नयी दिल्ली : पटियाला हाउस अदालत के अंदर और बाहर वकीलों के कपड़े पहने लोगों के एक समूह ने आज छात्रों और मीडियकर्मियों सहित कम से कम छह लोगों को पीट दिया. इसी अदालत में जवाहरलाल नेहरु विश्वविद्यालय (जेएनयू) के छात्र संघ के अध्यक्ष कन्हैया कुमार के खिलाफ देशद्रोह के मामले की सुनवाई होनी थी.
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कन्हैया की पेशी के दौरान वकीलों का बवाल, जेएनयू छात्रों और मीडियकर्मियों को पीटा
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नयी दिल्ली : पटियाला हाउस अदालत के अंदर और बाहर वकीलों के कपड़े पहने लोगों के एक समूह ने आज छात्रों और मीडियकर्मियों सहित कम से कम छह लोगों को पीट दिया. इसी अदालत में जवाहरलाल नेहरु विश्वविद्यालय (जेएनयू) के छात्र संघ के अध्यक्ष कन्हैया कुमार के खिलाफ देशद्रोह के मामले की सुनवाई होनी थी. […]
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अदालत में सुनवाई से पहले यह झडप उस समय हुई जब वकील बताये जा रहे कुछ लोग अदालती कक्ष में घुसे और ज्यादातर जेएनयू के छात्रों और वकीलों एवं मीडियाकर्मियों से कथित रुप से धक्का मुक्की करने लगे और उनसे परिसर छोड़कर जाने के लिए कहने लगे.
उन्होंने नारे लगाए, ‘‘आप (जेएनयू) राष्ट्रविरोधी और आतंकवादी पैदा करते हैं. आपको देश से बाहर होना चाहिए. हिन्दुस्तान जिंदाबाद, जेएनयू को बंद करो.” इसके बाद उन्होंने छात्रों और शिक्षकों को बाहर की तरफ धक्का दिया.
एआईएसएफ के अध्यक्ष वलीउल्लाह कादरी ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘जब कार्यवाही चल रही थी, वकीलों वाला गाउन पहने कुछ लोगों ने पहले हमसे अपशब्द कहना शुरू किया. और फिर अचानक उनमें से कुछ बिना किसी उकसावे के हमें बुरी तरह पीटने लगे. उन्होंने हमसे धक्का मुक्की की और छात्राओं सहित हमें पीटा.” वित्त मंत्री अरुण जेटली द्वारा दायर मानहानि मामले की सुनवाई के संबंध में अदालत परिसर में आए एक भाजपा विधायक ने भाकपा के कार्यकर्ता माने जाने वाले अमीक जमाई से कथित रुप से धक्का मुक्की की.
छात्रों और शिक्षकों ने अदालती कक्ष से बाहर जाने से इंकार किया और कहा कि उन्हें कार्यवाही में शामिल होने का अधिकार है क्योंकि यह खुली अदालत में सुनवाई है. उस समूह ने कम से कम तीन छात्रों को पीटा.
समूह मीडियाकर्मियों के पहचान पत्रों की जांच भी करने लगा और उनसे अदालती कक्ष से बाहर जाने के लिए कहा. जब मीडियाकर्मियों ने उनकी बातों पर आपत्ति जताई और अदालती कक्ष से बाहर जाने से इंकार किया तो उन्होंने मीडियाकर्मियों पर भी हमला किया. उन्होंने मीडिया पर जेएनयू समर्थक होने और गलत खबरें देने का आरोप लगाया.
प्रिंट एवं इलेक्ट्रानिक मीडिया के दो संवाददाता घायल हो गये. अदालत परिसर में भारी पुलिस बंदोबस्त था लेकिन छात्रों का आरोप है कि इस समूह पर उन्होंने कोई कार्रवाई नहीं की. पुलिसकर्मियों ने बाद में सभी छात्रों, शिक्षकों और मीडियाकर्मियों को अदालत परिसर से बाहर किया.
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