नयी दिल्ली : उच्चतम न्यायालय शहर की एक अदालत में पत्रकारों, छात्रों और शिक्षकों की पिटाई में शामिल लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने में पुलिस की निष्क्रियता की शिकायत करने वाली और जेएनयू छात्र संघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार के लिए हिंसा के डर और पूर्वाग्रह से मुक्त निष्पक्ष सुनवाई की मांग करने वाली याचिका पर कल सुनवाई करेगा.
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कन्हैया मामले पर बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में होगी सुनवाई
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नयी दिल्ली : उच्चतम न्यायालय शहर की एक अदालत में पत्रकारों, छात्रों और शिक्षकों की पिटाई में शामिल लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने में पुलिस की निष्क्रियता की शिकायत करने वाली और जेएनयू छात्र संघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार के लिए हिंसा के डर और पूर्वाग्रह से मुक्त निष्पक्ष सुनवाई की मांग करने वाली याचिका पर […]

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प्रधान न्यायाधीश टी एस ठाकुर, न्यायमूर्ति आर भानुमति और न्यायमूर्ति यू यू ललित की पीठ ने याचिका पर अविलंब सुनवाई पर सहमति दे दी जिसका उल्लेख वरिष्ठ अधिवक्ता इंदिरा जयसिंह ने किया. उन्होंने कहा कि कन्हैया कुमार की दो दिन की पुलिस हिरासत बुधवार को समाप्त हो रही है और उसे एकबार फिर पटियाला हाउस अदालत परिसर में मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट अदालत के समक्ष पेश किया जाएगा, जहां कल हिंसा हुई थी.
जेएनयू के पूर्व छात्र एन डी जयप्रकाश द्वारा दायर याचिका में आरोप लगाया गया कि पुलिस हिंसा के इस निर्लज्ज प्रदर्शन और अदालत परिसर में जमा निर्दोष लोगों पर बर्बरता से बल का प्रयोग किए जाने के दौरान मूकदर्शक बनी हुई थी.
याचिका में कहा गया है, ‘‘यह याचिका महज आरोपी, उसके रिश्तेदारों, मित्रों, वकीलों और पत्रकारों की अपने वैधानिक और पेशागत दायित्वों का निर्वहन करने के दौरान सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग करती है.’ याचिकाकर्ता ने कहा कि अदालत परिसर में अत्यधिक भीड़ और दूषित वातावरण आरोपी के निष्पक्ष सुनवाई के मौलिक अधिकार की राह में आडे आएगा.
याचिकाकर्ता ने शीर्ष अदालत से अनुरोध किया कि वह केंद्र और दिल्ली पुलिस को निर्देश दे कि निष्पक्ष न्यायिक कार्यवाही के लिए सौहार्दपूर्ण वातावरण जरुरी है. यह संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत हर व्यक्ति का मौलिक अधिकार है.
याचिकाकर्ता ने गृह मंत्रालय और पुलिस को इस बात को सुनिश्चित करने का निर्देश देने की मांग की है कि मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट लवलीन की अदालत में कन्हैया कुमार के खिलाफ कार्यवाही उस तरीके से चलाई जाए जो लोगों के मौलिक अधिकारों के लिए नुकसानदेह नहीं हो.
अदालत परिसर में कल हुई हिंसा जिसमें जेएनयू के शिक्षकों और पत्रकारों समेत कुछ महिला मीडियाकर्मियों के साथ अधिवक्ताओं और नेताओं ने मारपीट की थी उसका ब्योरा देते हुए याचिका में कहा गया है कि इस बात को सुनिश्चित करने की जरुरत है कि आरोपी या अदालत की कार्यवाही में हिस्सा लेने के लिए आने वाले किसी भी व्यक्ति को शारीरिक नुकसान या किसी भी तरीके से डराने-धमकाने या बाधा नहीं पहुंचाई जाए. यह अनुरोध किया गया है कि निचली अदालत में कन्हैया कुमार के खिलाफ कार्यवाही में बाधा डालने वाले किसी भी व्यक्ति के खिलाफ उचित कार्रवाई की जाए.
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