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पाकिस्तान की ओर से हमला होता है तो हम गोलियों का हिसाब नहीं रखेंगे : राजनाथ सिंह

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फतेहगढ़ साहिब (श्रीनगर) : केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कश्मीर में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के काफिले पर आतंकवादी हमले के मद्देनजर आज स्पष्ट रुप से पाकिस्तान पर भारत को अस्थिर करने का आरोप लगाया. सिंह ने साथ ही कहा कि कल की घटना में यदि कोई चूक हुई है तो उस पर […]

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फतेहगढ़ साहिब (श्रीनगर) : केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कश्मीर में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के काफिले पर आतंकवादी हमले के मद्देनजर आज स्पष्ट रुप से पाकिस्तान पर भारत को अस्थिर करने का आरोप लगाया. सिंह ने साथ ही कहा कि कल की घटना में यदि कोई चूक हुई है तो उस पर गौर किया जाएगा तथा घुसपैठ की स्थिति का पता लगाया जाएगा. उन्‍होंने पाकिस्‍तान को कड़े शब्‍दों में कहा, हम पहली गोली नहीं चलाएंगे लेकिन पाकिस्तान की ओर से हमला होता है तो हम भी गोलियों का हिसाब नहीं रखेंगे.

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गृह मंत्रालय के अधिकारियों का तीन सदस्यीय दल यह पता लगाने के लिए मंगलवार को कश्मीर का दौरा करेगा कि पम्पोर में हुए हमले के मामले में क्या कोई चूक हुई थी. यह हमला हाल के वर्षों में सुरक्षा बलों पर होने वाला भीषण हमला था जिसमें सीआरपीएफ के आठ जवान शहीद हो गए और 21 अन्य घायल हो गए.

अधिकारियों का दल सीमापार से घुसपैठ में हुई संभावित बढोतरी एवं जम्मू कश्मीर में अद्धसैनिक बलों के काफिले के आवागमन में पालन किये जाने वाले तौर तरीकों का भी पता लगाएगा. जम्मू कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने घटना की निंदा की और सीआरपीएफ के शहीद जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि राज्य के लोगों पर ऐसे हमलों का ‘‘सबसे अधिक प्रभाव पडता’ है क्योंकि इससे वे विकास एवं रोजगार से वंचित हो जाते हैं.

उन्होंने कहा कि ऐसे हमले राज्य को ‘‘बदनाम’ करते हैं. उन्होंने साथ ही यह उल्लेख भी किया कि यह हमला रमजान के पवित्र महीने के दौरान किया गया है जब ‘‘लोगों को अपने पूर्व के पापों के लिए क्षमा मांगने के साथ ही प्रायश्चित करना चाहिए’ तथा ‘‘यह सुनिश्चित करना चाहिए कि वे अन्य को आहत न करें.’

हमले के बाद सीआरपीएफ ने कश्मीर घाटी में तैनात अपने जवानों की प्रभावी सुरक्षा के लिए करीब छह बारुदी सुरंग विस्फोट से सुरक्षित भारी बख्तरबंद वाहन एमपीवी :कश्मीर घाटी पहुंचाये हैं. ऐसे वाहनों का इस्तेमाल पहले नक्सलियों के खिलाफ अभियान में किया जाता था.

सिंह ने पाकिस्तान का नाम लिये बिना लेकिन उसकी ओर स्पष्ट रुप से इशारा करते हुए कहा, ‘‘इन आतंकवादियों और हमारे पड़ोसी देश द्वारा भारत को अस्थिर करने का एक प्रयास किया जा रहा है.’ उन्होंने पंजाब के फतेहगढ साहिब में सिख योद्धा बाबा बंदा सिंह बहादुर के 300वें शहीदी दिवस पर एक समारोह को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘मैं अपने सुरक्षाकर्मियों की बहादुरी की प्रशंसा करना चाहता हूं.

मैं उनके साहस को सलाम करता हूं. आतंकवादियों ने उन पर छलपूर्वक हमला किया. यद्यपि हमारे सुरक्षाबलों ने उन दो आतंकवादियों को सफलतापूर्वक मार गिराया. रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने पाकिस्तान की ओर परोक्ष रूप से इशारा करते हुए कहा कि भारत शांति चाहता है ‘‘लेकिन शक्ति की स्थिति से कमजोरी की स्थिति से नहीं.’ उन्होंने कहा कि हमला ‘‘हताशा का परिणाम’ है क्योंकि पिछले एक महीने के दौरान 25..30 आतंकवादियों को पाकिस्तान से घुसपैठ के बाद मार गिराया गया है.

उन्होंने कहा, ‘‘मुझे बहुत दुख है कि आठ जवान शहीद हो गए. क्यों, कैसे हुआ और किसकी गलती थी वह तो एक जांच के बाद स्पष्ट होगा.’ सिंह ने कहा कि उन्होंने गृह सचिव से कहा है कि पम्पोर एक दल भेजा जाए ताकि ‘‘यदि कोई खामी है तो उसका पता लगाया जा सके जिससे हम भविष्य में उसे ठीक कर सकें और इस तरह की घटनाओं में हमारे जवान शहीद नहीं हों.’

