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पुराने नोट बदलने के लिए पहचान पत्र जरूरी नहीं : रिजर्व बैंक

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नयी दिल्ली : भारतीय रिजर्व बैंक ने यह साफ कर दिया है कि पुराने नोट बदलने के लिए बैंक में पहचान पत्र ले जाने की जरूरत नहीं है. रिजर्व बैंक और वाणिज्यिक बैंकों ने यह कर दिया है कि उन्होंने बैंक शाखाओं को नोट बदलने वालों से उनके पहचान पत्र की फोटोकॉपी लेने के लिए नहीं कहा है. वहीं, रिजर्व बैंक ने अपने दिशा-निर्देश में भी यह निर्देश दिया है कि है कि जो ग्राहक बैंक में पुराने नोट बदलवाने के लिए आयें, उसके पास कोई एक मान्य पहचान पत्र हो. इसके साथ ही रिजर्व बैंक ने यह भी निर्देश दिया है कि किसी भी बैंक की कोई शाखा किसी भी ग्राहक से पहचान पत्र की फोटोकॉपी नहीं लेगी.

अंग्रेजी के अखबार द टाइम्स ऑफ इंडिया के अनुसार, भारतीय स्टेट बैंक के एक अधिकारी ने भी इस बात की पुष्टि की है. उन्होंने बताया कि बैंक को केवल आपके बैंक डिटेल्स और नंबर की जानकारी के लिए मांग पर्ची की जरूरत होती है, जिससे की टेलर आपकी एंट्री को दस्तावेज में दर्ज कर सके.

बताते चलें कि देश में 500 और 1000 रुपये के पुराने नोटों का चलन बंद होने के बाद से कई बैंकों की कई शाखाओं यहां तक कि स्टेट बैंक की शाखा में भी ग्राहकों से उनके पहचान पत्र की फोटोकॉपी ली गयी है. इस वजह से बैंक भीड़ अधिक बढ़ने के साथ ही अफरा-तफरी का भी माहौल बना है. वहीं, कई बैंकों ने ग्राहकों को बैंक के अंदर ही पहचान पत्र की कॉपी कराने की सुविधा मुहैया करा दी, जिससे वे अपने पहचान पत्र की फोटोकॉपी करा के बैंक में जमा कर सकें. इतना ही नहीं, कुछ बैंक दोहरा मानदंड भी अपना रहे हैं.

केवाईसी होने पर पहचान की नहीं है जरूरत
लक्ष्मी विलास बैंक के मुख्य परिचालन अधिकारी ए विद्यासागर के अनुसार, दूसरे बैंक नोट बदलने के लिए आ रहे लोगों से उनके पहचान पत्र की फोटोकॉपी ले रहे हैं, जबकि हम ऐसा नहीं कर रहे. उन्होंने बताया कि हमने अपने बैंक से जुड़े ग्राहकों का केवाईसी ब्योरा रखे हुए हैं. ऐसे में हमें उनके पहचान पत्र का सबूत मांगने की जरूरत ही नहीं है. हालांकि, उन्होंने यह जरूर कहा कि जो लोग बैंक के ग्राहक नहीं हैं, हम उनसे फोटोकॉपी ले रहे हैं. ऐसा हम उनके नाम तारीख और बैंक ब्रांच के रिकॉर्ड के लिए करते हैं.

नोटबंदी की घोषणा के समय पीएम ने पहचान पत्र की कही थी बात
बता दें कि 8 नवंबर को 500 और 1000 रुपये के पुराने नोटों पर प्रतिबंध लगाने की घोषणा करने के समय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के नाम संबोधित अपने भाषण में लोगों से बैंकों में पहचान पत्र लेकर जाने की अपील की थी. उसके बाद नोटों पर प्रतिबंध लगने के बाद पुराने नोटों को बदलने के लिए जारी राजपत्र अधिसूचना में कहा गया है कि जो भी व्यक्ति बैंक में नोट बदलने के लिए जाए वह अपने साथ बैंक में भरी जाने वाली जमा पर्ची और साथ में अपना एक पहचान पत्र जरूर लेकर जायें.

