नयी दिल्ली: भाजपा ने मायावती के आगरा की रैली में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर हमले पर पलटवार करते हुए आज कहा कि बसपा प्रमुख दलित की राजनीति के जरिये सिर्फ दौलत बटोरने का काम कर रही है, सपा एवं बसपा के बीच ‘सांठगांठ की राजनीति’ चल रही है और 2017 के विधानसभा चुनाव में उत्तरप्रदेश पर दशकों से शासन करने वाले इन दोनों दलों को हिसाब देना होगा. भाजपा के राष्ट्रीय सचिव श्रीकांत शर्मा ने भाषा से कहा, ‘‘विकास विरोधी, दलित विरोधी पार्टियों को केंद्र सरकार के गांव, गरीब, दलित, किसान उन्मुख कार्यो की सफलता पच नहीं रही है. इसलिए ऐसे दल झूठे और मनगढंत आरोप लगाकार भाजपा को बदनाम करने की साजिश रचते रहते हैं.’ उन्होंने कहा कि जनता इनकी सचाई समझ गई है.
उत्तरप्रदेश के आगरा में मायावती का भाषण झूठ का पुलिंदा है और इससे स्पष्ट होता है कि इनके पांव के नीचे से जमीन खिसक गई है, उनका तानाशाहीपूर्ण रवैया पूरी तरह से स्पष्ट हो गया है. दलितों के नाम पर राजनीतिक करके टिकटों को बेचना और धन उगाही करना इनका धंधा बन गया है. भाजपा के राष्ट्रीय सचिव ने कहा कि मायावती के शासनकाल में 30 हजार दलितों पर अत्याचार के मामले सामने आए थे.
कन्नौज में जब दलित को गोली मारी जाती है तब भी वह लखनउ से बाहर नहीं निकलती हैं. राज्य में काफी संख्या में फर्जी राशन कार्ड हैं और बडी संख्या में राशन कार्ड की पहचान नहीं हुई है और यह मायावती और अखिलेश यादव दोनों के शासन काल में हुई. लेकिन सपा और बसपा में सांठगांठ की राजनीति चल रही है और उत्तरप्रदेश में सपा शासनकाल के दौरान दलितों पर अत्याचार के काफी मामले सामने आने के बाद भी मायावती राज्य के मुख्यमंत्री पर कोई आरोप नहीं लगाती हैं. श्रीकांत शर्मा ने कहा कि 2017 के विधानसभा चुनाव में उत्तरप्रदेश पर दशकों से शासन करने वाले इन दोनों दलों को हिसाब देना होगा. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को 2019 में लोगों के सामने रिपोर्ट कार्ड रखना है और हम उस समय पाई पाई और एक एक दिन का हिसाब देंगे.
नयी दिल्ली: भाजपा ने मायावती के आगरा की रैली में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर हमले पर पलटवार करते हुए आज कहा कि बसपा प्रमुख दलित की राजनीति के जरिये सिर्फ दौलत बटोरने का काम कर रही है, सपा एवं बसपा के बीच ‘सांठगांठ की राजनीति’ चल रही है और 2017 के विधानसभा चुनाव में उत्तरप्रदेश पर दशकों से शासन करने वाले इन दोनों दलों को हिसाब देना होगा. भाजपा के राष्ट्रीय सचिव श्रीकांत शर्मा ने भाषा से कहा, ‘‘विकास विरोधी, दलित विरोधी पार्टियों को केंद्र सरकार के गांव, गरीब, दलित, किसान उन्मुख कार्यो की सफलता पच नहीं रही है. इसलिए ऐसे दल झूठे और मनगढंत आरोप लगाकार भाजपा को बदनाम करने की साजिश रचते रहते हैं.’ उन्होंने कहा कि जनता इनकी सचाई समझ गई है.
उत्तरप्रदेश के आगरा में मायावती का भाषण झूठ का पुलिंदा है और इससे स्पष्ट होता है कि इनके पांव के नीचे से जमीन खिसक गई है, उनका तानाशाहीपूर्ण रवैया पूरी तरह से स्पष्ट हो गया है. दलितों के नाम पर राजनीतिक करके टिकटों को बेचना और धन उगाही करना इनका धंधा बन गया है. भाजपा के राष्ट्रीय सचिव ने कहा कि मायावती के शासनकाल में 30 हजार दलितों पर अत्याचार के मामले सामने आए थे.
कन्नौज में जब दलित को गोली मारी जाती है तब भी वह लखनउ से बाहर नहीं निकलती हैं. राज्य में काफी संख्या में फर्जी राशन कार्ड हैं और बडी संख्या में राशन कार्ड की पहचान नहीं हुई है और यह मायावती और अखिलेश यादव दोनों के शासन काल में हुई. लेकिन सपा और बसपा में सांठगांठ की राजनीति चल रही है और उत्तरप्रदेश में सपा शासनकाल के दौरान दलितों पर अत्याचार के काफी मामले सामने आने के बाद भी मायावती राज्य के मुख्यमंत्री पर कोई आरोप नहीं लगाती हैं. श्रीकांत शर्मा ने कहा कि 2017 के विधानसभा चुनाव में उत्तरप्रदेश पर दशकों से शासन करने वाले इन दोनों दलों को हिसाब देना होगा. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को 2019 में लोगों के सामने रिपोर्ट कार्ड रखना है और हम उस समय पाई पाई और एक एक दिन का हिसाब देंगे.