जम्मू: कश्मीर में तनाव और पत्थरबाजी पर एक बार फिर जम्मू-कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने चिंता जाहिर की है. उन्होंने आज एक सभा में कहा कि बच्चों की जगह स्कूलों और कॉलेजों में होनी चाहिए. उनका उपयोग पत्थर फेंकने में नहीं करना चाहिए. इन बच्चों का संबंध कॉलेज, आइआइटी और विश्वविद्यालयों से होना चाहिए, […]
जम्मू: कश्मीर में तनाव और पत्थरबाजी पर एक बार फिर जम्मू-कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने चिंता जाहिर की है. उन्होंने आज एक सभा में कहा कि बच्चों की जगह स्कूलों और कॉलेजों में होनी चाहिए. उनका उपयोग पत्थर फेंकने में नहीं करना चाहिए. इन बच्चों का संबंध कॉलेज, आइआइटी और विश्वविद्यालयों से होना चाहिए, सड़कों से नहीं. उन्होंने कहा कि बच्चों को स्कूलों और कॉलेजों में होना चाहिए. उन्हें अपना करियर बनाना चाहिए, न की पत्थर फेंकना चाहिए. महबूबा ने कहा कि कश्मीर की संस्कृति रही है कि यदि नोटबुक हमारे पैर से लग जाए तो हम उस नोटबुक को माथे पर लगाते हैं.
सभा में सूबे की मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार विकास के लिए फंड उपलब्ध करा रही है. इसके लिए हमें अपने क्षेत्र में काम करने की आवश्यकता है ताकि इस फंड का उपयोग ज्यादा से ज्यादा जन कल्याण के लिए हो सके. केंद्र सरकार की ओर से फंड रिलीज किए जा रहे हैं जो सूबे में शैक्षिक संस्थानों, बुनियादी ढांचे और विकास के लिए है.
आपको बता दें कि रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ में प्यार व एकता को कश्मीर समस्या के समाधान के लिए मूल मंत्र बताया था. साथ ही मासूमों को उकसानेवालों पर नाराजगी जाहिर की और कहा कि एक न एक दिन उन लोगों को इन बेकसूर बच्चों को जवाब देना ही होगा. जोर देकर कहा कि कश्मीर में यदि एक भी व्यक्ति की जान जाती है, चाहे वह कोई युवा हो या सुरक्षा कर्मी, यह हमारे देश का नुकसान है.
उल्लेखनीय है कि जम्मू कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने कश्मीर विवाद के लिए पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के अपनाए रुख को एकमात्र रास्ता बताते हुए रविवार को दावा किया कि यदि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के तहत इस विवाद का हल नहीं हुआ तो, यह कभी नहीं सुलझेगा. उन्होंने रविवार शाम एक कार्यक्रम में कहा कि वाजपेयी सिद्धांत के अलावा कोई और विकल्प नहीं है.