नयी दिल्ली : भारतीय रिजर्व बैंक ने यह साफ कर दिया है कि पुराने नोट बदलने के लिए बैंक में पहचान पत्र ले जाने की जरूरत नहीं है. रिजर्व बैंक और वाणिज्यिक बैंकों ने यह कर दिया है कि उन्होंने बैंक शाखाओं को नोट बदलने वालों से उनके पहचान पत्र की फोटोकॉपी लेने के लिए नहीं कहा है. वहीं, रिजर्व बैंक ने अपने दिशा-निर्देश में भी यह निर्देश दिया है कि है कि जो ग्राहक बैंक में पुराने नोट बदलवाने के लिए आयें, उसके पास कोई एक मान्य पहचान पत्र हो. इसके साथ ही रिजर्व बैंक ने यह भी निर्देश दिया है कि किसी भी बैंक की कोई शाखा किसी भी ग्राहक से पहचान पत्र की फोटोकॉपी नहीं लेगी.

अंग्रेजी के अखबार द टाइम्स ऑफ इंडिया के अनुसार, भारतीय स्टेट बैंक के एक अधिकारी ने भी इस बात की पुष्टि की है. उन्होंने बताया कि बैंक को केवल आपके बैंक डिटेल्स और नंबर की जानकारी के लिए मांग पर्ची की जरूरत होती है, जिससे की टेलर आपकी एंट्री को दस्तावेज में दर्ज कर सके.

बताते चलें कि देश में 500 और 1000 रुपये के पुराने नोटों का चलन बंद होने के बाद से कई बैंकों की कई शाखाओं यहां तक कि स्टेट बैंक की शाखा में भी ग्राहकों से उनके पहचान पत्र की फोटोकॉपी ली गयी है. इस वजह से बैंक भीड़ अधिक बढ़ने के साथ ही अफरा-तफरी का भी माहौल बना है. वहीं, कई बैंकों ने ग्राहकों को बैंक के अंदर ही पहचान पत्र की कॉपी कराने की सुविधा मुहैया करा दी, जिससे वे अपने पहचान पत्र की फोटोकॉपी करा के बैंक में जमा कर सकें. इतना ही नहीं, कुछ बैंक दोहरा मानदंड भी अपना रहे हैं.

केवाईसी होने पर पहचान की नहीं है जरूरत
लक्ष्मी विलास बैंक के मुख्य परिचालन अधिकारी ए विद्यासागर के अनुसार, दूसरे बैंक नोट बदलने के लिए आ रहे लोगों से उनके पहचान पत्र की फोटोकॉपी ले रहे हैं, जबकि हम ऐसा नहीं कर रहे. उन्होंने बताया कि हमने अपने बैंक से जुड़े ग्राहकों का केवाईसी ब्योरा रखे हुए हैं. ऐसे में हमें उनके पहचान पत्र का सबूत मांगने की जरूरत ही नहीं है. हालांकि, उन्होंने यह जरूर कहा कि जो लोग बैंक के ग्राहक नहीं हैं, हम उनसे फोटोकॉपी ले रहे हैं. ऐसा हम उनके नाम तारीख और बैंक ब्रांच के रिकॉर्ड के लिए करते हैं.

नोटबंदी की घोषणा के समय पीएम ने पहचान पत्र की कही थी बात
बता दें कि 8 नवंबर को 500 और 1000 रुपये के पुराने नोटों पर प्रतिबंध लगाने की घोषणा करने के समय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के नाम संबोधित अपने भाषण में लोगों से बैंकों में पहचान पत्र लेकर जाने की अपील की थी. उसके बाद नोटों पर प्रतिबंध लगने के बाद पुराने नोटों को बदलने के लिए जारी राजपत्र अधिसूचना में कहा गया है कि जो भी व्यक्ति बैंक में नोट बदलने के लिए जाए वह अपने साथ बैंक में भरी जाने वाली जमा पर्ची और साथ में अपना एक पहचान पत्र जरूर लेकर जायें.

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