दल का नेतृत्व सचिव (सीमा प्रबंधन) सुशील कुमार करेंगे और यह दल अपनी रिपोर्ट जल्द से जल्द सौंपेगा. इस दल में शामिल अन्य अधिकारियों में विशेष सचिव (आंतरिक सुरक्षा) महेश कुमार सिंगला और संयुक्त सचिव ज्ञानेश कुमार भी होंगे.

गृह मंत्री सिंह ने कहा, ‘‘हमें अपने सुरक्षाबलों की वीरता तथा उसकी प्रशंसा करनी चाहिए जिस तरह से वे ऐसी बहादुरी एवं साहस से काम कर रहे हैं…भारत कभी भी उन सुरक्षा बलों को भुला नहीं सकता जो शहीद हुए. वे हमारे साथ नहीं हैं और हम उन्हें अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं.’ महबूबा ने श्रीनगर में सीआरपीएफ के शहीद जवानों के ताबूतों पर पुष्पांजलि अर्पित की और कहा कि उन सुरक्षा बलों को निशाना बनाना ‘‘निंदनीय’ है जो केवल अपना कर्तव्य निर्वहन कर रहे थे.

उन्होंने कहा, ‘‘यह रोजे का महीना है जब लोगों को अपने पूर्व के पापों के लिए क्षमा मांगनी चाहिए और प्रायश्चित करना चाहिए. ऐसे समय में हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि हम अन्य को नुकसान नहीं पहुंचायें. इस तरह के हमले में रोजी रोटी कमाने वाले को छीनकर परिवारों को प्रभावित किया जा रहा है , जो निंदनीय है.’ महबूबा ने कहा, ‘‘इससे कुछ हासिल नहीं किया जा सकता…हम इन कृत्यों से केवल कश्मीर और राज्य को बदनाम कर रहे हैं. हम उस धर्म को भी आघात पहुंचा रहे हैं जिसका हम पालन करते हैं.’ उन्होंने कहा कि आतंकवादी कश्मीर के पर्यटन को भी नुकसान पहुंचा रहे हैं.

उन्होंने कहा, ‘‘कई देशों के लोगों का यहां आना शुरू हो गया है लेकिन इससे यहां की स्थिति के बारे में गलत संकेत जाएगा.’ मुख्यमंत्री महबूबा ने कहा कि इस तरह के हमले जम्मू कश्मीर को बाकी भारत में हो रहे विकास के उसके हिस्से से वंचित करते हैं.

महबूबा ने कहा, ‘‘आज विकास का माहौल है. भारत ढांचागत विकास और स्वास्थ्य में बहुत निवेश आकर्षित कर रहा है लेकिन जब जम्मू कश्मीर की बात आती है तो निवेशक इन घटनाओं के कारण पीछे हट जाते हैं. इन हमलों से सबसे ज्यादा प्रभावित जम्मू कश्मीर के लोग होते हैं.’ पुलिस महानिदेशक के राजेंद्र कुमार ने इन दावों को महत्व नहीं दिया कि यदि बेहतर गुप्तचर सूचना होती तो सीआरपीएफ जवानों के हताहत होने वाली घटना से बचा जा सकता था.

उन्होंने कहा, ‘‘यह आतंकवादियों का हताशा भरा कृत्य है. आपने बीते कुछ दिनों में अनंतनाग, बिजबेहरा या पम्पोर में हमले देखे होंगे. ये हताशा भरे कृत्य हैं. बीते छह महीनों में कई आतंकवादियों और उनके नेतृत्व का खत्मा किया गया है.’ कुमार ने कहा, ‘‘सीआरपीएफ कर्मी अपनी ड्यूटी करके लौट रहे थे और ऐसी स्थिति में उन पर हमला करना आसान होता है. पिछले हमलों में आतंकवादी भागने में कामयाब रहे थे लेकिन कल हमारे जवान अलर्ट थे और खुफिया रिपोर्ट थी जिसके कारण आतंकवादियों को मार गिराया गया. वे भाग नहीं पाये.’

यह पूछे जाने पर कि क्या कल के हमले में शामिल कोई आतंकवादी भागने में सफल रहा, डीजीपी ने कहा, ‘‘हम मामले की जांच कर रहे हैं. हम सभी संभावित कोणों एवं कडियों पर गौर कर रहे हैं और हम उन तक पहुंचेंगे और हम साजिशकर्ताओं को गिरफ्तार करेंगे.’ दो जुलाई को शुरू हो रही आगामी अमरनाथ यात्रा पर कुमार ने कहा, ‘‘हम यात्रा को सुचारु ढंग से पूरा करने के लिए सुरक्षित माहौल हेतु सभी जरुरी कदम उठाएंगे.’ नियंत्रण रेखा से आतंकवादियों की घुसपैठ के बारे में डीजीपी ने कहा, ‘‘कुछ घुसपैठ हुई हैं, जम्मू कश्मीर पुलिस और सुरक्षा बल किसी भी तरह की स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं.’

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