आरके नीरद
संसद में चल रहे गतिरोध के दूर होने की संभावना बनती दिख रही है. सोमवार को संसद में गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा किजरूरत पड़ी तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नोटबंदी पर संसद में होने वाली बहस में जरूर बोलेंगे. उन्होंने कहा कि ‘अगर विपक्ष चाहता है कि प्रधानमंत्री संसद में आएं, तो प्रधानमंत्री आयेंगे और बहस में हस्तक्षेप करेंगे.’ इसे इस बात के संकेत के रूप में देखा जा रहा है कि सरकार विपक्ष के उस दबाव से संसद को बाहर निकालने के पक्ष में है, जो नोटबंदी पर प्रधानमंत्री से सदन में आकर जवाब देने की मांग से पैदा हुआ है.
गौरतलब है कि नोटबंदी और प्रधानमंत्री को सदन में बुलाने को लेकर संसद के दाेनों सदनों का शीतकालीन सत्र पहले ही दिन (16 नवंबर) से सुचारू रूप से चल नहीं पा रहा है. गुरुवार (25 नवंबर) को प्रधानमंत्री राज्यसभा में भोजनावकाश के पहले के सत्र में उपस्थित हुए थे, किंतु भोजनावकाश के बाद उनकी अनुपस्थिति को मुद्दा बना कर विपक्ष ने जबरदस्त हंगामा किया था और उसके बाद सदन की कार्रवाई दिनभर के लिए स्थगित कर दी गयी थी. शुक्रवार को भी दोनों सदनों को स्थगित किया गया था. आज, सोमवार की सुबह, सदन की कार्रवाई शुरू होने के पहले, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद के गतिरोध को लेकर अपने वरिष्ठ मंत्रियों के साथ बैठक की. उधर लोकसभा में रणनीति तय करने के लिए राहुल गांधी ने भी कांग्रेस सांसदों के साथ मीटिंग की. प्रधानमंत्री की बैठक के बाद संसदीय कार्य मंत्री अनंत कुमार ने मीडिया से बातचीत की और कहा,’सरकार दोनों सदनों में नोटबंदी पर चर्चा के लिए तैयार है.’ .
सोमवार को भी नोटबंदी पर संसद नहीं चल सकी. दोनों सदनों की कार्यवाही शुरू होते ही विपक्ष ने हंगामा किया. लंच के बाद दोनों सदनों को कल तक के लिए स्थगित कर दिया गया. सुबह 11 बजे राज्यसभा-लोकसभा की कार्यवाही जैसे ही शुरू दोनों सदन फिर हंगामे में डूब गये. सदन शुरू होने के 10 मिनट बाद ही राज्यसभा अौर 28 मिनट बाद ही लोकसभा 30-30 मिनट के लिए स्थगित कर दी गयी. 12 बजे शुरू होने के साथ ही राज्यसभा की कार्रवाई पहले 2 बजे तक के लिए और फिर दिनभर के लिए स्थगित कर दी गयी. यही लोकसभा में भी हुआ. लोकसभा में विपक्ष ने पीएम की मौजूदगी में वोटिंग के नियम के तहत चर्चा की मांग करते रहे. वहीं राज्यसभा में भी पीएम को बुलाने की मांग होती रही. हंगामे के बीच वित्त मंत्री अरुण जेटली ने लोकसभा में आयकर संशोधन बिल पेश किया. हालांकि प्रधानमंत्री के संसद मेंआने को लेकर गृहमंत्री के बयान के बाद भी विपक्ष का हंगामा थमा नहीं, किंतु लोकसभा अध्यक्ष के आज के रुख आैर गृहमंत्री के बयान से इस यह उम्मीद बनी है कि संसद में 16 नवंबर से बना गतिरोध दूर हो सकेगा.