पंजाब

सरकार और उसकी साख :

पंजाब में शिरोमणि अकाली दल व भारतीय जनता पार्टी की गंठबंधन सरकार है. राज्य में अकाली दल की ग्रामीण इलाकों में मजबूत पकड़ है. राज्य सरकार ने सड़कों के निर्माण में पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार से कई गुणा अधिक निवेश किया है. शौचालय निर्माण की दिशा में अच्छा काम हुआ है. बादल सरकार ने ऊर्जा सेक्टर में भी सुधार किये हैं.

सरकार की कमजोरी व सीमा :

शिरोमणि अकाली दल राज्य में नशे की चीजों के अवैध कारोबार के लेकर सबसे ज्यादा विवादों में रही है और यह चुनाव का बड़ा मुद्दा है. इस मामले में उपमुख्यमंत्री सुखवीर सिंह बादल के साले व राज्य सरकार के मंत्री विक्रम सिंह मजिठिया का नाम लेकर हमेशा विपक्ष हमला बोलता है. आम आदमी पार्टी ने पैठ बनायी है और बड़े वोट बैंक दलित पर उसकी नजर है, उधर कांग्रेस में नवजोत सिंह सिद्धू के जाने से उसकी ताकत बढ़ी है.

विधानसभा में मौजूदा स्थिति

कुल सीटें : 117

शिरोमणि अकाली दल : 56

भारतीय जनता पार्टी : 12

भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस : 46

निर्दलीय : तीन

उत्तराखंड

सरकार और उसकी साख :

उत्तराखंड में हरीश रावत के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार है. हरीश रावत की छवि, कार्यकर्ताओं पर उनकी पकड़ व लोकप्रियता कांग्रेस की सबसे बड़ी ताकत है. 2013 में केदरनाथ में आयी प्राकृतिक आपदा से निबटना रावत सरकार की सबसे बड़ी सफलता मानी जाती है. इसके अलावा मेट्रो शुरू करने की कवायद व सड़क निर्माण कार्य एवं पॉवर सेक्टर में पहल उसकी अहम उपलब्धियां हैं.

सरकार की सीमा व कमजोरी :

हरीश रावत कांग्रेस के अंदरूनी कलह से विवादों में आये. उनके खिलाफ विधायकों को कथित रूप से प्रलोभन देने और इस मामले का स्टींग वीडियो होने की भी बात कही जा रही है. भाजपा उनकी छवि पर ही लगातार हमले कर रही है.

विधानसभा की स्थिति

कुल सीट : 70

भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस : 32

भारतीय जनता पार्टी : 31

बहुजन समाज पार्टी : तीन

निर्दलीय : तीन

उत्तराखंड क्रांति दल पी : एक

नोट : उत्तराखंड का यह आंकड़ा 2012 के चुनाव परिणाम पर आधारित है, बाद में राजनीतिक उथल-पुथल व कांग्रेस में टूट से यह संख्या बदलती रही है.

गोवा

सरकार और उसकी साख

गोवा में लक्ष्मीकांत पार्शेकर के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी की सरकार है. पूर्व में वहां मनोहर पर्रिकर मुख्यमंत्री थे, जो बाद में केंद्र में रक्षामंत्री बन गये. पर्रिकल की लोकप्रियता व उनके विकास कार्य ही उस सरकार की अहम उपलब्धि है.

सीमा और चुनौती : गोवा में आम आदमी पार्टी ने अपनी उपस्थिति मजबूत की है. पर्रिकर की राजनीतिक व्यस्तता दिल्ली में अधिक होना भी भाजपा के लिए चुनौती है. गोवा में आरएसएस के पूर्व नेता सुभाष वेलिंगकर ने स्थानीय भाषा को प्रोत्साहन के मुद्दे पर बगावत कर अपना अलग संगठन बना लिया है. उनसे भी भाजपा को नुकसान हो सकता है.

विधानसभा

कुल सीटें : 40

भाजपा : 21

कांग्रेस : नौ

महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी : 3

गोवा विकास पार्टी : 2

अन्य : पांच

मणिपुर

मणिपुर में ओकराम इबोबी सिंह के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार है. राज्य में इस बार आयरन लेडी इरोम शर्मिला भी चुनाव लड़ रही हैं और उनका अपना मोर्चा है. इससे यहां का चुनाव इस बार राष्ट्रीय सुर्खी बटोरेगा. वे इस बार मुख्यमंत्री इबोबी सिंह के खिलाफ चुनाव लड़ेंगी, जो थुबल सीट से लड़ते रहे हैं. इरोम शर्मिला ने पीपुल्स रिसर्जेंस एंड जस्टिस एलायंस नामक पार्टी बनायी है.

विधानसभा

कुल सीटें : 60

कांग्रेस : 47 सीटें

तृणमूल कांग्रेस : सात सीटें

नागा पीपुल्स फ्रंट : चार

नोट : ये आंकड़े पिछले विधानसभा चुनाव पर आधारित हैं, जिसमें बाद में हुए उपचुनाव में बदलाव आये.

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