नयी दिल्ली : सेवा में करीब छह दशक रहने के बाद भारत का तेजस्वी विमान वाहक पोत आईएनएस विराट इस सप्ताह आखिरी बार मुंबई से कोच्चि की यात्रा करने को तैयार है. इसके बाद इसे सेवा से हटा दिया जाएगा.
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आईएनएस विराट इस सप्ताह आखिरी बार समुद्री यात्रा करने को तैयार
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नयी दिल्ली : सेवा में करीब छह दशक रहने के बाद भारत का तेजस्वी विमान वाहक पोत आईएनएस विराट इस सप्ताह आखिरी बार मुंबई से कोच्चि की यात्रा करने को तैयार है. इसके बाद इसे सेवा से हटा दिया जाएगा. यह 23 जुलाई को मुंबई से रवाना होकर 27 जुलाई को सदर्न नेवल कमांड पहुंचेगा […]
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यह 23 जुलाई को मुंबई से रवाना होकर 27 जुलाई को सदर्न नेवल कमांड पहुंचेगा जहां इससे इंजन, राडार, तोप जैसे सभी मूल्यवान उपकरण जैसे आदि हटा दिये जायेंगे. इसके बाद इसे खींचकर वापस मुंबई लाया जाएगा जहां इसे सेवा से हटा दिया जाएगा.
हालांकि अभी तक यह स्पष्ट नहीं है कि इस पोत का क्या होगा. एक दशक से अधिक समय तक यह भारत का अकेला विमान वाहक पोत रहा है. यद्यपि इसे एक साहसिक पर्यटन केंद्र या संग्रहालय में तब्दील करने का प्रस्ताव है, इस पर रक्षा मंत्रालय द्वारा अभी तक कोई निर्णय नहीं किया गया है.
मंत्रालय के विशेषज्ञों को उम्मीद है कि आईएनएस विक्रांत के साथ जो हुआ, वह विराट के साथ नहीं होगा. 1971 के युद्ध में हिस्सा लेने वाले विक्रांत को कबाड के तौर पर बेच दिया गया जिससे कइयों को झटका लगा.
विराट ने सबसे पहले 30 से अधिक वर्षों तक ब्रिटिश नेवी की सेवा की जिसके बाद इसे भारत द्वारा खरीद लिया गया. विराट को मूल रुप से ब्रिटिश रायल नेवी द्वारा 18 नवंबर, 1959 को एचएमएस हरमेस के तौर पर सेवा में शामिल किया गया था. इसे 1987 में भारतीय नौसेना में शामिल किया गया.
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